Media
बरेली में ‘लव जिहाद’: दैनिक जागरण की खबर का बाल कल्याण समिति ने किया खंडन
इस खबर की हेडलाइन हैं, “बरेली में सात माह में 46 हिंदू किशोरियों को फंसाया गया, सभी आरोपित मुस्लिम”. खबर में बताया गया है कि बाल कल्याण समिति में जनवरी से 10 जुलाई अब तक 250 मामलों की सुनवाई हुई. जिसमें 46 ऐसी हिंदू किशोरियों के बयान दर्ज हुए, जिन्हें मुस्लिम लड़कों ने फंसाया था.
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि आठ लड़कियों ने कहा कि मुस्लिम लड़कों ने खुद को हिंदू बताकर उनसे दोस्ती की. पांच लड़कियों को तो घर में चोरी के लिए भी उकसाया गया.
अखबार ने आगे खबर में लिखा कि 46 मामले सामने आने के बाद यह मामला सुनियोजित षडयंत्र की गहरी जड़ों की ओर इशारा कर रहा है. साथ ही लिखा गया कि पुलिस ऐसे मामलों में बहलाकर ले जाने का मुकदमा दर्ज कर पल्ला झाड़ लेती है.
रिपोर्ट में कुछ मामलों का जिक्र किया कि कैसे मुस्लिम लड़कों ने हिंदू लड़कियों के साथ धोखा किया. इस तरह के मामले में बरेली शहर के एक नेता की बेटी भी फंस गई. रिपोर्ट में नेता के नाम का जिक्र नहीं है.
जागरण ने अपनी रिपोर्ट में एक डॉक्टर से भी बातचीत की है. डॉक्टर कहते हैं कि हार्मोस और शाररिक बदलाव के कारण टीन-एजर्स अक्सर एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं. रिपोर्ट में लिखा गया, “ये मामले और आंकड़े इससे अलग बता रहे हैं. इनमें 46 किशोरियों को ले जाने वाले आरोपितों में 70 प्रतिशत लड़के बालिग थे.”
रिपोर्ट सामने आने के बाद इस पर विवाद हो गया. बरेली में पत्रिका अखबार में काम करने वाले जितेंद्र वर्मा न्यूज़लॉन्ड्री से बातचीत में कहते हैं, “इस खबर के सामने आने के बाद हम भी बाल कल्याण समिति प्रमुख का बाइट लेने गए लेकिन उन्होंने कहा यह खबर सही नहीं है.”
बतौर स्ट्रिंगर बरेली जिले में काम करने वाले मनवीर सिंह बताते हैं, “हम एक टीवी के लिए बतौर स्ट्रिंगर काम करते हैं. इस खबर को चलाने के लिए जब अन्य पत्रकारों के साथ समिति के ऑफिस गए तो उन्होंने (अध्यक्ष) कहा ऐसा कुछ नहीं है. यह खबर गलत है. हम इसके खंडन में बयान जारी कर रहे हैं.”
देर शाम कल्याण समिति ने जागरण की खबर को लेकर बयान जारी कर दिया. समिति ने जागरण के बरेली संपादक के नाम लिखे पत्र में कहा कि, “ खबर में छपी सूचना या डाटा समिति ने नहीं दी है. जो भी सूचना अध्यक्ष बाल कल्याण समिति बरेली के नाम से प्रकाशित की गई है वह सरासर गलत है, क्योंकि अध्यक्ष द्वारा इस प्रकार की कोई भी सूचना या बयान नहीं दिया गया है.”
समिति ने आगे लिखा कि, नाबालिग बच्चों की जानकारी किसी भी समाचार पत्र को नहीं दी जाती है. यह संवेदनशील विषय है. अखबार को निर्देशित किया जाता है कि बाल कल्याण समिति बरेली की अनुमति के बिना समिति के बारे में भविष्य में कोई भी सूचना समाचार में प्रकाशित न की जाए. साथ की कोई भी खबर छापने से पहले उसकी सत्यता की पुष्टि समिति से कर ले.
समिति के अध्यक्ष दिनेश चंद्र न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, “अखबार ने सरासर गलत खबर छापी है. ऐसी कोई जानकारी समिति ने नहीं दी है. वैसे भी नाबालिग बच्चों के मामलों में लव जिहाद जैसा कुछ नहीं होता. हमने इस खबर पर खंडन जारी कर दिया है.”
इस खबर को लिखने वाले रिपोर्टर रजनेश सक्सेना न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, “यह खबर हमने दस्तावेज के आधार पर की है. वैसे भी जागरण में बिना सबूत के कोई खबर नहीं छपती. अध्यक्ष भले ही खंडन करें हमारे पास कागजात हैं. इससे ज्यादा हम आपको नहीं बता सकते.”
जागरण के बरेली के ब्यूरो प्रमुख अशोक आर्य कहते हैं, “हम खबर से साथ खड़े हैं. हमने सही खबर लिखी है. उनको पंसद नहीं आई होगी इसलिए वह खंडन कर रहे हैं.”
बता दें कि जागरण लव जिहाद को लेकर कई फर्जी मामले छाप चुका है. अखबार ने सितंबर 2021 में दिल्ली के एक लव जिहाद मामले को लेकर खबर प्रकाशित की थी. न्यूज़लॉन्ड्री ने उस खबर की पड़ताल में पाया था कि जिस लड़की की बात रिपोर्ट में की गई उससे ना तो अखबार ने बात की और ना ही पुलिस से. पुलिस और पीड़ित परिवार से बातचीत करने पर एकदम अलग ही कहानी सामने आई.
Also Read
-
Adani met YS Jagan in 2021, promised bribe of $200 million, says SEC
-
Pixel 9 Pro XL Review: If it ain’t broke, why fix it?
-
What’s Your Ism? Kalpana Sharma on feminism, Dharavi, Himmat magazine
-
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने वापस लिया पत्रकार प्रोत्साहन योजना
-
The Indian solar deals embroiled in US indictment against Adani group