Khabar Baazi
मनी लॉन्ड्रिग मामले में पत्रकार राणा अय्यूब को एयरपोर्ट पर लंदन जाने से रोका
पत्रकार राणा अय्यूब को मुंबई एयरपोर्ट पर लंदन जाने से रोक दिया गया. यह कार्रवाई ईडी द्वारा लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद की गई. हालांकि पत्रकार का कहना है कि ईडी का नोटिस एयरपोर्ट पर रोके जाने के समय उन्हें मेल पर मिला.
राणा अय्यूब ने ट्वीट किया, “उन्हें गैर-लाभकारी संस्था, इंटरनेशनल सेंटर फॉर जर्नलिस्ट्स द्वारा महिला पत्रकारों के खिलाफ ऑनलाइन हिंसा पर चर्चा करने के लिए यूके आमंत्रित किया था. जिसमें शामिल होने के लिए वह लंदन जा रही थीं. लेकिन उन्हें एयरपोर्ट पर रोक दिया गया.”
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने बताया कि पत्रकार को 1 अप्रैल को पूछताछ के लिए तलब किया है. ईडी राणा अय्यूब के खिलाफ कोविड 19 राहत के लिए चंदा इकट्ठा करने और विदेशों से पैसा लेने जैसे विदेशी फंडिंग नियमों के कथित उल्लंघन की जांच कर रही है.
दरअसल इंदिरापुरम के रहने वाले हिंदू आईटी सेल के सहसंस्थापक विकास सांकृत्यायन ने पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया था कि राणा अय्यूब ने केटो वेबसाइट के जरिए अप्रैल-मई 2020, जून सितंबर 2020 और मई-जून 2021 के दौरान तीन कैंपेन चलाए. पहला झुग्गी में रहने वालों और किसानों के लिए, दूसरा असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य के लिए और तीसरा कोरोना महामारी से प्रभावित लोगों के लिए. इन तीनों कैंपेन से राणा ने करोड़ों रुपए इकठ्ठा किए. इन पैसों का उपयोग उन्होेंने अपने निजी उपयोग के लिए किया.
गाजियाबाद पुलिस द्वारा केस दर्ज करने के बाद ईडी ने पत्रकार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केस दर्ज किया था. वहीं इस साल की शुरुआत में बैंक में राणा की 1.77 करोड़ रुपए से अधिक राशि भी कुर्क कर ली थी.
मुंबई एयरपोर्ट पर रोके जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने राणा अय्यूब के समर्थन में आवाज उठाई है. ‘कोएलिशन अगेंस्ट ऑनलाइन वायलेंस' ने ट्वीट कर कहा कि मुंबई एयरपोर्ट पर अय्यूब की हिरासत चिंता का विषय है.
इंटरनेशनल प्रेस इंस्टिट्यूट ने भी राणा अय्यूब के प्रति समर्थन जताया है. उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा, "जानी मानी पत्रकार और मोदी सरकार की आलोचक को तब हिरासत में ले लिया गया जब वह लंदन के लिए विमान में चढ़ने वाली थीं. हम भारत से आग्रह करते हैं कि उन्हें यूरोप की यात्रा करने दें जहां उन्हें कई ऑनलाइन प्रताड़ना कार्यक्रमों पर बोलना है.”
Also Read
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
4 years, 170 collapses, 202 deaths: What’s ailing India’s bridges?
-
‘Grandfather served with war hero Abdul Hameed’, but family ‘termed Bangladeshi’ by Hindutva mob, cops
-
India’s dementia emergency: 9 million cases, set to double by 2036, but systems unprepared
-
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का सार: क्रेडिट मोदी का, जवाबदेही नेहरू की