Video
ओखला में एआईएमआईएम की एंट्री 'आप' के अमानतुल्लाह खान के लिए बनी चुनौती?
2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के पांच उम्मीदवार 50 हजार से ज़्यादा मतों के अंतर से जीते थे. इसमें से एक ओखला विधानसभा सीट से अमानतुल्लाह खान भी थे. अमानतुल्लाह ने भाजपा के ब्रह्म सिंह को 71,827 वोटों से हराया था. इस बार भी ‘आप’ ने अमानतुल्लाह खान को ही मैदान में उतारा है.
हालांकि, उनकी राह कठिन लग रही है. वजह है, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की चुनाव में एंट्री. यहां एआईएमआईएम से ज़्यादा महत्वपूर्ण शिफ़ा-उर रहमान का उम्मीदवार बनकर आना है. जामिया ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के प्रमुख शिफ़ा-उर रहमान सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट के बाद हुए दंगे के मामले में 2020 से जेल में हैं.
शिफ़ा-उर रहमान को लेकर इमोशनल अपील वाले पोस्टर ओखला के अलग-अलग इलाकों में नजर आते हैं. जिसमें उनकी ‘कुर्बानी’ को याद कराया जा रहा है. जिसका असर अमानतुल्लाह खान की बातों में भी दिख रहा है. वो अपने भाषणों में अपनी ‘कुर्बानी’ याद दिलाते नजर आ रहे हैं.
ओखला से ‘आप’ और एआईएमआईएम के अलावा कांग्रेस की उम्मीदवार अरीबा खान हैं. जिनके पिता आसिफ मुहम्मद खान ओखला से विधायक रहे चुके हैं. वहीं, भाजपा की तरफ से मनीष चौधरी मैदान में हैं. मनीष को भी काफी मज़बूत और लोकप्रिय उम्मीदवार माना जा रहा है.
लेकिन जनता के मन में क्या और वे किसे जिताएंगे इसी सवाल को समझने के लिए हमने स्थानीय लोगों से बात की. देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट.
Also Read
-
A conversation that never took off: When Nikhil Kamath’s nervous schoolboy energy met Elon Musk
-
Indigo: Why India is held hostage by one airline
-
2 UP towns, 1 script: A ‘land jihad’ conspiracy theory to target Muslims buying homes?
-
‘River will suffer’: Inside Keonjhar’s farm resistance against ESSAR’s iron ore project
-
Who moved my Hiren bhai?