Video
एमएसपी समिति: 3 साल, 38 लाख से ज्यादा का खर्च लेकिन रिपोर्ट का इंतजार
2020-21 में देश भर के किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे. तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ ही किसानों की मांग एमएसपी की गारंटी पर कानून भी था. किसानों ने अपनी मांग के लिए दिल्ली को एक तरह से बंद कर दिया था. सरकार की जिद्द एक साल से ज़्यादा आंदोलन चलने के बाद टूटी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की. साथ ही MSP को और प्रभावी एवं पारदर्शी बनाने के लिए समिति के गठन की भी घोषणा की थी.
19 नवंबर 2021 को की गई इस घोषणा के आठ महीने बाद जुलाई, 2022 में समिति का गठन हुआ. लेकिन तीन साल गुजर जाने के बाद भी समिति अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप पाई है.
इस समिति की आखिरी मीटिंग 8 जनवरी 2025 को हुई थी. उसके बाद से कोई मीटिंग नहीं हुई है. जानकारी के मुताबिक, अब तक समिति की 6 बैठकें और उप-समितियों की 39 यानि कुल 45 बैठकें हो चुकी हैं. इन बैठकों पर अब तक 38 लाख रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं लेकिन अब तक इसकी रिपोर्ट का इंतजार जारी है.
Also Read
-
‘Talks without him not acceptable to Ladakh’: Sonam Wangchuk’s wife on reality of normalcy in Ladakh
-
When media ‘solves’ terror cases, Kashmiris are collateral damage
-
Public money skewing the news ecosystem? Delhi’s English dailies bag lion’s share of govt print ads
-
Month after govt’s Chhath ‘clean-up’ claims, Yamuna is toxic white again
-
The Constitution we celebrate isn’t the one we live under