Khabar Baazi
प्राइम टाइम पर हिंदू राष्ट्र की चर्चा: सीएनएन न्यूज़-18 पर पुरी शंकराचार्य का इंटरव्यू
“क्या अपने कर्म के द्वारा अपने वर्ण को बदला जा सकता है, क्योंकि कहीं न कहीं यहीं पर समाज में बसे ज्यादा कुंठा है?”
“ऐसा है कि विदुरजी थे तो, ब्राह्मण तो नहीं माने गए, लेकिन ब्राह्मणोचित शील और स्वभाव को धारण कर सकते हैं. लेकिन ब्राह्मण की बेटी से विवाह नहीं कर सकते.”
पुरी स्थित गोवर्धन मठ के शंकराचार्य का ये जातिवादी जवाब वायरल हो रहा है. यह बातचीत सीएनएन न्यूज़-18 पर शंकराचार्य के साथ हुई. इस पूरी बातचीत में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि सामने बैठे पत्रकार (आनंद नरसिम्हन) ने शंकराचार्य से पलट कर सवाल क्यों नहीं किया. वह बस मुस्कराते रहे. शंकराचार्य के जातिगत श्रेष्ठता जैसे मूर्खतापूर्ण तर्क पत्रकार ने कोई प्रतिकार दर्ज नहीं किया, उल्टे नतमस्तक होकर दांत दिखाता रहा.
सीएनएन न्यूज़18 के आनंद नरसिम्हन ने इस पूरे इंटरव्यू के दौरान शायद ही पलटकर कोई सवाल किया हो. बल्कि कुछ सवाल भी ऐसे थे जो सीधे तौर पर जातिवाद, सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले थे.
इंटरव्यू के दौरान आनंद हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पर भी सवाल करते हैं, वे पूछते हैं, “कुछ लोग कहते हैं कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना चाहिए, इसमें ये कहते हैं कि फिर ये मेजोरिटेरियनिज़्म (बहुसंख्यकवाद) हो जाएगा, कि एक ही कम्यूनिटी, जाति, रिलीजन को आप बढ़ावा देंगे और बाकियों को दबाने की बात कर रहे हैं, तो आपको लगता है कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना गलत नहीं है?”
इसके जवाब में शंकराचार्य कहते हैं, “सही है, लेकिन कौन करे. आजकल के संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री कर सकते हैं, क्या वो सब उनके सीमा का है क्या? चाहें भी तो नहीं कर सकते. वो सब काम हम लोगों का है. इसीलिए पहले वातावरण बनाना चाहिए. हमारे काम करने की विधा है. साथ वाले जानते हैं. 80 प्रतिशत काम भाव राज्य में बनाके, माहौल तैयार करके हो जाता है. बाकी कितने बचे 20 प्रतिशत, 20 प्रतिशत काम संघर्ष करके हो जाता है.”
जातिगत श्रेष्ठता के भाव पर आनंद एक सवाल करते हैं और पूछते हैं कि ब्राह्मण कौन होंगे, कर्म से या जन्म से?
इसके जवाब में शंकराचार्य हैं कि ऐसा संभव नहीं है क्योंकि वर्ण को भगवान ने बनाए हैं. वह कहते हैं, “महाभारत आदि में ये भी आख्यान आता है कि किसी क्षत्रिय ने बहुत प्रयास किया है लेकिन बाद में ब्राहम्ण कुल में जन्म लेने के बाद ही परमगति प्राप्त हुई.”
शंकराचार्य इसी इंटरव्यू में आगे कहते हैं, “पूर्ण गुरुत्व ब्राह्मणों में होता है.”
एक और सवाल के जवाब में वह कहते है, “लंगड़ी-लूली गाय हो, दूध न दे लेकिन मार दे तो गौहत्या का पाप तो लगेगा. इसीलिए ब्राह्मण कुल में पैदा होने पर ब्राह्मण तो रहेगा ही.”
शंकराचार्य के सीधे तौर पर जातिवाद और धार्मिक श्रेष्ठता को बढ़ावा देने वाले जवाबों पर सीएनएन न्यूज़18 के वरिष्ठ पत्रकार का हां में हां मिलाना के पीछे एक बड़ी वजह है.
दरअसल, मेनस्ट्रीम मीडिया में सीधे-सीधे सवर्ण जातियों का वर्चस्व है. न्यूज़लॉन्ड्री ने इस मामले पर ऑक्सफैम के साथ मिलकर एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी. जिसमें बताया गया था कि कैसे साल 2022 तक भी मीडिया में एक ही दलित या आदिवासी किसी बड़े पद पर नहीं है. आप यह रिपोर्ट यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं.
Also Read
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy
-
You can rebook an Indigo flight. You can’t rebook your lungs
-
‘Overcrowded, underfed’: Manipur planned to shut relief camps in Dec, but many still ‘trapped’
-
Since Modi can’t stop talking about Nehru, here’s Nehru talking back