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लगातार हो रहीं सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं से सुलगता महाराष्ट्र

हाल के दिनों में महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से सांप्रदायिक हिंसा की खबरे आ रही हैं. सोशल मीडिया पोस्ट, नेताओं के बयान इन फसादों की वजह बन रहे हैं. महाराष्ट्र-कर्नाटका की सीमा पर स्थित जिला कोल्हापुर इन दिनों दंगे की चपेट में है. यहां इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. सोशल मीडिया पर किए जा रहे भड़काउ पोस्ट और नेताओं के बयान इन फसादों की वजह बन रहे हैं. इस वीडियो रिपोर्ट में हम महाराष्ट्र में लगातार बिगड़ रहे अमन चैन और उनकी वजहों पर हम सिलसिलेवार नज़र डालेंगे. चाहे वो कोल्हापुर हिंसा हो या फिर संगमनेर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा हो.

कोल्हापुर में मुगल बादशाह औरंगजेब को लेकर एक सोशल मीडिया पोस्ट से विवाद शुरू हुआ. औरंगजेब की तारीफ करने वाली इस पोस्ट के वायरल होते ही महाराष्ट्र में हिंदू संगठनों के लोग सड़कों पर उतर आए. सकल हिदू समाज, बजरंग दल अदि संगठनों ने विशाल प्रदर्शन किया. विरोध करने इकट्ठा हुई भीड़ ने मुसलिम बहुल इलाकों में पत्थरबाजी औऱ आगजनी की. मुस्लिम समुदाय के कुछ घरों, दुकानों पर पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की गई. कुछ वाहनों को भी जला दिया गया. हिंसक होते इस प्रदर्शन को देखते हुए बुधवार को कोल्हापुर शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं. 19 जून तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई.

इसी तरह महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का संगमनेर शहर भी इन दिनों सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में है. यहां सुबह-सुबह एक खास समुदाय के लोगों की दुकानों को बंद कराया गया और तोड़फोड़ की गई. 

ऐसी ही एक घटना अहमद नगर में छत्रपति संभाजी महाराज की जयंती के अवसर पर निकाले गए जुलूस के दौरान हुई. 14 मई को जुलूस के समय लगाए गए कुछ नारे झगड़े की वजह बने.

इस घटना के एक दिन पहले 13 मई को अकोला में भी सांप्रदायिक हिंसा का मामला सामने आया. यहां पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ एक आपत्तिजनक इंस्टाग्राम पोस्ट के बाद हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई. इसमें एक शख्स की मौत और कई अन्य घायल हो गए. इस घटना में ड्यूटी पर तैनात कम से कम दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए.

"महाराष्ट्र का छत्रपति संभाजीनगर, जिसका नाम पहले औरंगाबाद शहर था. यहां 30 मार्च की तड़के दो समूहों के बीच झड़प के बाद दंगे जैसी स्थिति पैदा हो गई. इस दौरान कई पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई. 

28 मार्च को, जलगांव में निकाले गए एक धार्मिक जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गई, जिसमें चार लोग घायल हो गए. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया और दो अलग अलग एफआईआर दर्ज की गईं. घटना के पीछे जुलूस के दौरान मस्जिद के सामने गाना बजाने को लेकर हुई बहस बताई गई. जिसमें डीजे पर जानबूझकर दूसरे समुदाय को उकसाने के लिए तेज आवाज में गाने बजाए गए. 

इन सब विवादों के बीच एक और अहम घटना जो काफी पीछे छूट गई. महाराष्ट्र के नांदेड़ में 14 अप्रैल को आयोजित आंबेडकर जयंती में भाग लेने के लिए एक 24 वर्षीय दलित युवक की 1 जून को टारगेट करके हत्या कर दी गई. युवक के भाई का कहना है कि जयंती में शामिल होने के कारण कुछ लोग उससे नाराज़ थे. फिलहाल, पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के अलावा हत्या का मामला दर्ज कर सात लोगों को गिरफ्तार किया है.

महाराष्ट्र में लगातार अंतराल पर छोटी-बड़ी सांप्रदायिक घटनाएं हो रही हैं. प्रशासन लगातार इन घटनाओं को रोक पाने में असमर्थ सिद्ध हो रहा है. ये घटनाएं राज्य में उस उग्र सांप्रदायिक हालात की एक तस्वीर पेश करते हैं. देखिए ये वीडियो रिपोर्ट.

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