Khabar Baazi
गुजरात दंगा: सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात एटीएस ने किया गिरफ्तार
गुजरात एटीएस ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई से हिरासत में लिया है.
पुलिस की यह करवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा उस याचिका को खारिज किए जाने के बाद हुई, जिसमें 2002 के गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने जिस याचिका को शुक्रवार को खारिज किया था, उसमें जाकिया जाफरी के साथ तीस्ता सीतलवाड़ का एनजीओ सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस भी याचिकाकर्ता है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एसआईटी जांच की तारीफ की और तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जितने लोग कानून का खिलवाड़ करते हैं उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ का नाम भी लिया और कहा कि सीतलवाड़ के खिलाफ और जांच की जरूरत है, क्योंकि तीस्ता इस मामले में जकिया जाफरी की भावनाओं का इस्तेमाल गोपनीय ढंग से अपने स्वार्थ के लिए कर रही थी.
एटीएस ने तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ मुंबई स्थित सांताक्रूज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. जिसमें उन पर आईपीसी की धारा 468 और 471 के तहत जालसाजी का आरोप लगाया गया है.
इस बीच सीतलवाड़ के वकील ने कहा की एटीएस की टीम ने उनके घर में घुसकर मारपीट की. पुलिस की टीम सीतलवाड़ को पूछताछ के लिए अहमदाबाद लेकर जाएगी.
बता दें कि गुजरात दंगों के मामले में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट और गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाकर साजिश रचने का मामला दर्ज किया है. संजीव भट्ट पहले से जेल में हैं, जबकि तीस्ता और श्रीकुमार को अब हिरासत में लिया गया है.
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में तीस्ता सीतलवाड़ का नाम लिया था.
उन्होंने कहा, "मैंने फैसले को बहुत ध्यान से पढ़ा है. फैसले में स्पष्ट रूप से तीस्ता सीतलवाड़ के नाम का उल्लेख है. उनके द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ- मुझे एनजीओ का नाम याद नहीं है - ने पुलिस को दंगों के बारे में आधारहीन जानकारी दी थी."
Also Read
-
A day in the life of an ex-IIT professor crusading for Gaza, against hate in Delhi
-
‘Total foreign policy failure’: SP’s Chandauli MP on Op Sindoor, monsoon session
-
Crossing rivers, climbing mountains: The story behind the Dharali stories
-
On the ground in Bihar: How a booth-by-booth check revealed what the Election Commission missed
-
Kalli Purie just gave the most honest definition of Godi Media yet