Report
2013 पॉक्सो केस: दीपक चौरसिया, चित्रा त्रिपाठी, अजीत अंजुम समेत 8 लोगों पर आरोप तय
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत पत्रकार दीपक चौरसिया, चित्रा त्रिपाठी, अजीत अंजुम और राशिद हाशमी समेत आठ मीडिया पेशवरों पर गुरुग्राम की एक विशेष अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं. ये मामला साल 2013 का है.
इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 469, 471 (जालसाजी), सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67बी (बच्चे को ऑनलाइन उत्पीड़ित करना) एवं 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) और पॉक्सो एक्ट की धारा 23 (मीडिया द्वारा पीड़ित बच्चे की पहचान जाहिर करना) एवं 13सी (अश्लील प्रयोजनों के लिए बच्चों का उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शशि चौहान ने कुल 8 लोगों के लिए ये आदेश दिए. गत सोमवार से ये आदेश सार्वजनिक कर दिए गए.
ये है पूरा मामला
दरअसल, नाबालिग बच्ची के एक रिश्तेदार ने इस मामले की शिकायत दी थी. शिकायत में तीन समाचार चैनलों न्यूज़ 24, इंडिया न्यूज़ और न्यूज़ नेशन के खिलाफ रूपांतरित (एडिटेड) वीडियो प्रसारित करने के आरोप लगाए गए थे.
शिकायत में लिखा था, "2 जुलाई 2013 को आसाराम बापू और उनके तीन चार अनुयायी हमारे घर आए. मेरी पत्नी, उनकी सहेलियां और बच्ची भी वहां पर थे. हमने उनकी पूजा की और उन्होंने हमें आशीर्वाद दिया. एक अनुयायी ने भविष्य के लिए इसका वीडियो बनाया था."
13 अगस्त 2013 को, एक नाबालिग पर यौन उत्पीड़न के आरोप में जोधपुर से आसाराम बापू की गिरफ्तारी से दो महीने पहले यह घटना हुई थी. 2018 में आसाराम पर आरोप साबित हुए और उन्हें उम्रकैद की सजा दी गई.
यह शिकायत 15 दिसंबर, 2013 को दी गई और एफआईआर भी उसी दिन दर्ज हो गई. यह एफआईआर जीरो एफआईआर थी, जो कहीं भी दर्ज कराई जा सकती हैं भले ही कथित अपराध कहीं भी किया गया हो.
शिकायत में कहा गया कि यह वीडियो किसी तरह मीडिया के पास पहुंच गया. बच्ची के रिश्तेदार का कहना था कि इस वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई थी और उसे न्यूज़ चैनलों पर पत्नी को "सेक्स रैकेट की सरगना" दिखाते हुए प्रसारित किया गया. इसके साथ-साथ "आसाराम का एमएमएस" और "आसाराम की डर्टी पिक्चर" जैसी हेडलाइन भी चलाई गईं. ऐसे ही एक कार्यक्रम के दौरान हाशमी ने कहा, "अगर बच्ची आसाराम बापू के साथ अकेली होती तो उसका क्या हुआ होता?"
शिकायत कहती है, "परिवार को बदनाम करने के उद्देश्य से, आसाराम को बच्ची के कंधे पर एक हाथ रखे दिखाया गया था."
इस मामले में पॉक्सो अधिनियम की धारा 23 के तहत आरोप तय करते हुए जज ने कहा, “आरोपी ने वीडियो को संपादित और रूपांतरित कर पीड़िता को बहुत ही अश्लील और अभद्र तरीके से दिखाया.”
जब वीडियो प्रसारित किया था तब आरोपियों में से तीन लोग- अजीत अंजुम, मोहम्मद सोहेल और जोधपुर के रिपोर्टर सुनिल दत्त न्यूज़24 में कार्यरत थे.
अन्य पांच आरोपी इंडिया न्यूज़ से जुड़े थे. जिसमें मुख्य संपादक दीपक चौरसिया, एंकर चित्रा त्रिपाठी, राशिद हाशमी, जोधपुर के रिपोर्टर ललित सिंह बड़गुर्जर और प्रोड्यूसर अभिनव राज शामिल हैं. चौरसिया अब ज़ी न्यूज़ के कंसल्टिंग एडिटर और एंकर हैं. वहीं, चित्रा त्रिपाठी आज तक से जुड़ी हुई हैं. हाशमी, इंडिया न्यूज़ के कार्यकारी संपादक हैं.
इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
Also Read
-
How Muslims struggle to buy property in Gujarat
-
A flurry of new voters? The curious case of Kamthi, where the Maha BJP chief won
-
क्लाउड सीडिंग से बारिश या भ्रम? जानिए पूरी प्रक्रिया
-
टीवी रेटिंग प्रणाली में बदलाव की तैयारी, सरकार लाई नया प्रस्ताव
-
I&B proposes to amend TV rating rules, invite more players besides BARC