NL Charcha
एनएल चर्चा 188: सिंघु बार्डर पर निर्मम हत्या, देश में कोयला संकट और सावरकर
एनएल चर्चा के इस अंक में सिंघु बॉर्डर पर निर्मम तरीके से 33 साल के लखबीर सिंह की गई हत्या, देशभर में गहराते कोयला संकट, फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेसा और रूस के पत्रकार दिमित्री मुरातोव को नोबल शांति पुरस्कार, राजनाथ सिंह का सावरकर की दया याचिका पर बयान, जम्मू कश्मीर में तनाव, कश्मीरी पंडितों का पलायन और गृह मंत्रालय द्वारा बीएसएफ के सीमा अधिकार क्षेत्र का दायरा 15 से बढ़ाकर 50 किमी करने जैसे मुद्दे पर बात हुई.
इस बार चर्चा में बतौर मेहमान पत्रकार ह्रदयेश जोशी और न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस शामिल हुए. चर्चा का संचालन कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत कोयले के संकट से होती है जहां अतुल सवाल करते हैं, "यह जो कोयला संकट की खबरें आ रहीं हैं वो वास्तव में कितनी सच हैं. क्योंकि सरकार का जो दावा है उससे प्रतीत होता है कि कोई संकट ही नहीं है. लेकिन जो स्टॉक पहले 10-15 दिन का रहता था वो दो-चार दिन का क्यों है? आखिर वजह क्या है इस संकट की?”
इसके जवाब में हृदयेश कहते हैं,"यह कहना कि कोयले का कोई संकट नहीं है यह अतिश्योक्ति होगी, लेकिन अगर कहें कि संकट अचानक से खड़ा हो गया है तो यह भी ग़लत है. यह समस्या पहले भी आती रही है. अभी जो कारण हैं उसमें पहला तो यह है कि चीन में जो कोयले की खदाने हैं वहां समस्या आने की वजह से काफी कोयला फंसा हुआ है, दूसरा यह कि कोयले के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में अचानक बढ़े हैं उसकी भी अलग-अलग वजहें हैं, लेकिन जब भारत के परिपेक्ष्य में हम बात करते हैं तो कोयला प्लांट्स में कमी होना और कोयला खदानों में कमी होना. यह दो अलग-अलग चीज़ें हैं इनके बीच जो चीज़ जोड़ती है वह है ट्रांसपोर्टेशन.”
हृदयेश आगे कहते हैं, "अगर लोड शेडिंग (बिजली कटौती) की बात करें तो उसकी कोयले के अलावा भी कई वजहें हैं जिसमें से एक बड़ी वजह यह है कि जो वितरण कंपनियां हैं उन्हें पैसा समय पर नहीं मिलता. उत्पादन करने वाली कंपनियों की भी यही समस्या है और दूसरी समस्या है कोयले की सप्लाई चेन में बाधा."
कोयला संकट पर मेघनाद कहते हैं, "हमारे जो थर्मल प्लांट्स हैं वो लगभग 70 प्रतिशत बिजली उत्पादन करते हैं, तो इनके पास 15 से 20 दिन का स्टॉक कोयला होना चाहिए लेकिन अभी फ़िलहाल हम चार दिन के स्टॉक पर चल रहे हैं और कुछ जगहों पर केवल दो दिन का स्टॉक है इसकी वजह से क्राइसिस वाली स्थिति बन गई है. कई राज्यों ने चिंता जताई है लोड शेडिंग को लेकर. एक तरफ सरकार कह रही है कि ऐसी कोई समस्या ही नहीं है और दूसरी तरफ विपक्ष कई तरीके की थ्योरी दे रहा है सरकार को जिम्मेदार ठहराने के लिए.”
मेघनाद आगे कहते हैं, “कोयला मंत्रालय के सचिव अनिल कुमार जैन एक पत्र में लिखते हैं कि हमारा 700 मिलियन टन कोयला उत्पादन का उद्देश्य था लेकिन अभी जो कोल इंडिया की क्षमता है वह 660 मिलियन टन के ऊपर नहीं जा पा रही है. एक तो यह लक्ष्य काफी महत्वाकांक्षी है और अभी 60 ही हम पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो आप 70 कहां से पूरा करेंगे."
कोयला संकट के अलावा अन्य विषयों पर भी विस्तार से बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए पूरे पॉडकास्ट को जरूर सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
टाइमकोड
00:00 इंट्रो
2:13-14:14 हेडलाइंस
14:15-42:43 कोयला संकट
42:45- 1:08:00 राजनाथ सिंह का सावरकर की माफ़ी पर बयान
1:08:05- 1:11:49 सब्सक्राइबर्स का पत्र
1:11:55 सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए.
मेघनाद एस
न्यूज़लॉन्ड्री की कॉन्स्टिट्यूशन सीरीज
नेटफ्लिक्स डाक्यूमेंट्री हाउस ऑफ़ सीक्रेट्स
ह्रदयेश जोशी
चमनलाल की किताब - द भगत सिंह रीडर
अतुल चौरसिया
नेटफ्लिक्स डाक्यूमेंट्री हाउस ऑफ़ सीक्रेट्स
बीबीसी के पत्रकार रेहान फज़ल की सावरकर पर स्टोरी
***
प्रोड्यूसर- लिपि वत्स
एडिटिंग - उमराव सिंह
ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह /तस्नीम फातिमा
Also Read
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy
-
You can rebook an Indigo flight. You can’t rebook your lungs
-
‘Overcrowded, underfed’: Manipur planned to shut relief camps in Dec, but many still ‘trapped’
-
Since Modi can’t stop talking about Nehru, here’s Nehru talking back