Media
मोहन भागवत से मुलाकात पर टेलीविज़न पत्रकारों की ‘कभी हां, कभी ना’
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में मंगलवार को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में देश के प्रमुख टीवी चैनलों के संपादक शामिल हुए. वहीं आरएसएस की तरफ से मोहन भागवत के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक और रामलाल भी शामिल हुए.
बैठक का एजेडा क्या था, यह जानने के लिए कई पत्रकारों से न्यूज़लॉन्ड्री ने बातचीत की. कई पत्रकारों ने स्वीकार किया कि वो मोहन भागवत की बैठक में शामिल हुए थे, कुछ ने पहले मना कर दिया फिर बाद में स्वीकार किया, कुछ ने बैठक में शामिल होने की बात से साफ इनकार कर दिया. कुछ ने फोन ही नहीं उठाया.
इस बैठक की एक फोटो सामने आई है जिसमें सुदर्शन टीवी के एडिटर सुरेश चव्हाणके, आज तक के एंकर और एग्जीक्यूटिव एडिटर सईद अंसारी, नेटवर्क 18 समूह के मैनेजिंग एडिटर ब्रजेश कुमार सिंह, एबीपी न्यूज के वाइस प्रेसिडेंट (न्यूज और प्रोडक्शन) सुमित अवस्थी, टीवीटीएन के एग्जिक्यूटिव एडिटर गौरव सांवत, टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर नविका कुमार, एबीपी न्यूज के सवांददाता विकास भदौरिया, न्यूज24 की एडिटर अनुराधा प्रसाद, टीवीटीएन के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद नज़र आ रहे हैं.
सुप्रिय प्रसाद
आरएसएस प्रमुख के साथ हुई बैठक के बारे में इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद ने बताया कि वो इसमें शामिल हुए थे. न्यूज़लॉन्ड्री से बातचीत में उन्होंने कहा, “यह बैठक ग्रेटर नोएडा में हुई जिसमें सामान्य रूप से आरएसएस को लेकर बातचीत हुई. इस बैठक में कई अन्य लोग भी थे.”
आज तक- इंडिया टुडे समूह के एक अन्य पत्रकार एग्जीक्यूटिव एडिटर सईद अंसारी ने अलग ही कहानी बताई. उन्होंने ऐसी किसी बैठक में शामिल होने से ही इनकार कर दिया. वह कहते हैं, “मैं नहीं जानता ऐसी किसी बैठक के बारे में.’
हालांकि सामने आई तस्वीर में अंसारी दिख रहे हैं. इसके अलावा बैठक में मौजूद कई अन्य पत्रकारों ने भी हमसे सईद अंसारी के मौजूद होने की पुष्टि की है.
सुरेश चव्हाणके
सुदर्शन टीवी के प्रमुख सुरेश चव्हाणके ने पहले तो बैठक में शामिल होने से इंकार किया फिर हमसे ही पूछ लिया, "आपको किसने बताया कि ऐसी कोई मीटिंग हुयी है, ऐसी कोई मीटिंग ही नहीं हुयी. मैं ऐसी किसी मीटिंग में शामिल नहीं हुआ. ये कोई एंटी नेशनल मीटिंग तो थी नहीं जो आप पूछ रहे हैं."
आगे की बातचीत और दिलचस्प है. चव्हाणके इस रिपोर्टर का ओहदा पूछते हुए कहते हैं, "एडिटर से बात करने के लिए एडिटर को फोन करना चाहिए, आपके एडिटर फोन करेंगे तो उनको बताऊंगा.” दोबारा हमारे एडिटर द्वारा कॉल किए जाने पर उन्होंने कहा, “यह बैठक मोहन भागवत के ग्रेटर नोएडा प्रवास के दौरान हुई. यह ना तो कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस थी और ना ही कोई एजेंडा था. यह एक सामान्य भेंट थी. साल में एक बार ऐसा होता है. यह संपर्क विभाग की मीटिंग थी जिसमें शामिल होने वाले पहले भी शामिल हो चुके हैं. यह कोई नई बात नहीं है.”
