Khabar Baazi
हरियाणा में भाजपा तो जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-एनसी को बहुमत का जनादेश
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजे साफ हो चुके हैं. हरियाणा में तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है. यहां भाजपा ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं, कांग्रेस को 37 और अन्य पार्टियों के हिस्से में 5 सीटें आई हैं.
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस गठबंधन ने 49 सीटों पर जीत दर्ज की है. गठबंधन में शामिल कांग्रेस को 6, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42 और सीपीआईएम को 1 सीट पर जीत मिली है. मालूम हो कि दोनों ही राज्यों में 90-90 विधानसभा सीटें हैं. जहां सरकार बनाने के लिए कुल 46 सीटों की जरूरत है.
हरियाणा के नतीजों ने चौंकाया
हरियाणा के नतीजों ने सबको चौंका दिया है. खासकर एग्जिट पोल्स के रुझानों में जिस तरह के आंकड़े थे. ये नतीजे उनसे ठीक उलट आए हैं. ज्यादातर एग्जिट पोल्स में कांग्रेस सरकार बनाती दिख रही थी. जबकि नतीजों में अब भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है. वहीं, कांग्रेस एक बार फिर से सत्ता से दूर रह गई. यह लगातार तीसरी बार है. जब हरियाणा में भाजपा ने जीत हासिल की है.
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनावी नतीजों का सटीक विश्लेषण देखने के लिए देखिए ये वीडियो.
दिग्गज हारे और जीते
हरियाणा ने न सिर्फ इस बार नतीजों में चौंकाया बल्कि इसके साथ ही कई दिग्गजों की हार भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. इसमें सबसे ज्यादा चर्चा दुष्यंत चौटाला और बृजेंद्र सिंह की हार की हो रही है. दोनों ही नेता उचाना विधानसभा से सीट से चुनाव लड़ रहे थे. बृजेंद्र सिंह जहां भाजपा के प्रत्याशी देवेंद्र अत्री से मात्र 32 वोट से हार गए. वहीं, दुष्यंत चौटाला 7950 वोट लेकर पांचवें स्थान पर आए.
इसके साथ ही इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय चौटाला ऐलनाबाद सीट से हार गए. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदय भान भी अपनी सीट हार गए.
जम्मू-कश्मीर के समीकरण और नतीजे
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 10 साल बाद चुनाव हुए. यहां भाजपा को 29 सीटें मिली हैं. वहीं, महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी मात्र 3 सीटों पर सिमट गई. उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी चुनाव हार गई. जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन को कुल 49 सीटें मिली हैं. जो कि स्पष्ट बहुमत है.
विज्ञापनदाताओं के दबाव में न आने वाली आजाद व ठोस पत्रकारिता के लिए अपना योगदान दें. सब्सक्राइब करें.
Also Read
-
Haryana’s bulldozer bias: Years after SC Aravalli order, not a single govt building razed
-
Ground still wet, air stays toxic: A reality check at Anand Vihar air monitor after water sprinkler video
-
Chhath songs to cinema screen: Pollution is a blind spot in Indian pop culture
-
Mile Sur Mera Tumhara: Why India’s most beloved TV moment failed when it tried again
-
Crores of govt jobs, cash handouts: Tejashwi Yadav’s ‘unreal’ promises?