NL Charcha
एनएल चर्चा 234: कांग्रेस का राजस्थान संकट, अध्यक्षता नामांकन और अंकिता भंडारी हत्याकांड
एनएल चर्चा के इस अंक में राजस्थान कांग्रेस के नेताओं को कारण बताओ नोटिस, कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर तीन नेताओं के नामांकन, गृह मंत्रालय द्वारा पीएफआई पर पांच साल का बैन, सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस कोटे पर फैसला रखा सुरक्षित, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा विवाहित और अविवाहित सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दिए जाने, ऋषिकेश में अंकिता भंडारी हत्याकांड में शामिल भाजपा के पूर्व मंत्री के बेटे की गिरफ़्तारी, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के भारत के नए सीडीएस चुने जाने, आरबीआई द्वारा रेपो रेट में वृद्धि, डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए में ऐतिहासिक गिरावट, भारतीय विदेश मंत्री द्वारा अमेरिकी मीडिया के भारत कवरेज को पूर्वाग्रहित कहने और ईरान में हिजाब के खिलाफ चल रहे महिलाओं के प्रदर्शन समेत कई विषयों का जिक्र हुआ.
चर्चा में इस हफ्ते वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार नीरजा चौधरी, पत्रकार हृदयेश जोशी और न्यूज़लॉन्ड्री के सह-संपादक शार्दूल कात्यायन शामिल हुए. संचालन कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
अतुल ने चर्चा की शुरुआत कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर हो रहे चुनाव से की. नीरजा से सवाल पूछते हुए अतुल कहते हैं, “जिस चीज को समस्या के समाधान को तौर पर देखा जा रहा था, वह समस्या और बड़ी हो गई है. गांधी परिवार ने एक संदेश दिया कि अध्यक्ष पद के चुनाव में वह निष्पक्ष रहेंगे लेकिन अशोक गहलोत और मल्लिकार्जुन खड़गे को खड़ा कर, पीछे से पार्टी कंट्रोल करने की कोशिश गांधी परिवार कर रहा है तो बदलाव कैसे होगा?”
नीरजा जवाब देते हुए कहती हैं, “साल 2019 में जब राहुल गांधी ने इस्तीफा दिया तब वापस सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया. कांग्रेस पार्टी में आक्रोश था कि राहुल गांधी अध्यक्ष तो नहीं हैं, लेकिन पर्दे के पीछे से वह सभी फैसले ले रहे है. जिसको लेकर जी 23 गुट के नेताओं ने पूर्णकालिक अध्यक्ष पद की मांग की. अब चुनाव के जरिए कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान में दो निशाने साधने की कोशिश की. लेकिन वह सफल नहीं हो पाए. गहलोत और पायलट की लड़ाई अब सामने आ गई है.”
हृदयेश जोशी कहते हैं, “कांग्रेस में जो नई पीढ़ी है वह पुरानी पीढ़ी को नहीं हरा पा रही है. कांग्रेस दूसरे सभी पार्टियों को बीजेपी की बी टीम बोलती है, लेकिन जब उसके पास मौका आता है तो वह बीजेपी को जिताने का मौका नहीं खोती. इसका उदाहरण उत्तराखंड में हमने देखा.”
शार्दूल कहते हैं, “ये साफ़ है कि कांग्रेस में हाई कमान की सत्ता का क्षरण हो रहा है. पहले कांग्रेस में कोई इस तरह का व्यवहार करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था. इतना सब होने के बावजूद सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी में टिके हुए हैं, उसके जो भी कारण हों लेकिन वो राजनीति के लिए अच्छे हैं. कांग्रेस के नेतृत्व की जिम्मेदारी है कि वह पार्टी को बचाएं. कांग्रेस में भी सत्ता का विकेंद्रीकरण हो रहा है, जिसका परिणाम है कि राजस्थान में हाईकमान के आदेश के बावजूद वहां विधायक लेजिस्लेचर पार्टी मीटिंग में नहीं आए.”
इस विषय के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा में विस्तार से बातचीत हुई. साथ में उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड पर भी बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए हमारा यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
टाइम कोड
00:00:00 - 00:10:35 - इंट्रो, हेडलाइंस और जरूरी सूचना
00:10:35 - 00:48:10 - कांग्रेस पार्टी का राजस्थान एपिसोड और अध्यक्ष पद
00:48:10 - 01:01:03 - अंकिता भंडारी हत्याकांड
01:01:03 - सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
शार्दूल कात्यायन
ईरान में विरोध प्रकट करने के लिए कार्टून बन रहे हैं, उन्हें शेयर करें
मॉन्स्टर: द जेफरी डामर स्टोरी - सीरीज
जॉन ओलिवर का ब्राजील के चुनाव पर शो
नीरजा चौधरी
सिटीजन जर्नलिस्ट को बढ़ावा दे
ह्रदयेश जोशी
सेतु प्रकाशन की - ईवी रामासामी पेरियार पर आधारित किताब
अतुल चौरसिया
हिलाल अहमद का टाइम्स ऑफ इंडिया में कांग्रेस और भाजपा पर लेख
रजनी कोठारी की किताब - कांग्रेस सिस्टम
***
***
प्रोड्यूसर- चंचल गुप्ता
एडिटिंग - समरेंद्र दाश
ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह
Also Read: कांग्रेस की नई मीडिया टीम: टीम नई, तेवर नई
Also Read
-
India’s real war with Pak is about an idea. It can’t let trolls drive the narrative
-
How Faisal Malik became Panchayat’s Prahlad Cha
-
Explained: Did Maharashtra’s voter additions trigger ECI checks?
-
‘Oruvanukku Oruthi’: Why this discourse around Rithanya's suicide must be called out
-
Mystery shutdown of both engines seconds after take-off: Air India crash probe