Report
राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ: 'गोडसे के वशंज गांधी को डराने एक बार फिर चले हैं'
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भेजे गए समन पर सोमवार को पेश हुए. इस दौरान कांग्रेस ने दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में ईडी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया.
दिल्ली में इस प्रदर्शन का असर ज्यादा देखने को मिला. कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय से लेकर ईडी के दफ्तर तक मार्च की कोशिश की. इस प्रदर्शन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम समेत कई अन्य बड़े नेता शामिल हुए.
कांग्रेस कार्यालय में सुबह से ही नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा होने लगा था. वहां कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला ने सभी नेताओं को संबोधित किया. इसके बाद करीब 10:30 बजे राहुल गांधी पार्टी ऑफिस पहुंचे. जहां से सभी नेता राहुल गांधी के साथ ईडी ऑफिस गए.
कांग्रेस ने राहुल गांधी की पेशी के दौरान रैली करने के लिए दिल्ली पुलिस से अनुमति मांगी थी, लेकिन पुलिस ने इजाजत नहीं दी. नई दिल्ली इलाके में पुलिस धारा 144 लगा दी थी.
पुलिस ने ईडी मुख्यायल के बाहर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया. इन नेताओं को तुगलक रोड थाने में रखा गया, जहां प्रियंका गांधी ने इनसे मुलाकात की. पुलिस की धक्का-मुक्की से केसी वेणुगोपाल की तबीयत खराब हो गई. वहीं अधीर रंजन चौधरी ने हिरासत के दौरान पुलिस कार्रवाई में चोट लगने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
दिल्ली पुलिस ने मार्च को इजाजत नहीं देने की वजह सांप्रदायिक माहौल, कानून-व्यवस्था की स्थिति और वीआईपी मूवमेंट को बताया था.
कांग्रेस का प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई
कांग्रेस पार्टी ने इस विरोध प्रदर्शन को ‘सत्याग्रह’ मार्च नाम दिया. पुलिस हिरासत में लिए गए राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, “स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजों के खिलाफ जो लड़ाई कांग्रेस पार्टी ने लड़ी थी, आज गोडसे के वंशजों के खिलाफ वहीं लड़ाई है.”
वह कहते हैं, “गोडसे के वंशज गांधी को डराने एक बार फिर से चले हैं. न महात्मा गांधी डरे थे और न महात्मा गांधी के उत्तराधिकारी, गोडसे के वंशजों से डरेंगे. अंग्रेज भी हारा था मोदी भी हारेगा.”
नेशनल हेराल्ड केस को लेकर पूछे गए सवाल पर वह कहते हैं, “क्या अखबार के पत्रकारों और कर्मचारियों को सैलरी देना अपराध है, क्या बिजली बिल देना, ऑफिस टैक्स देना अपराध है? अगर यह अपराध है तो हम यह बार-बार करेंगे.”
दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस पार्टी दफ्तर अकबर रोड से लेकर ईडी दफ्तर तक सारे रास्तों को बंद कर दिया था. इन रास्तों पर किसी के भी जाने की मनाही थी.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी से पूछताछ पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले आठ साल से केंद्रीय एजेंसियों ने विपक्ष के नेताओं के खिलाफ लगातार मामले दर्ज किए हैं. हमें दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है. लोकतंत्र में ऐसा नहीं होना चाहिए हम इसका विरोध करते हैं.
वहीं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बातचीत के दौरान सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, "हम सत्याग्रह कर रहे हैं. नेशनल हेराल्ड के झूठे मामले में कोई सार नहीं. सोनिया-राहुल गांधी को परेशान करने के लिए उन्हें ईडी ऑफिस बुलाया जाता है. अगर वे कुछ कहना चाहते हैं, तो उनके वकीलों के माध्यम से किया जा सकता है. लेकिन उन्हें चार घंटे बैठाना और उन्हें प्रताड़ित करना राजनीतिक प्रतिशोध है."
बता दें कि नेशनल हेराल्ड के मामले में ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया है. हालांकि कोविड पॉजिटिव होने के कारण सोनिया गांधी को 23 जून को पेश होने के लिए कहा है. इससे पहले हेराल्ड केस में ही दोनो नेताओं को पटियाला हाउस कोर्ट ने 50-50 हजार के मुचलके पर जमानत दी थी.
युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास को भी पुलिस ने ईडी दफ्तर से हिरासत में लिया. राहुल गांधी से पूछताछ पर उन्होंने कहा, “यह लड़ाई झूठ और सच की है. देश की जनता सच के साथ है. यह महात्मा गांधी का देश है, गोडसे का देश नहीं बनने देंगे. राहुल गांधी हमारे नेता हैं उनके समर्थन में हम सब यहां आए हैं इससे उन्हें (बीजेपी) को क्या दिक्कत है.”
