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अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच योगी सरकार ने टीवी चैनलों को दिया 160 करोड़ का विज्ञापन

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अप्रैल 2020 और मार्च 2021 के बीच टीवी न्यूज़ चैनलों पर विज्ञापन के लिए 160.31 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. यह जानकारी राज्य सरकार ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में दी है.

आरटीआई में उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने बताया है कि इस दौरान ‘नेशनल टीवी न्यूज़ चैनल्स’ को 88.68 करोड़ रुपए और ‘क्षेत्रीय टीवी न्यूज़ चैनल्स’ को 71.63 करोड़ रुपए का विज्ञापन दिया गया.

आरटीआई के जवाब के मुताबिक विज्ञापन पर हुए खर्च का एक बड़ा हिस्सा मई 2020 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के प्रचार के लिए इस्तेमाल किया गया. आज तक न्यूज़ चैनल को 15 अप्रैल 2020 से 8 मार्च 2021 के बीच 10 करोड़ 14 लाख रुपए के 20 विज्ञापन दिए गए. इसमें से 9 ‘आत्मनिर्भर भारत’, दो ‘आत्मनिर्भर प्रदेश’ और चार कोरोना महामारी को लेकर थे.

आरटीआई के मुताबिक 'आत्मनिर्भर भारत' योजना के प्रचार पर हुआ सबसे ज़्यादा खर्च

किन चैनलों को मिला विज्ञापन

योगी आदित्यनाथ सरकार ने सबसे ज़्यादा विज्ञापन राशि मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाले चैनल ‘न्यूज़ 18’ ग्रुप और सुभाष चंद्रा के ग्रुप ‘ज़ी न्यूज़’ को दिया.

‘नेटवर्क 18’ ग्रुप के चैनल, सीएनएन न्यूज़-18, न्यूज 18 इंडिया और न्यूज 18 यूपी-उत्तराखंड को 28.82 करोड़ रुपए का विज्ञापन मिला. दूसरे नंबर पर रहे ‘ज़ी मीडिया ग्रुप’ के चैनल, ज़ी न्यूज़, वॉयन और ज़ी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड पर योगी सरकार ने 23.48 करोड़ रुपए का विज्ञापन दिया.

विज्ञापन के मामले में तीसरे नंबर पर रहे एबीपी ग्रुप के नेशनल न्यूज़ चैनल, एबीपी न्यूज़ और रीजनल न्यूज़ चैनल, एबीपी गंगा को 18.19 करोड़ रुपए का विज्ञापन योगी सरकार ने दिया. इसके बाद इंडिया टुडे ग्रुप के अंग्रेजी न्यूज़ चैनल इंडिया टुडे और आजतक को 10.64 करोड़ रुपए का विज्ञापन मिला.

विज्ञापन के मामलों में अर्णब गोस्वामी के मालिकाना हक़ वाला रिपब्लिक नेटवर्क पांचवें नंबर पर रहा. योगी सरकार ने रिपब्लिक टीवी और रिपब्लिक भारत को 9 करोड़ रुपए के विज्ञापन दिए.

योगी सरकार के विज्ञापन की कृपा खुलेआम मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फ़ैलाने वाले चैनल सुदर्शन न्यूज पर भी हुई. इस एक साल की अवधि में सुदर्शन न्यूज़ को 2.68 करोड़ रुपए का विज्ञापन मिला.

यह आरटीआई बीते 15 मार्च को लखनऊ के रहने वाले 45 वर्षीय उमाशंकर दुबे ने दाखिल की थी. दुबे, लखनऊ डीडी न्यूज़ में 2007 से काम कर रहे हैं. इसके साथ ही वे रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को मिलाकर बनाए गए जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष हैं.

दुबे ने आरटीआई के जरिए 11 सवालों का जवाब मांगा था. जिसमें एक सवाल था- ‘वर्ष 2020 से 2021 में किस-किस अख़बार और टीवी चैनल, पोर्टल न्यूज़ और न्यूज़ एजेंसी को कब, कितना कितना विज्ञापन दिया गया है. तिथि के साथ विवरण उपलब्ध कराने की कृपया करें.’

यूपी सरकार के सूचना विभाग ने आरटीआई दाखिल होने के चार महीने बाद 18 जुलाई को जवाब दिया. इसमें सिर्फ न्यूज़ चैनल्स पर खर्च हुई राशि की जानकारी दी गई है. दुबे न्यूज़लॉन्ड्री को बताते हैं, ‘‘यह जनता का पैसा है और जनता के पैसे का दुरूपयोग नहीं होना चाहिए. इस कोरोना काल में यदि इस पैसे से हम जनता को सीधे राहत देते तो बड़ी उपलब्धि होती, विकास होता. उस पैसे को टीवी चैनल के माध्यम से विज्ञापन पर खर्च कर देना यह कैसे न्यायसंगत है.’’

