NL Tippani
शिलाजीत पत्रकारिता और च्यवनप्राश खबरों वाला हफ्ता
भारत पाकिस्तान के बीच सीज़फायर यानी युद्ध विराम हो चुका है लेकिन हमारे खबरिया चैनलों पर युद्ध जारी है. उन्होंने पिछले हफ्ते कई-कई बार पाकिस्तान पर फतह हासिल की है. चैनल धर्म, जाति, संप्रदाय, प्रदेश, पार्टी के सारे मतभेद भुलाकर एक हो गए. सबके बीच एक आम सहमति बनी फेक न्यूज़ फैलाने की. भारत-पाकिस्तान की जंग में पिछला हफ्ता हमारे खबरिया चैनलों के लिए फ्री फॉर ऑल रहा.
मुख्य रूप से जो बड़े और अहम फर्जीवाड़े भारतीय टेलीविजन ने फैलाए उनमें पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष का तख्तापलट, उनकी गिरफ्तारी, पाकिस्तानी पायलटों को जिंदा पकड़ना, कराची में नौसेना का हमला, कराची का बंदरगाह तबाह, भारतीय सेना का पाकिस्तान में घुसना, शाहबाज शरीफ का सरेंडर और इस्लामाबाद पर भारत का कब्जा आदि रहे.
जो लोग भी इन चैनलों पर बैठकर ये सारी खबरें लिख, पढ़ रहे थे उनका इतिहास और भूगोल ज्ञान निःसंदेह बहुत कमजोर है. झूठ बोलने की हुड़क कितनी भी तेज़ हो पर लाहौर छोड़कर सीधे इस्लामाबाद पर कब्जा संभव नहीं है.
देखिए इस हफ्ते की टिप्पणी.
Also Read
-
Gurugram community centre doubles up as detention facility, 74 ‘workers from Bengal, Assam’ in custody
-
In a Delhi neighbourhood, the pedestrian zone wears chains
-
‘True threat at large’: HC order acquitting 12 rips into 2006 Mumbai blasts probe
-
India’s unregulated bidis harm workers, consumers
-
बिहार में मोदीजी, चैनल पर अंजनाजी और दारू में चूहे