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आया राम गया राम, भाग 15: पांचवें चरण में एनडीए के 53% उम्मीदवार दलबदलू, ईडी की चाबुक चलने के बाद इनमें से 2 शिंदे गुट में
पांचवे चरण में कुल 15 दलबदलू उम्मीदवार चुनाव में खड़े हो रहे हैं. इनमें से 8 भाजपा की एनडीए में हैं तो वहीं एक तृणमूल कांग्रेस समेत छह इंडिया गठबंधन में हैं. बीजू जनता दल ने भी एक दलबदलू उम्मीदवार को उतारा है.
आठ राज्यों की 49 सीटों पर 20 मई को पांचवें चरण के चुनाव होने हैं. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 7 दलबदलू नेता हैं. इनमें से 6 शिंदे गुट के हैं. इन 6 में से 2 ने ईडी द्वारा समन भेजे जाने के बाद पाला बदला और एक पर यौन शोषण के आरोप हैं.
आइए शिवसेना (एकनाथ शिंदे) गुट के उन चार विवादित दलबदलू उम्मीदवारों पर एक नज़र डालते हैं.
रवींद्र वाईकर: ईडी का मुकदमा
रवींद्र वाईकर मुंबई उत्तर पश्चिमी क्षेत्र से शिंदे गुट के उम्मीदवार हैं. वे जोगेश्वरी से तीन बार विधायक रह चुके हैं. पूर्व में हाउसिंग और शिक्षा मंत्री रह चुके 65 वर्षीय वाईकर का राजनीतिक जीवन 1992 में शुरू हुआ. वे मुंबई महानगरपालिका के 4 बार कॉर्पोरेटर रह चुके हैं और नगरपालिका निकाय की स्थायी समिति के 4 बार अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2009 में लड़ा था.
वे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी रहे थे. इस बार वे सेना बनाम सेना की लड़ाई में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला शिवसेना (उद्धव) के अमोल कीर्तिकर से होगा. अमोल वर्तमान सांसद और शिंदे गुट के नेता गजानन कीर्तिकर के बेटे हैं.
वाईकर और कीर्तिकर दोनों पर ईडी के द्वारा दो अलग-अलग मामलों में कार्रवाई चल रही है. दरअसल, वाईकर पर पिछले साल नवंबर में ईडी द्वारा पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किये जाने के तीन महीने पश्चात उन्होंने पार्टी बदल ली. पहले उन्होंने दो ईडी द्वारा भेजे गए दो समनों का जवाब नहीं दिया और फिर अंततः जनवरी के अंत में जाकर जांच में सहयोग किया. एक महीने बाद, मार्च में उद्धव ठाकरे के साथ एक सभा करने के कुछ ही घंटों बाद ही उन्होंने पाला बदल लिया. उन्होंने कहा, “अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता” की वजह से उन्होंने पार्टी बदली. उन्होंने खुलेआम ये भी कहा था कि “पार्टी नहीं बदलता तो जेल जाना पड़ता”.
तकरीबन उसी वक्त, मुंबई महानगरपालिका ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा देकर कहा कि वे वाईकर के मामले पर पुनर्विचार करना चाहते हैं. वाईकर पर मुंबई की आरे मिल कालोनी में खेल के मैदान के लिए संरक्षित सरकारी जमीन पर अनुमति लेकर पांच सितारा होटल बनाने की वजह से 2021 में मुंबई महानगरपालिका को 500 करोड़ रुपये की चपत लगाने का आरोप लगा था. इस मामले में 2023 में विवादित भाजपा नेता किरीट सोमैया ने शिकायत दर्ज कराई थी. वाईकर और उनकी पत्नी ने बाद में सोमैया पर 100 करोड़ की मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था.
वाईकर की उम्मीदवारी की घोषणा होने के बाद सोमैया ने कहा था, “भाजपा ने 400 सीटें जीतने के लिए समझौता” किया है. बाद में, एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “अगर आपकी कमीज पर दाग लग जाए तो उसे धोकर फिर से पहन लीजिए. उन्हें (रवींद्र वाईकर और यामिनी जाधव) भी मौका मिलना चाहिए.” यामिनी के बारे में हम आगे बात करेंगे.
