Report
यूपी पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल के डर से घर में दुबकी दलित युवती, लगाए छेड़छाड़ के आरोप
उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए बदमाशों के लिए "बुलेट ट्रेन" (कथित तौर पर एनकाउंटर) की बात कही. वहीं, दूसरी तरफ यूपी पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल ने एक दलित युवती का जीना दूभर कर दिया है. महीनेभर से युवती ने घर से निकलना बंद कर दिया है.
पीड़िता और उसके पिता ने मामले की शिकायत थाने में दी लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. पीड़िता एसएसपी कार्यालय पहुंची तो उसे ही डांटा गया. जब इस मामले को भीम आर्मी के झांसी जिला अध्यक्ष ने सार्वजनिक किया तो पुलिस हरकत में आ गई. अब आरोप है कि पीड़िता पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है.
ये है मामला
पूरा मामला झांसी जिले के सीपरी बाजार थाना क्षेत्र का है. इस क्षेत्र के बूढ़ा गांव इलाके में एक युवती (21 वर्ष) रहती है. युवती के पिता रेलवे में कार्यरत हैं.
पीड़िता ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “मैं पुलिस में सिपाही भर्ती की परीक्षा की तैयारी कर रही हूं. छह महीना पहले हमारे सामने वाले घर में यूपी पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल ओमवीर सिंह किराए पर रहने आया. वह मेरी पिता की उम्र का है. पहले ही दिन उसने घर में कई लोगों को बुलाया. इन्होंने जमकर दारू पी और शोर शराबा किया. हम लोगों ने अपने घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद कर लिए. हम समझ गए कि ये लोग ठीक नहीं हैं. फिर आये दिन यहां रात शोर-शराबा और हंगामा होने लगा. मोहल्ले वाले लोग भी परेशान होने लगे. इन्होंने किराए के मकान को शराब का अड्डा बना दिया. हमारे घर के दोनों तरफ सड़क और दरवाजे हैं. इसलिये हमने उनकी तरफ जाने वाला रास्ता बन्द कर दिया और दूसरी तरफ से आने-जाने लगे.”
पीछा करने के आरोप
पीड़िता आगे बताती हैं, “मैं पुलिस भर्ती की परीक्षा के लिए सुबह दौड़ लगाने के लिए घर से कुछ दूर एक पार्क में जाती थी. ओमवीर सिंह ने मेरा पीछा करना शुरू कर दिया. शुरुआत में उसने मुझे गुड़िया, बेटा कहकर बातचीत की तो मैंने भी उससे बातचीत शुरू कर दी. लेकिन कुछ दिन बीतने पर उसकी नजरें मेरे लिए गंदी होती गई. वह मुझसे अश्लील बातें करने की कोशिश करता और शारिरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालने लगा.”
एक माह से घर से निकलना हुआ बन्द
“मैं उसकी इन हरकतों से तंग आ गई. घर वालो को भी मैंने इस बारे में बताया लेकिन घर वालों ने इस मामले से दूर रहने को कहा. मेरा घर से निकलना बंद हो गया. मैं पिछले एक महीने से कहीं आ जा नहीं पा रही हूं. इसके कारण पुलिस भर्ती की तैयारी में भी मुझे परेशानी होने लगी है.” इतना बताते हुए पीड़िता का गला भर आया.
पीड़िता ने आगे बताया कि उनसे किसी तरह हिम्मत जुटाकर ओमवीर सिंह के खिलाफ बीते 30 जुलाई को शिकायत दी. लेकिन उसकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई. फिर वह 31 जुलाई को एसएसपी कार्यालय गई. वहां किसी कर्मचारी की सेवा सेवानिवृत्ति का कार्यक्रम चल रहा था उसकी एसएसपी से मुलाकात नहीं हो सकी. इसके बाद उसने भीम आर्मी के लोगों को पूरी बात बताई.
