Khabar Baazi
14 साल पहले के स्टिंग ऑपरेशन पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने मांगी माफी
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने 14 साल पहले प्रसारित एक कार्यक्रम को लेकर माफीनामा जारी किया है. ‘दिल्ली के डबल एजेंट्स’ नामक इस कार्यक्रम में पूर्व भाजपा पार्षद अजीत सिंह टोकस पर आरोप लगाए गए थे. इन्हीं आरोपों के लिए राजदीप से सार्वजनिक रूप से माफीनामा जारी किया है.
राजदीप ने सोशल मीडिया एक्स पर पर लिखा, “IBN7 और कोबरा पोस्ट इन्वेस्टिगेशन’ के कार्यक्रम ‘दिल्ली के डबल एजेंट्स’, जो 6 दिसंबर 2011 और 7 नवंबर 2011 को प्रसारित हुआ था, में चैनल की ओर से एक त्रुटिपूर्ण दावा किया गया था. इस कार्यक्रम में यह आरोप लगाया गया था कि अजीत सिंह टोकेस (पूर्व भाजपा पार्षद, मुनिरका वार्ड) ने मुनिरका क्षेत्र में अवैध निर्माण के मामले में धन की मांग की थी- यह वही क्षेत्र है जहां से वे पार्षद निर्वाचित हुए थे.
माननीय लोकायुक्त ने उक्त स्टिंग ऑपरेशन का स्वतः संज्ञान लिया था और सुनवाई के बाद 26 मार्च 2012 को पारित आदेश में यह पाया कि दूसरी पार्टी ने कई बार पेश किए गए ‘रिश्वत के प्रस्तावों’ को अस्वीकार किया था.
रिकॉर्ड में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो यह साबित करे कि श्री टोकेस ने किसी भी परियोजना के संबंध में धन की मांग की हो. उन्होंने स्वयं स्पष्ट किया था कि उनके मुनिरका वार्ड में इस तरह की कोई प्रथा नहीं है.”
राजदीप ने आगे लिखा, “कार्यक्रम के प्रसारण से अजीत सिंह टोकस (पूर्व भाजपा पार्षद, मुनिरका वार्ड) को हुई सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा की क्षति के लिए चैनल की ओर से क्षमायाचना की जाती है. यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उक्त जांच एक बाहरी एजेंसी द्वारा की गई थी, और प्रथम पक्ष की भूमिका केवल उस जांच के आधार पर कार्यक्रम का संचालन करने तक सीमित थी.”
इसके अलावा राजदीप ने यही माफीनाम पढ़ते हुए इंस्टाग्राम पर एक वीडियो भी ट्वीट किया है.
भ्रामक और गलत सूचनाओं के इस दौर में आपको ऐसी खबरों की ज़रूरत है जो तथ्यपरक और भरोसेमंद हों. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और हमारी भरोसेमंद पत्रकारिता का आनंद लें.
Also Read
-
Two-thirds of Delhi does not have reliable air quality data
-
TV Newsance 323 | Distraction Files: India is choking. But TV news is distracting
-
‘Talks without him not acceptable to Ladakh’: Sonam Wangchuk’s wife on reality of normalcy in Ladakh
-
Public money skewing the news ecosystem? Delhi’s English dailies bag lion’s share of govt print ads
-
Month after govt’s Chhath ‘clean-up’ claims, Yamuna is toxic white again