Video
जेएनयू: नारों और दीवारों पर पुताई का फरमान
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की दुनियाभर में अपनी एक अलग पहचान है. यहां रंगी दीवारें, पोस्टर और पेंटिंग सरकार के खिलाफ आवाज उठाती हैं. कहा जाता है कि यहां की दीवारें भी अन्याय के खिलाफ बोलती हैं, मुद्दों पर बहस करती हैं यानी यहां की दीवारें भी आंदोलनकारी हैं. हालांकि, इंकलाबी नारों और स्लोगन से रंगी इन दीवारों पर अब पेंट करने का फरमान जारी हुआ है. इसके बाद से पोस्टर और पेंटिंग को हटाया जा रहा है. इसी की पड़ताल करने के लिए हमने विश्वविद्यालय का दौरा किया और जानने की कोशिश की कि आखिर जेएनयू जिस बात के लिए जाना जाता है, वह अब कितना बदल गया है.
यहां के छात्रों का कहना है कि जेएनयू की संस्कृति को खत्म किया जा रहा है. पीएचडी कर रहे छात्र हिमांशु कहते हैं, "जब से बीजेपी की सरकार आई है तब से टारगेट किया जा रहा है. डेमोक्रेटिक स्पेस को खत्म करने का काम किया जा रहा है. प्रदर्शनों पर भी रोक लगाई जा रही है, कैंपस के इतिहास को ही खत्म किया जा रहा है."
जेएनयू से पीएचडी कर रहे छात्र अशोक कुमार कहते हैं, "यह सिर्फ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में ही नहीं हो रहा है बल्कि पूरे देशभर में ऐसा हो रहा है. सभी जगहों का भगवाकरण किया जा रहा है. पहले जब जेएनयू का कल्चर जिंदा था तब हॉस्टल में पब्लिक टॉक्स हुआ करते थे. सभी विचारधारा के लोग एक साथ बीजेपी, आरएसएस, कांग्रेस, लेफ्ट चाहे वह किसी का भी समर्थन करता हो, वे सब अपने विचार रखते थे. लेकिन अब यह सब ख्त्म हो रहा है."
बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने छात्रों के धरने से लेकर कैपस में पोस्टर लगाने तक, तमाम नियम कड़े और जुर्माना तय कर दिया है. धरना देने, दीवारों पर पोस्टर लगाने पर 20 हजार रुपए तक का जुर्माना है. इसके अलावा कुछ मामलों में छात्र को कैंपस से निष्काषित करने का भी प्रावधान है.
देखिए ये पूरी वीडियो रिपोर्ट-
Also Read
-
On the ground in Bihar: How a booth-by-booth check revealed what the Election Commission missed
-
Kalli Purie just gave the most honest definition of Godi Media yet
-
TV Newsance 311: Amit Shah vs Rahul Gandhi and anchors’ big lie on ‘vote chori’
-
4 journalists killed in Israeli attacks on Gaza hospital
-
एसएससी प्रदर्शन: रामलीला मैदान में कवरेज कर रहे द लल्लनटॉप के दो पत्रकारों को हिरासत में लिया