योगी सरकार द्वारा अंग्रेजी न्यूज़ चैनलों को दिए गए विज्ञापनों की बात करें तो इस दौरान सबसे ज़्यादा विज्ञापन टाइम्स ग्रुप के चैनल को मिला. टाइम्स ग्रुप के चैनल, टाइम्स नाउ, ईटी नाउ, मिरर नाउ को अक्टूबर 2020 और मार्च 2021 के बीच यूपी के जेवर में प्रस्तावित हवाई अड्डे संबंधी विज्ञापन का 4.49 करोड़ रुपये का एक संयुक्त विज्ञापन पैकेज मिला.

इसके अलावा टाइम्स नाउ, ईटी नाउ, मिरर नाउ को योगी सरकार ने अलग-अलग भी विज्ञापन दिए हैं. आरटीआई में दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2020 में 15 जून से 23 जुलाई के बीच ईटी नाउ को करीब 15 लाख रुपए के छह विज्ञापन दिए गए. वहीं 2020 में ही 15 जून से 23 सितंबर के बीच टाइम्स नाउ को 82 लाख रुपए का विज्ञापन दिया गया. अगर बात करें मिरर नाउ की तो 15 जून 2020 से 23 सितंबर 2020 के बीच इसे 49 लाख का विज्ञापन योगी सरकार ने दिया है. इनको दिए गए ज़्यादातर विज्ञापन ‘आत्मनिर्भर भारत’ के ही हैं.

वॉयन, रिपब्लिक टीवी और न्यूज़ एक्स भी उन चैनलों में शामिल हैं, जिन्हें मोटी राशि का विज्ञापन योगी सरकार से प्राप्त हुआ.

उत्तर प्रदेश सूचना विभाग ने आरटीआई में ‘नेशनल टीवी चैनल्स’ पर खर्च विज्ञापन की राशि 158.55 करोड़ रुपए बताया है. लेकिन जब न्यूज़लॉन्ड्री ने अलग-अलग न्यूज़ चैनलों को दिए गए विज्ञापन की राशि को जोड़ा तो कुल राशि 88.68 करोड़ रुपए आई.

विज्ञापनों का असर

योगी सरकार ने सबसे ज़्यादा विज्ञापन न्यूज़ 18 ग्रुप के न्यूज़ चैनलों को दिया है. न्यूज़ 18 हिंदी के प्राइम टाइम शो आर/पार के शो को देखने पर इसका असर साफ़ पता चला था. यहां हम आपको आर/पार में एंकर अमिश देवगन द्वारा किए गए कुछ शो के कार्यक्रमों का नाम बता रहे हैं.

विपक्ष पर भारी, मोदी-योगी की जोड़ी?

2022 की टक्कर से पहले सबसे बड़ा इंटरव्यू.

(इस रोज देवगन ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू किया)

नई कैबिनेट की तैयारी, कांग्रेस पर कलह भारी!

DNA पर 'भागवत ज्ञान'

आंदोलन का नाम, अराजक काम!

यूपी से कश्मीर तक, धर्मांतरण गैंग!

न्यूज़-18 अक्सर ही योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू करता रहता है. इस साल के सात महीने में अमीश देवगन दो बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू कर चुके हैं. एक 3 मार्च को, दूसरा हाल ही में 16 जुलाई को.

मजे की बात है कि इस आरटीआई में हिंदी और अंग्रेजी के तमाम चैनलों के नाम हैं लेकिन सरकार से सवाल करने के लिए जाना जाने वाला चैनल एनडीटीवी इस सूची से नदारद है.

उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने विज्ञापन खर्च पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. हमने उन्हें इस संबंध में कुछ सवाल भी भेजे हैं.

यह आरटीआई सूचना विभाग के उपनिदेशक दिनेश कुमार सहगल ने जारी की है. वह जन सूचना अधिकारी भी हैं. न्यूज़लॉन्ड्री ने उनसे भी बात की. उन्होंने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. हालांकि हमने उन्हें इस आरटीआई से संबंधित कुछ सवाल भेजे हैं. जवाब आने पर इस रिपोर्ट में शामिल कर लिया जाएगा.

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