What's New at NL- Newslaundry Hindi
आधुनिक तकनीक का उम्दा इस्तेमाल: न्यूज़लॉन्ड्री ने जीता 2023 का डिजिपब अवॉर्ड
न्यूज़लॉन्ड्री एप ने इस साल का डिजिपब अवॉर्ड जीतने में सफलता पाई है. अवॉर्ड समारोह का आयोजन एएफएक्यू द्वारा किया गया था. न्यूज़लॉन्ड्री को यह अवॉर्ड ‘तकनीक के सर्वश्रेष्ठ प्रयोग’ के लिए मिला है. गौरतलब है कि यह अवॉर्ड डिजिटल प्रकाशकों को उपभोक्ता के अनुभव को बेहतर और सुगम बनाने के लिए दिया जाता है.
न्यूज़लॉन्ड्री एक सब्सक्राइबर आधारित एप है. जो कि यूजर्स को पॉडकास्ट प्लेयर, ऐप के जरिए भुगतान और कस्टम नोटिफिकेशन आदि सुविधाएं देती है.
उल्लेखनीय है कि जब एप को बनाने की योजना थी तो न्यूज़लॉन्ड्री को आर्थिक सहायता की जरूरत थी. तब सब्सक्राइबर्स से अपील की गई. जिसके बाद मात्र दो महीने से भी कम वक्त में 500 सब्सक्राइबर्स की मदद से संस्थान ने 15 लाख रुपये जुटा लिए.
लगभग एक साल की मेहनत के बाद यह एप बनकर तैयार हुई. हमारे सब्सक्राइबर्स ने भी एप के फीचर के बारे में हमें फीडबैक दिया, जिससे कि इसकी गुणवत्ता एवं पाठकों के अनुभव को बेहतर करने में हमें मदद मिली.
न्यूज़लॉन्ड्री एप को 2022 में सब्सक्राइबर्स के लिए लॉन्च किया गया था और इस साल अप्रैल में इसे सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध करवाया गया.
बेहतरीन एप के निर्माण के लिए हम अपने सब्सक्राइबर्स के साथ-साथ हमारी प्रोडक्ट टीम का भी विशेष धन्यवाद करते हैं. ऋषभ दीक्षित, दानिश शेख, आदित्य विक्रम, ऋषभ पांडेय एवं चित्रांशु तिवारी इस टीम का अहम हिस्सा हैं. इसके अलावा उन वर्तमान या पूर्व सहयोगियों को भी हम धन्यवाद करते हैं जिन्होंने इस एप के निर्माण में अपना योगदान दिया. जिनमें कि यथार्थ खत्री, प्राची आर्यल, निरझर देबनाथ, अक्षत बैरागी और निशांत बेंदे शामिल हैं. यह हमारी छोटी सी लेकिन बड़ी महत्वाकांक्षा वाली टीम है. हम एप में निरंतर सुधार और नए फीचर्स को शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
आप भी हमारी इस बेहतरीन एप का अनुभव करना चाहते हैं तो डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें. अगर आप हमें कोई सलाह देना चाहते हैं या एप में किसी खामी को दुरुस्त करवाना चाहते हैं तो हमें chitranshu@newslaundry.com पर ई-मेल करें.
Also Read
-
A day in the life of an ex-IIT professor crusading for Gaza, against hate in Delhi
-
‘Total foreign policy failure’: SP’s Chandauli MP on Op Sindoor, monsoon session
-
Crossing rivers, climbing mountains: The story behind the Dharali stories
-
On the ground in Bihar: How a booth-by-booth check revealed what the Election Commission missed
-
Kalli Purie just gave the most honest definition of Godi Media yet