Video
पलायन और बेरोज़गारी के बीच नीतीश की 10 हजार की हलचल, लोग बोले- वोट खरीदने की कोशिश
छठ महापर्व के सम्पन्न होने के बाद बिहार में एक बार फिर चुनाव ने जोर पकड़ लिया है. इसी कड़ी में महागठबंधन ने अपनी पहली साझा चुनावी रैली मुजफ्फरपुर के सकरा विधानसभा क्षेत्र में की. जिसमें महागठबंधन के सबसे बड़े चेहरों में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी खुद एक मंच पर मौजूद दिखे.
इससे पहले महागठबंधन ने अपना घोषणा पत्र (तेजस्वी प्रण) जारी किया. जिसमें बिहार को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पटरी पर लाने का संकल्प लिया गया. इस घोषणापत्र में हर परिवार को सरकारी नौकरी देने की गारंटी, पुरानी पेंशन-योजना को बहाल करने का वादा, महिलाओं को मासिक आर्थिक सहायता और नीतीश के 125 यूनिट मुफ्त बिजली के सामने 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली का आश्वासन शामिल है.
हालांकि, 20 साल से सत्ता पर काबिज नीतीश सरकार ने भी कई घोषणाएं इस बीच की हैं. जिसमें महिलाओं को 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद का वादा महत्वपूर्ण है. लेकिन रैली के दौरान हमने पाया कि यहां आई जनता के लिए अहम मुद्दे- पलायन, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर में सुधार हैं.
नीतीश कुमार की सबसे ताजा योजनाएं और वादे भी जनता को कुछ खास आश्वस्त नहीं कर पा रहे हैं. महिलाओं को बांटे गए 10 हजार रुपयों को ये लोग बस वोट खरीदने की कोशिश भर के रूप में देख रहे हैं. साथ ही आशंका यह भी है कि चुनाव के बाद दिए गए ये 10 हजार रुपए वापस भी ले लिए जाएंगे.
देखिए ये हमारी ये खास रिपोर्ट.
बिहार चुनाव से जुड़े हमारे इस सेना प्रोजेक्ट में योगदान देकर बिहार के लिए नई इबारत लिखने वाले इन चुनावों की कहानियां आप तक लाने में हमारी मदद करें.
Also Read
-
TV Newsance 319: Bihar dramebaazi and Yamuna PR wash
-
Argument over seats to hate campaign: The story behind the Mumbai Press Club row
-
Delhi AQI ‘fraud’: Water sprinklers cleaning the data, not the air?
-
How a $20 million yacht for Tina Ambani became a case study in ‘corporate sleight’
-
NDA’s ‘jungle raj’ candidate? Interview with Bihar strongman Anant Singh