Media
पंजाब: अजीत समाचार और ट्रिब्यून पंजाबी अखबार सरकार के निशाने पर, बंद हुआ विज्ञापन
पंजाब सरकार ने राज्य के दो अखबारों अजीत समाचार और पंजाबी ट्रिब्यून को विज्ञापन देने बंद कर दिए हैं. हालांकि जनवरी में पंजाबी ट्रिब्यून का विज्ञापन शुरू कर दिया गया लेकिन अजीत समाचार के विज्ञापन अभी भी बंद हैं.
अजीत समाचार पंजाब में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबारों में से एक है. अखबार हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रकाशित होता है. अजीत समूह के एग्जिक्यूटिव एडिटर सतनाम सिंह मानक न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, “करीब डेढ़ महीना हो गया हमारा विज्ञापन बंद हुए. पहले डिस्प्ले (योजनाओं का विज्ञापन) वाले, फिर टेंडर वाले विज्ञापन बंद कर दिए. बाद में सरकार ने प्रेस नोट भी भेजना बंद कर दिया.”
पंजाबी ट्रिब्यून के एडिटर स्वराज बीर सिंह भी कहते हैं, “हमारा भी विज्ञापन बंद हुआ था लेकिन अब आने लगा है.” यहां ध्यान देने वाली बात है कि ट्रिब्यून ग्रुप का अंग्रेजी और पंजाबी दोनों भाषाओं में अखबार निकलता है, लेकिन रोक सिर्फ पंजाबी अखबार पर लगी थी.
सतनाम सिंह कहते हैं, “सरकार ने विज्ञापन बंद करने को लेकर या उसके बाद हमसे कोई बात नहीं की. इस सरकार ने चुनावों में बहुत वादे कर दिए थे जिनको पूरा करने में दिक्कत आ रही है, और भी कई मुद्दे हैं जिन पर हम रिपोर्ट कर रहे हैं. वो चाहते हैं कि कोई ऐसा नहीं लिखे, लेकिन हम कंटेंट को लेकर समझौता नहीं करते हैं.”
अजीत समाचार ग्रुप के मुख्य संपादक बरजिंदर सिंह हमदर्द ने विज्ञापन को लेकर संपादकीय भी लिखा है. इसका शीर्षक है, “अजीत प्रकाशन समूह को सरकारी विज्ञापनों की जरूरत नहीं है.”
एक ओर जहां सरकार विज्ञापन रोक रही है, वहीं जब यह सरकार बनी थी तो उसने 11 मार्च 2022 से 10 मई 2022 के बीच न्यूज़ चैनलों और अखबारों को 37,36,19,938 रुपए के विज्ञापन दिए थे.
समाचार अखबारों को निशाना बनाए जाने को लेकर पंजाबी ट्रिब्यून ने खबर भी प्रकाशित की है. शीर्षक है, “प्रेस की आजादी का दमन बंद करे पंजाब सरकार.”
सतनाम बताते हैं कि, “इससे पहले की कांग्रेस सरकार ने भी कुछ समय के लिए विज्ञापन बंद कर दिए थे, लेकिन विज्ञापन चालू करवाने को लेकर अखबार प्रबंधन कभी मंत्री से मिलने नहीं जाता. हमारे संपादक का कहना है कि अखबार को चलाना है तो अपने तौर पर करें. कोई सरकार विज्ञापन बंद कर दे और हम उसे चालू करवाने के लिए दरबार में हाजिरी लगाएं, यह हम नहीं करते.”
पंजाब सरकार पर एचटी मीडिया को लेकर भी विज्ञापन रोकने का भी आरोप है. न्यूज़लॉन्ड्री ने एचटी के पंजाब एडिशन को देखा. आखिरी विज्ञापन 14 दिसंबर 2022 को प्रकाशित संस्करण के चौथे पेज पर एनआरआई-मीट का था. उसके बाद से 10 जनवरी 2023 तक पंजाब सरकार का कोई विज्ञापन अखबार को नहीं मिला.
न्यूज़लॉन्ड्री ने पंजाब के रेजिडेंट एडिटर रमेश विनायक से विज्ञापन को लेकर बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं.
अखबारों के विज्ञापन पर रोक को लेकर पंजाब सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के रणदीप सिंह अहलूवालिया कहते है, “हमने किसी का भी कोई विज्ञापन नहीं रोका है.”
वह ज्यादा जानकारी के लिए सीनियर्स से बात करने के लिए कहते हैं. हमने जनसंपर्क विभाग के मुख्य सचिव राहुल भंडारी से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. हमने उन्हें अपने सवाल भेजे हैं, कोई भी जवाब मिलने पर रिपोर्ट में जोड़ दिया जाएगा.
Also Read
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
4 years, 170 collapses, 202 deaths: What’s ailing India’s bridges?
-
‘Grandfather served with war hero Abdul Hameed’, but family ‘termed Bangladeshi’ by Hindutva mob, cops
-
India’s dementia emergency: 9 million cases, set to double by 2036, but systems unprepared
-
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का सार: क्रेडिट मोदी का, जवाबदेही नेहरू की