पिछले पांच सालों में वाईकर की संपत्ति 10 करोड़ से बढ़कर अप्रैल 2024 में 54 करोड़ हो गई है. उनके हलफनामे के मुताबिक, ईडी के मामले के अलावा, उनपर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के भी दो मामले दर्ज हैं.
यामिनी जाधव : दम्पत्ति पर आईटी और ईडी की जांच, पर कोई मुकदमा नहीं
यामिनी जाधव मुंबई दक्षिण से शिंदे गुट की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. 56 वर्षीय यामिनी भायखला विधानसभा से विधायक हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2012 में मुंबई महानगरपालिका के कॉर्पोरेटर के तौर पर शुरू किया था. सात साल बाद वे 2019 में पहली बार विधानसभा के लिए चुनी गईं. 20 मई को होने वाले चुनाव में वे पहली बार लोकसभा के लिए खड़ी हुई हैं. उनके खिलाफ शिवसेना (उद्धव) ने अरविंद सावंत को खड़ा किया है.
उनके पति यशवंत जाधव भी पूर्व में कॉर्पोरेटर और मुंबई महानगरपालिका के स्थायी समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं. फरवरी 2022 में आयकर विभाग और ईडी दोनों ने शेल कंपनी के माध्यम से दम्पत्ति के हवाला लेनदेन की जांच की थी. आयकर विभाग ने उनके 2019 के हलफनामे में “गलत जानकारी” देने के लिए विधायक पद से बर्खास्त करने की सिफारिश भी की थी.
उनपर केंद्रीय जांच एजेंसी की आंख तब पड़ी जब यशवंत जाधव पर स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाए लेकिन कामयाब नहीं हो सके. इसके अलावा एक वीडियो में वे एक ठेकेदार को धमकी देते दिखे. इसपर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी.
केन्द्रीय जांच एजेंसी ने दम्पत्ति की फेमा के उल्लंघन और धन शोधन के संदेह में भी जांच की थी. यह मामला तब ठंडे बस्ते में चला गया था जब उद्धव ठाकरे के धुर समर्थक माने जाने वाले दम्पत्ति एकनाथ शिंदे के साथ हो लिए. लेकिन चुनाव के कुछ हफ़्ते पहले आईटी विभाग ने दम्पत्ति से 2018-2022 के बीच 143 करोड़ रुपयों के टैक्स की मांग की थी.
गौरतलब है कि यामिनी के हलफनामे में वर्तमान में किसी भी आपराधिक मामले का मुकदमा दर्ज नहीं है. 2019 में उनके पास 9 करोड़ रुपयों की संपत्ति थी जो 2024 में बढ़कर 13 करोड़ रुपये की हो गई है.
ईडी का चाबुक चलने के बाद पाला बदलने वाले 14 बड़े दलबदलू नेताओं पर न्यूजलॉन्ड्री ने पहले भी रिपोर्ट किया था.
राहुल शेवाले: 4 बार के कॉर्पोरेटर, बलात्कार के आरोपी, हलफनामे में कोई मुकदमा नहीं
राहुल शेवाले मुंबई दक्षिण-केंद्र से शिवसेना (शिंदे) के उम्मीदवार हैं. 51 वर्षीय राहुल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2002 में की थी. वे 2014 तक 4 बार मुंबई महानगरपालिका के अध्यक्ष रह चुके हैं.
इसी दौरान 2004 में उन्होंने विधानसभा चुनाव भी लड़ा जो वे हार गए. लेकिन 2014 में मुंबई दक्षिण-केंद्र से ही वे लोकसभा चुनाव जीतने से सफल रहे थे. उन्होंने यह सीट 2019 में भी जीता था. जून 2022 में शिवसेना में दरार पड़ने पर शिंदे के साथ जाने वाले शुरुआती नेताओं में से एक राहुल भी थे.
पार्टी बदलने के दो महीने पहले, दुबई की एक 33 वर्षीय महिला ने शेवाले पर शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का आरोप लगाया था. साकीनाका पुलिस थाने में लिखित शिकायत में महिला ने शेवाले पर “भावनात्मक और मानसिक तौर पर शोषण” करने का आरोप लगते हुए 2020 से यौन शोषण करने का आरोप लगाया.
