NL Tippani
ध्रुव राठी पर दक्षिणपंथी हमला और सुधीर चौधरी की क्रांतिकारी पत्रकारिता
बीते हफ्ते सरकार ने अपना बजट पेश कर दिया है. इस टिप्पणी में हम एक औसत मध्यवर्गीय भारतीय का बजट पेश कर रहे हैं. वो मध्यवर्गीय हिंदुस्तानी जिसकी सालाना आय 15 लाख रुपये है. इस 15 लाख रुपये में से 30% की दर से साढ़े चार लाख रुपये इनकम टैक्स चुकाने के बाद उस औसत हिंदुस्तानी शहरी के पास साढ़े दस लाख रुपये बचे हैं. इस साढ़े दस लाख रुपये को वह साल भर में कैसे खर्च करेगा उसे जानने के लिए हमने उसकी एक दिन की दिनचर्या का मुख्तसर सा आकलन किया है.
जबसे नई संसद गठित हुई है, वहां की हवा बदली हुई है. फिज़ाओं में फ्रेशनेस का दीदार हो रहा है. हवा थोड़ी सी दरबारी मीडिया की भी बदली नज़र आ रही है. अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा नफरत, सांप्रदायिकता, जेहाद और चरणवंदना को समर्पित करने वाले सुधीर चौधरी की हवा भी बदल गई है. बीते एक हफ्ते में, खासकर बजट आने के बाद से चौधरी साब ने लगभग हर दिन सत्ता से सवाल किया है, जनहित के मुद्दों पर शो किया है और स्टूडियो से सड़क तक की यात्रा की है.
Also Read
-
‘Foreign hand, Gen Z data addiction’: 5 ways Indian media missed the Nepal story
-
Mud bridges, night vigils: How Punjab is surviving its flood crisis
-
Adieu, Sankarshan Thakur: A rare shoe-leather journalist, newsroom’s voice of sanity
-
Corruption, social media ban, and 19 deaths: How student movement turned into Nepal’s turning point
-
Hafta letters: Bigg Boss, ‘vote chori’, caste issues, E20 fuel