विकास भदौरिया
एबीपी न्यूज़ के संवाददाता और एंकर विकास भदौरिया ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि वह बैठक में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा, “यह एक सामान्य मुलाकात थी, बातचीत का कोई खास मुद्दा नहीं था. भागवतजी हर साल एक बार मीडिया के लोगों के साथ मिलते हैं. इसका मकसद होता है कि संघ को लोग नज़दीक से समझ सकें. इस मुलाकात में आम तौर पर संघ के काम करने के तरीके, संघ की जिन मुद्दों पर राय छपती है या दिखती है, क्या वाकई संघ वैसा है या अलग सोचता है. इन्हीं चीजों पर खुलकर बात हुई. इस मीटिंग में कोई चर्चा लिखने या छापने के लिए नहीं होती है, बस संघ को समझने के लिए बात होती है. हममें से कुछ लोग पिछले कई सालों से मिल रहे हैं. जैसे ऑफ द रिकॉर्ड ब्रीफिंग होती है. सरकारों के प्रतिनिधि, मंत्री या नेता भी करते हैं, वैसा ही होता है.”
संघ प्रमुख ने बैठक में क्या कहा? इस पर भदौरिया ने बताया, “मोहन भागवत ने कई मुद्दों पर बातचीत की. जो भी वर्तमान में मुद्दे हैं, जिन पर संघ बात करता रहा है, उन सभी मुद्दों पर बातचीत हुई.”
भदौरिया कहते हैं, “उन्होंने (मोहन भागवत) कहा मीडिया को सकारात्मक खबरों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. मीडिया सकारात्मक खबरों के माध्यम से समाज में बदलाव ला सकता है. इस दौरान उन्होंने किसी खबर का उदाहरण भी दिया था. हालांकि अभी मुझे याद नहीं है.”
क्या उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर बातचीत हुई. इस पर वह कहते हैं, कुछ खास नहीं.
हमने पत्रकार सुमित अवस्थी, अनुराधा प्रसाद, नविका कुमार, गौरव सावंत से भी संपर्क किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक से हमने बात की. उन्होंने बताया, "इस मीटिंग में संघ के विषय को लेकर ही चर्चा थी. कोई ऐसी चर्चा नहीं थी कि कोई खबर बने. जो पत्रकार थोड़ा बहुत संपर्क में रहते हैं उनको बुलाया गया था चर्चा के लिए. मीडिया तो बहुत बड़ा है लेकिन सीमित लोगों के साथ संघ से सम्बंधित विषयों पर चर्चा हुयी. यह मीटिंग असल में संघ के संपर्क अभियान के तहत की गई थी. इसमें संघ से सम्बंधित मुद्दों की जानकारी देने लेने का काम होता है. यह काम सरसंघचालकजी और अन्य केंद्रीय स्तर के पदाधिकारी करते हैं.”
संघ के रवैये में मीडिया को लेकर यह एक बड़ा बदलाव है. आमतौर पर पहले के सर संघचालक मीडिया से एक सुरक्षित दूरी बनाकर चलते थे. सरसंघचालक की पत्रकारों के साथ मीटिंग मोहन भागवत से पहले कभी देखने सुनने में नहीं आई. मोहन भागवत ने उस परंपरा को बदला है. इससे पहले उन्होंने 8 दिसंबर, 2020 को भी दिल्ली में विभिन्न समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों के संपादकों के साथ बैठक की थी. तब छोटे-बड़े मीडिया संस्थानों के 52 प्रतिनिधि शामिल हुए थे. हालांकि बैठक में कौन-कौन लोग शामिल थे उनका नाम सामने नहीं आया.
इसी तरह साल 2019 में मोहन भागवत ने 70 अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के साथ बैठक की थी. यह बैठक भी दिल्ली में हुई थी.
Also Read
-
‘Overcrowded, underfed’: Manipur planned to shut relief camps in Dec, but many still ‘trapped’
-
Since Modi can’t stop talking about Nehru, here’s Nehru talking back
-
Indigo: Why India is held hostage by one airline
-
2 UP towns, 1 script: A ‘land jihad’ conspiracy theory to target Muslims buying homes?
-
‘River will suffer’: Inside Keonjhar’s farm resistance against ESSAR’s iron ore project