महिला ने पीटीआई को बताया, “मैं जब भी दुबई से आती थी तो सांसद मुझे दिल्ली स्थित अपने आवास पर रात्रि भोजन के लिए बुलाते थे. अक्टूबर 2021 में मैंने अपने इंस्टाग्राम पर शेवाले के साथ अपनी एक वीडियो डाली थी. इसके बाद उन्होंने शरजाह में एफआईआर करा दिया और मुझे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. मैंने जेल में 78 दिन बिताए पर मैं छूट गई.”
लेकिन हलफनामे में राहुल ने अपने ऊपर कोई भी मुकदमा नहीं घोषित किया है. बल्कि उल्टे राहुल ने ही महिला पर “छवि खराब करने” के कई सारे मुकदमे दर्ज कर दिए. हालांकि, मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसी महीने महिला को अंतरिम सुरक्षा दे दी. शेवाले ने महिला के दाऊद से संबंध होने का भी आरोप लगकर एनआईए जांच तक की मांग की.
दूसरी तरफ, शिवसेना (उद्धव) इस मामले में शेवाले पर लगातार हमलावर हो रही है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक लेख भी छापा था जिसमें शेवाले के कथित “रियल एस्टेट की कारगुजारियों” के संबंध में लिखा गया है. शेवाले ने इसपर उद्धव ठाकरे और संजय राऊत पर मानहानि का मुकदमा दर्ज किया है. शेवाले भी अडाणी के धारावी पुनर्विकास परियोजना के खिलाफ शिवसेना (उद्धव) के रुख की सार्वजनिक आलोचना कर रहे हैं.
शेवाले के पास सिविल इंजीनियर की डिग्री है. वे पेशे से व्यवसायी हैं. उनके पास अप्रैल 2024 में 13 करोड़ रुपयों की संपत्ति है. 2014 में यह 1.33 करोड़ रुपये की थी.
नरेश म्हासके: पूर्व ठाणे महापौर, भाजपा कॉर्पोरेटरों का सामूहिक इस्तीफा
नरेश म्हासके ठाणे से शिंदे गुट के प्रत्याशी हैं. ठाणे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ है. 54 वर्षीय म्हासके ठाणे के पूर्व महापौर रह चुके हैं. उन्होंने शिंदे के साथ जाने के लिए महापौर के पद से त्यागपत्र दे दिया था. अब उन्हें लोकसभा टिकट से नवाजा गया है.
अपने पाला बदलने के बाद उन्होंने उद्धव पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया और कहा : “पहले 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ाई की और फिर कांग्रेस व एनसीपी के साथ गठबंधन किया. बताइए किसने पीठ पर चाकू मारा?”
लोकसभा चुनावों में शिवसेना के दोनों धड़ों के बीच की एक और लड़ाई में म्हासके शिंदे गुट से लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला उद्धव गुट के राजन विचारे से होने वाला है. अपनी उम्मीदवारी की घोषणा पर लंबे समय तक सैनिक रहे म्हासके ने कहा कि सिर्फ शिवसेना ही उनके जैसे “आम आदमी को इतना ऊपर उठा” सकती थी. इस बयान से भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष प्रकट हुआ था.
म्हासके के नामांकन और वर्तमान भाजपा सांसद संजीव नायक के टिकट नहीं देने पर नायक के समर्थकों और 64 भाजपा कॉर्पोरेटरों व सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पिछले महीने सामूहिक इस्तीफा दिया था.
कार्यकर्ताओं ने अपना इस्तीफा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को भेजा और “भाजपा को वोट नहीं” के विज्ञापन पत्र लगाकर विरोध प्रदर्शन किया. फिर उप-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को हस्तक्षेप करना पड़ा तब जाकर कार्यकर्ताओं ने अपने इस्तीफे वापस लिए और म्हासके के अभियान में सम्मिलित हुए.
म्हासके ने कक्षा 12वीं तक पढ़ाई की है. उनकी राजनीतिक रणनीतियों की वजह से उनके समकालीन उनको “चाणक्य” कहते हैं. उनका निर्माण कार्य का व्यवसाय है. उनके पास 26 करोड़ रुपयों की संपत्ति है. उनपर 2 मुकदमे भी लंबित हैं. इनमें से एक लोक सेवक के खिलाफ बलप्रयोग का है.
अनुवाद- अनुपम तिवारी
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