भीम आर्मी जिलाध्यक्ष मोनी शाक्य आजाद ने इस मामले को सार्वजनिक करते हुए झांसी पुलिस से कार्रवाई करने का निवेदन किया. उसके बाद मामले की जांच क्षेत्राधिकारी, नगर को सौंप दी गई.
पीड़िता ने एसएसपी पर भी लगाए आरोप
पीड़िता बताती हैं कि भीम आर्मी के हस्तक्षेप के बाद पुलिस हरकत में आ गई. महिला थाने से जांच के लिए कुछ लोग आए. उन्हें थाने में भी बुलाया गया. पीड़िता का आरोप है कि 1 अगस्त की दोपहर को वह पिता के साथ थाने में पहुंची. यहां उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया. साथ ही सिपाही का ट्रांसफर करवा देने की बात कही.
पीड़िता यह पूरी बात बताने एसएसपी ऑफिस पहुंची. युवती का कहना है कि एसपी ने भी उसे ही डांट लगाई और कहा कि अगर मामले में शिकायत करनी थी तो तुम भीम आर्मी के पास क्यों गई. इसके बाद वह अपने पिता के साथ लौट आई. फिलहाल मामले में क्या कार्रवाई हो रही है उन्हें नहीं पता.
आरोपी सिपाही मकान मालिक के साथ बना रहा दबाव
पीड़िता ने बताया कि इसके बाद उसी दिन शाम को पुलिस फिर से उनके घर आई. उन्हें बताया कि सिपाही छुट्टी पर चला गया है. वापस आने पर कार्रवाई होगी.
समझौते का दबाव!
पीड़िता ने बताया कि उसे आज सुबह जानकारी मिली कि हेड कॉन्स्टेबल अपने मकान मालिक के साथ उसके घर आने वाला है. उनके परिवार पर काफी दबाव डाला जा रहा है और वह डरे हुए हैं. लेकिन वह इस मामले में कार्रवाई चाहती हैं.
इस मामले में पीड़िता के पिता कहते हैं, “पुलिस वालों ने हमें उसे माफ कर देने के लिए कहा है. पुलिस वालों ने समझाया कि मुकदमे के चक्कर में पड़ेंगे तो बेटी की शादी में भी दिक्कत आएगी. अगले साल हमें अपनी बेटी की शादी भी करनी है इसलिए हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि हम क्या करें.”
क्या कहते हैं आरोप कॉन्स्टेबल?
हेड कॉन्स्टेबल ओमवीर सिंह कहना है कि उनस पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वह गलत हैं. ओमवीर सिंह ने कहा कि उनकी युवती के भाई से कुछ कहा सुनी हो गई थी. वह फिलहाल इस मामले में सुलह करने का रास्ता तलाश रहे हैं. कॉन्स्टेबल ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि लड़की ने ऐसे आरोप क्यों लगाए हैं.
क्या कहते हैं थाना प्रभारी?
वहीं, सीपरी बाजार थाना प्रभारी अखिलेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि पूरे मामले की जांच महिला थाना प्रभारी किरण रावत कर रही हैं. रावत ने बताया कि वह आज ही छुट्टी से लौटी हैं, तो जल्द ही पूरे मामले की पड़ताल करके जवाब देंगी.
इस मामले में हमने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झांसी राजेश से बातचीत की. एसएसपी ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. प्रथम दृष्टया यह लग रहा है कि दोनों पहले से संपर्क में थे. भीम आर्मी से संबंधित आरोपों को उन्होंने निराधार बताया.
मीडिया के बारे में शिकायत करना आसान है, क्या आप इसे बेहतर बनाने के लिए कुछ करते हैं? आज ही न्यूज़लॉन्ड्री की सदस्यता लें और स्वतंत्र मीडिया का समर्थन करें.
Also Read
-
Operation Sindoor debate: Credit for Modi, blame for Nehru
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
4 years, 170 collapses, 202 deaths: What’s ailing India’s bridges?
-
‘Grandfather served with war hero Abdul Hameed’, but family ‘termed Bangladeshi’ by Hindutva mob, cops
-
Air India crash: HC dismisses plea seeking guidelines for media coverage