विकास जांगड़ा की तस्वीर.
Saransh

वक़्फ़ क़ानून: भाजपा की पलटीमार पॉलिटिक्स का लेखा जोखा

वक्फ कानून की असल कहानी भारत में आजादी के बाद शुरू हुई. जवाहर लाल नेहरू की सरकार में 12 मार्च, 1954 को लोकसभा से पहला वक्फ एक्ट पास हुआ था. उसके बाद 1959, 1964, 1969 और 1984 में इसमें कुछ-कुछ बदलाव हुए.  फिर 1995 और 2013 में पारित कानूनों में बड़े बदलाव सामने आए. 

अब साल 2025 में भाजपानीत सरकार ने इसमें फिर से संशोधन कर दिया है. संशोधन के पीछे भाजपा का प्रमुख तर्क था कि अगर 2013 में कांग्रेस वक्फ एक्ट में बदलाव नहीं करती तो साल 2025 उन्हें कानून लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती. 

हमारे मन में सवाल आया कि क्यों न नए कानून के आलोक में भाजपा और वक्फ बिल के इतिहास पर एक नजर डाली जाए. साथ ही समझा जाए कि कांग्रेस ने वक्फ बिल के इस सफर में क्या वाकई तानाशाही की है जैसा कि भाजपा दावा कर रही है. 

देखिए वक्फ के इतिहास और भाजपा की गुलाटी पर सारांश का ये अंक. 

Also Read: हिट एंड रन: ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल और ‘कानूनी जाल’ का सारांश

Also Read: सारांश: छावा का बहाना, औरंगजेब की कब्र क्यों बनी निशाना?