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पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उन्हें कोर्ट ने जमानत दे दी है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कप्पन को अगले छह सप्ताह तक दिल्ली में ही रहना होगा, उसके बाद वह केरल जा सकते हैं. साथ ही उन्हें हर हफ्ते स्थानीय पुलिस स्टेशन में शर्तों के साथ उपस्थिति दर्ज करवानी होगी.
कोर्ट ने कहा कि कप्पन अपनी स्वतंत्रता का गलत इस्तमाल नहीं करेंगे और किसी भी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में नहीं आएंगे जो किसी विवाद से जुड़ा हो. अपीलकर्ता को खुद या वकील के माध्यम से हर रोज ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होना होगा. उन्हें अपना पासपोर्ट भी जांच मशीनरी के पास जमा करना होगा.
बता दें कि मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस केस मामले में पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका पर सुनवाई की थी. जिसका उत्तर प्रदेश सरकार ने विरोध किया था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट के हलफनामे के जवाब में कहा था कि उनके पास कप्पन के चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से गहरे संबंध होने के सबूत हैं. सरकार ने कहा कि कप्पन देश में आतंक फैलाने की साजिश में शामिल है. साथ ही कप्पन पर सीएए-एनआरसी, बाबरी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले व हाथरस की घटना को लेकर लोगो में धार्मिक माहौल खराब करने का आरोप लगाया था. यूपी सरकार ने कप्पन पर एसएफआई के रऊफ शरीफ के साथ मिले होने का आरोप भी लगाया.
कप्पन के वकील कपिल सिब्बल ने अपनी दलील में कहा था कि कप्पन पर सिर्फ 45 हजार रुपए बैंक में जमा कराने का आरोप है. वह अक्टूबर 2020 से जेल में है. वह पत्रकार है और हाथरस की घटना की कवेरज के लिए जा रहा था. इसमें 5000 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त को पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था. जिस पर 5 सितंबर तक जवाब मांगा गया था. तब सुप्रीम कोर्ट 9 सितंबर तक जमानत याचिका का निपटारा करने की बात कही थी.
केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को अक्टूबर 2020 को तीन साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था. वह हाथरस में एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म और हत्या की रिपोर्टिंग के लिए जा रहे थे. कप्पन पर आरोप है कि वह कानून-व्यवस्था खराब करने के लिए हाथरस जा रहे थे. कप्पन के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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