Report
दिल्ली राजेंद्र नगर: हादसे से तीन दिन पहले हुई थी शिकायत, फिर भी सोता रहा प्रशासन
देश के यूपीएससी हब राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में फंसकर तीन यूपीएससी एस्पिरेंट छात्रों की मौत पर प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है की प्रशासन की अनदेखी और कोचिंग मैनेजमेंट की वजह से इन छात्रों की मौत हुई. हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में बताया था कि कैसे बेसमेंट में सिर्फ स्टोरेज की परमिशन मिलने के बावजूद राव आईएएस स्टडी सर्किल मनमानी तरीके से बेसमेंट में लाइब्रेरी चला रहा था और छात्रों की जान से खिलवाड़ कर रहा था. वहीं हमने यह भी बताया था की राजेंद्र नगर सहित पूरे इलाके में कैसे ड्रेनेज को जिम्मेदार संस्थाओं द्वारा साफ नहीं किया गया जिसकी वजह से जल भराव की स्थिति पैदा हुई.
अभी इस दुर्घटना के पीछे प्रशासन की तरफ से एक और लापरवाही का मामला सामने आया है. दरअसल इस हादसे के तीन दिन पहले यानी 24 जुलाई को राव आईएएस स्टडी सर्किल में पढ़ने वाली छात्रा कनिष्क तिवारी ने दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग में जल भराव से आने वाले खतरे को लेकर एक शिकायत दर्ज कराई थी. यहां तक की कनिष्का तिवारी ने ओल्ड राजेंद्र नगर में जल भराव की तस्वीर भी पीडब्ल्यूडी को मेल की थी. यह शिकायत पीडब्ल्यूडी द्वारा दिल्ली एमसीडी को ट्रांसफर की गई थी. लेकिन फिर भी इस इलाके में ड्रेनेज को साफ करने के लिए कोई एक्शन नहीं लिया गया. हम आपको बता दें कि इस हादसे के पीछे एक बड़ी वजह ड्रेनेज सिस्टम का फेल हो जाना भी है.
हमसे बातचीत में कनिष्क तिवारी ने बताया कि उन्होंने इसी साल राव आईएएस स्टडी सर्किल में एडमिशन लिया है. उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते दिल्ली के पटेल नगर में जल भराव के कारण एक यूपीएससी अभ्यर्थी की करंट लगने से मौत हो गई थी. इसके बाद एक जागरूक नागरिक होने के नाते उन्होंने पीडब्ल्यूडी में ओल्ड राजेंद्र नगर सहित करोल बाग के पूरे क्षेत्र में जल भराव को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया.
वह कहती हैं कि अगर प्रशासन समय से एक्शन लेता तो उन तीन यूपीएससी छात्रों की जान नहीं जाती.
देखिए पूरा वीडियो-
Also Read
-
From Nido Tania to Anjel Chakma — India is still dodging the question of racism
-
‘Should I kill myself?’: How a woman’s birthday party became a free pass for a Hindutva mob
-
I covered Op Sindoor. This is what it’s like to be on the ground when sirens played on TV
-
Cyber slavery in Myanmar, staged encounters in UP: What it took to uncover these stories this year
-
Hafta x South Central: Highs & lows of media in 2025, influencers in news, Arnab’s ‘turnaround’