Khabar Baazi
राजस्थान भास्कर की 26वीं वर्षगांठ पर 7 वरिष्ठ पत्रकारों की ग्राउंड रिपोर्ट
दैनिक भास्कर के 26 साल पूरे होने पर अखबार ने नया प्रयोग करते हुए राजस्थान से सात वरिष्ठ पत्रकारों ने भास्कर के लिए ग्राउंड रिपोर्ट कराई है. साथ ही अखबार के लिए भास्कर के एडिटर्स ने 6 एक्सक्लूसिव स्टोरी और 26 संवाददाताओं ने 2 रिपोर्ट गांवों से कीं, अखबार ने 6 ऐसे फोटो भी प्रकाशित किए हैं जहां की फोटो खींचना मना है. इसके अलावा राजस्थान के 5 चर्चित लोगों का इंटरव्यू और एक सोशल सर्वे आईआईएम के साथ मिलकर किया गया.
वहीं तीन रिसर्च भी पब्लिश की गई हैं जिन्हें एम्स और आफरी जैसे संस्थानों के साथ मिलकर किया गया है. भास्कर ने एक पुलित्जर अवॉर्डी फोटो भी प्रकाशित की गई.
जिन सात पत्रकारों ने भास्कर के लिए यह ग्राउंड रिपोर्ट की है उसमें शामिल है, इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई, एबीपी न्यूज़ की एंकर रुबिका लियाकत, मोजो की एडिटर बरखा दत्त, पत्रकार रशीद किदवई, कोमल नाहटा, संजीव श्रीवास्तव और पुष्पेश पंत शामिल हैं.
पत्रकार और लेखक रशीद किदवई ने मेवाड़ क्षेत्र की राजनीति पर एक लेख लिखा है. इस लेख का शीर्षक है - “मेवाड़ का सियासी मैदान; स्थानीय मुद्दे और लीडरशिप… सब अंतर्कलह के आगे गौण हैं”.
अखबार ने इसे ग्राउंड रिपोर्ट बताया है लेकिन यह रिपोर्ट नहीं बल्कि विश्लेषण है. जिसके लिए रशीद किदवई जाने जाते हैं. इस लेख में वह कांग्रेस और भाजपा को लेकर मेवाड़ क्षेत्र और खासकर पूरे प्रदेश में क्या मुद्दे हैं और दोनों पार्टियों की गुटबाजी की बात कही गई है.
दूसरा लेख संजीव श्रीवास्तव ने राहुल गांधी की छवि को लेकर लिखा है. इसमें भारत जोड़ो यात्रा से लेकर राहुल गांधी की छवि तक की बात कही गई है. उनके इस लेख का शीर्षक है-“राजस्थान में राहुल… लेकिन अपना नया अवतार आगे रखें, नहीं तो ‘सांप-सीढ़ी’ जैसे नीचे आ जाएंगे”. रशीद किदवई की तरह ही यह भी लेख ही है ना की ग्राउंड रिपोर्ट.
कोमल नाहटा फिल्म समीक्षक और टीवी एंकर हैं. उन्होंने फिल्मों को लेकर होने वाले विरोध को लेकर एक लेख लिखा है लेकिन अखबार ने इसे ग्राउंड रिपोर्ट बताया है. इस लेख का शीर्षक है- “यहां वीरों का सम्मान परंपरा, इसलिए बर्दाश्त नहीं कहानी से छेड़छाड़ हो”.
इस लेख में कोमल नाहटा ने बताया है कि राजस्थान में ऐतिहासिक फिल्मों को लेकर विवाद खड़ा हुआ है.
मोजो स्टोरी की एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने राजस्थान में हो रहे बाल विवाह को लेकर स्टोरी की है.
खबर का शीषर्क है- "ग्राउंड रिपोर्ट: राजस्थान में बाल विवाह के खिलाफ बेटियां मैदान में उतरीं, घरवालों को भी उनके आगे झुकना पड़ा"
खबर का सबहेड है- "कुरीति को किक; 24 साल तक की 25% बेटियों का बाल विवाह, पर कुछ बेटियां पढ़ने- खेलने के लिए लड़ीं, आज गांव में 397 लड़कियां फुटबॉल प्लेयर"
यह खबर अजमेर जिले की है. जहां की लड़कियां बाल विवाह के खिलाफ अपने परिवारों से बागवत कर रही हैं,और आगे पढ़ना चाहती हैं. खबर में बताया गया है कि इसके लिए अब परिवारों को भी बेटियों के आगे झुकना पड़ा है.
वहीं एबीपी न्यूज़ की एंकर रुबिका लियाकत ने भी भास्कर के लिए ग्राउंड रिपोट की है. रूबिका की खबर को "उदयपुर जिंदा है... आतंकियों के वहशीपन से टूटा नहीं है" शीर्षक दिया है.
लियाकत ने यह ग्राउंड रिपोर्ट राजस्थान के उदयपुर से की है. जहां पर 28 जून को टेलर कन्हैयालाल की हत्या कर दी गई थी. उन्होंने खबर में बताया है कि जहां पर हत्या हुई थी वहां के मालदास स्ट्रीट बाजार में अब स्थिति सामान्य हो रही है.
यहां करीब 300 दुकानें हैं. इनमें से कुछ दुकाने खुलने लगी हैं.
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भास्कर के लिए एक ग्राउंड रिपोर्ट की है. जिसका शीर्षक है - "यात्रा में नारे- सचिन को सीएम बनाओ, यानी गुटबाजी तो रहेगी"
यह रिपोर्ट राजस्थान के दौसा जिले से की गई है. यहां उन्होंने कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा को कवर किया है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक यात्रा से जुड़े नारों के अलावा सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाओ के नारे लगा रहे थे. ऐसा लग रहा है जैसे नेरेटिव सेट किया जा रहा हो.
इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि यात्रा के रूट में लगे बैनर पोस्टरों में से इक्का दुक्का में ही कांग्रेस अध्यक्ष मलिक्कार्जुन खरगे का फोटो देखने को मिला. वहीं वह कहते हैं कि ऐसा लग रहा है कि जैसे राहुल राजस्थान कांग्रेस में चल रही अंदरूनी राजनीति से जुड़े फैसलों में पड़ना ही नहीं चाहते.
पुष्पेश पंत जाने-माने लेखक, स्तंभकार और जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर है. उन्होंने खाने मारवाड़ और जैसलमेर में अनाज और जयपुर की सबसे कड़क चाय गुलाबजी चाय की बात बताई है.
इस ग्राउंड रिपोर्ट का शीर्षक है, “बाटी में मोत्ज़ारेला चीज़, कद्दू का रिसोतो नई पहचान, विदेशी भी दीवाने”. इस रिपोर्ट में पुष्पेश पंत राजस्थान के अलग-अलग व्यंजनों का जिक्र करते है.
Also Read: आपके मीडिया का मालिक कौन: एनडीटीवी की कहानी
Also Read
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
4 years, 170 collapses, 202 deaths: What’s ailing India’s bridges?
-
‘Grandfather served with war hero Abdul Hameed’, but family ‘termed Bangladeshi’ by Hindutva mob, cops
-
India’s dementia emergency: 9 million cases, set to double by 2036, but systems unprepared
-
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का सार: क्रेडिट मोदी का, जवाबदेही नेहरू की