Khabar Baazi
इंडिया अहेड चैनल और आंध्र प्रभा पर ईडी का छापा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार सुबह इंडिया अहेड चैनल और आंध्र प्रभा के ऑफिस पर छापा मारा. खबर लिखे जाने तक ईडी की टीम चैनल के दफ्तर में मौजूद थी.
ईडी के एक अधिकारी ने छापेमारी की पुष्टि न्यूज़लॉन्ड्री से की है. अधिकारी ने बताया कि, यह छापेमारी सुबह से जारी है. हालांकि चैनल के तरफ से अभी तक इस छापे को लेकर कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.
यह पूछे जाने पर कि क्या यह छापेमारी कंपनी के सेल्स और मार्केटिंग प्रेसिडेंट अर्जुन पांडेय को लेकर है? इस पर ईडी के अधिकारी ने कहा कि ‘यह चैनल पर छापा है.’ वरिष्ठ पत्रकार आदेश रावल ने ट्वीट कर बताया कि ईडी ने चैनल के ऑफिस पर छापेमारी की है.
बता दें कि अर्जुन पांडेय का नाम दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में आ चुका है. आरोप है कि अर्जुन ने शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से विजय नायर के कहने पर पैसे लिए थे. गौरतलब है कि ईडी ने आज दिल्ली और पंजाब में करीब 35 जगहों पर छापेमारी की है. आबकारी नीति के मामले में ईडी ने शराब के कारोबारी समीर महेंद्रू को भी गिरफ्तार किया था.
ईडी की इस छापेमारी को लेकर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि, “500 से ज़्यादा छापे, 3 महीनों से CBI/ED के 300 से ज़्यादा अधिकारी 24 घंटे लगे हुए हैं- एक मनीष सिसोदिया के खिलाफ सबूत ढूंढने के लिए. कुछ नहीं मिल रहा. क्योंकि कुछ किया ही नहीं. अपनी गंदी राजनीति के लिए इतने अधिकारियों का समय बर्बाद किया जा रहा है. ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?”
इंडिया अहेड के एडिटर इन चीफ भूपेंद्र चौबे ने न्यूज़लॉन्ड्री से ईडी के छापेमारी से इंकार किया है. एडिटर इन चीफ भूपेंद्र चौबे ने कहा, “हमारे दफ्तर पर ईडी का कोई छापा नहीं पड़ा है. मैं खुद दफ्तर में बैठा हूं आप आकर देख सकते हैं.”
न्यूज़लॉन्ड्री ने अर्जुन पांडेय से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन पर बात करने से इनकार कर दिया.
वहीं अर्जुन पांडेय को लेकर भूपेंद्र चौबे ने बताया कि वह अब उनके संस्थान में काम नहीं करते, उन्होंने दो महीने पहले इस्तीफा दे दिया था.
Also Read
-
CEC Gyanesh Kumar’s defence on Bihar’s ‘0’ house numbers not convincing
-
Hafta 550: Opposition’s protest against voter fraud, SC stray dogs order, and Uttarkashi floods
-
TV Newsance 310: Who let the dogs out on primetime news?
-
If your food is policed, housing denied, identity questioned, is it freedom?
-
The swagger’s gone: What the last two decades taught me about India’s fading growth dream