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस नेताओं को रोकने के लिए इतनी पुलिस लगाई है. अगर इतना पुलिस जम्मू कश्मीर, अरूणाचल प्रदेश में लगा देते तो पाकिस्तान से आंतकी और चीनी सैनिक हमारे देश में नहीं घुसते.”
कांग्रेस के इस मार्च पर बीजेपी ने निशाना साधा. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, “भ्रष्टाचार के समर्थन में कांग्रेस आज उतरी है. जो जेल से बेल पर हैं उन्होंने घोषणा की है कि आओ दिल्ली को घेरो. एक जांच एजेंसी पर दबाव डालने के लिए कांग्रेस शासित मंत्रियों को आमंत्रित किया गया. एजेंसी पर इस तरह से दबाव डालने को आप क्या नाम देंगे?”
ईडी दफ्तर में पेश होने के तीन घंटों के बाद करीब 2:30 बजे राहुल गांधी एक घंटे के लिए खाने के लिए अपने घर गए. इस दौरान वह अपनी मां सोनिया गांधी से मिलने सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे. वहां से करीब 3:40 बजे वह दोबारा ईडी दफ्तर पहुंचे, जहां उनसे रात करीब 9:30 बजे तक पूछताछ चली.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल गांधी से मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन) निवारण अधिनियम की धारा 50 के तहत बयान दर्ज किए गए. जानकारी के मुताबिक ईडी के एक उप निदेशक, एक संयुक्त निदेशक और एक सहायक निदेशक स्तर के अधिकारी मौजूद रहे.
क्या है नेशनल हेराल्ड केस
ईडी ने जिस नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया है वह दरअसल साल 2012 का है. साल 2015 में इसी केस में दोनों नेताओं को जमानत मिल चुकी है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी के कहा, "यह केस ईडी साल 2015 में बंद कर चुकी है. लेकिन सरकार ने कई अधिकारी बदल दिए और अब एक बार फिर से नोटिस भिजवाया है."
ईडी का ये केस ट्रायल कोर्ट के उस आदेश पर आधारित है, जिसमें उसने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को नेशनल हेराल्ड मामले की जांच और सोनिया-राहुल के टैक्स असेसमेंट का आदेश दिया था.
साल 2012 में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पटियाला हाऊस कोर्ट में केस दर्ज कराया. इस केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था. मोतीलाल वोरा का 2020 और ऑस्कर फर्नांडीज का 2021 में निधन हो गया.
सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों के मुताबिक, कांग्रेस नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडिया लिमिटेड, यानी वाईआईएल नामक एक कंपनी बनाई और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली असोसिएटेड जर्नल लिमिटेड, यानी एजेएल का अवैध तरीके से अधिग्रहण कर लिया.
स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था.
जून 2014 में कोर्ट ने आरोपियों को समन जारी किया. इसके बाद अगस्त 2014 को ईडी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. साल 2016 में कांग्रेस पार्टी ने इस केस को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था तब कोर्ट ने कार्रवाई रोकने से इंकार कर दिया लेकिन व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी.
कांग्रेस के नेता इनकम टैक्स विभाग द्वारा जारी जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन कोर्ट ने जांच पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. इसके बाद साल 2018 में केंद्र सरकार ने नेशनल हेराल्ड परिसर के पट्टे से असोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजीएल) को अलग करने का फैसला किया. जिसपर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी.
नेशनल हेराल्ड के जरिए जहां बीजेपी, राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है वहीं कांग्रेस इन आरोपों को झूठ बता रही है. कांग्रेस नेता अल्का लांबा कहती हैं, “आठ साल बीत गए लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया और अब 2024 में लोकसभा चुनाव आने वाले हैं इसलिए सरकार अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए यह सब कर रही है. गिरती अर्थव्यवस्था, गिरता रुपया, मंहगाई, बेरोजगारी और धार्मिक उन्माद जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने चुप्पी साधी हुई है. अगर कोई सवाल पूछता है तो उसे ईडी के जरिए धमकाने की कोशिश हो रही है.”
Also Read
-
TV Newsance 250: Fact-checking Modi’s speech, Godi media’s Modi bhakti at Surya Tilak ceremony
-
What’s Your Ism? Ep 8 feat. Sumeet Mhasker on caste, reservation, Hindutva
-
‘1 lakh suicides; both state, central govts neglect farmers’: TN farmers protest in Delhi
-
10 years of Modi: A report card from Young India
-
Reporters Without Orders Ep 319: The state of the BSP, BJP-RSS links to Sainik schools