Report
भुखमरी की शिकार है दुनिया की 80 करोड़ से अधिक आबादी, एशिया की हालत सबसे खराब
दुनियाभर में भुखमरी का गंभीर संकट मंडरा रहा है. इसमें सबसे बड़ा योगदान कोविड-19 महामारी का है. खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की ताजा रिपोर्ट “द स्टेट ऑफ फूड सिक्युरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड 2021” में अनुमान लगाया गया है कि दुनियाभर में 81.1 करोड़ लोग 2020 में भुखमरी से जूझ रहे थे. दूसरे शब्दों में कहें तो दुनिया का हर 10वां शख्स भूखा है. एफएओ के अनुसार, ये आंकड़े बताते हैं कि अगर 2030 तक दुनिया से भुखमरी को खत्म करना है तो व्यापक प्रयास करने होंगे.
एफएओ की इस रिपोर्ट में महामारी के दौर में पहली बार भुखमरी का आकलन किया गया है. यह रिपोर्ट एफएओ, इंटरनेशनल फंड एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट (आईएफएडी), यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रेन फंड (यूनिसेफ), यून वर्ल्ड फूड प्रोग्राम और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रूप से 12 जुलाई को जारी की है.
यूएन की इन पांचों एजेंसियों के प्रमुख ने संयुक्त रूप से लिखी गई प्रस्तावना में कहा है, “पिछले साल की यह रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी असर डाला है जिससे दुनिया अप्रत्याशित मंदी की ओर बढ़ रही है. ऐसी मंदी दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार देखी जा रही है. ऐसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा और बच्चों सहित लाखों लोगों की पोषण सुरक्षा खतरे में है. अगर हम सख्त कदम नहीं उठाएंगे तो स्थिति और गंभीर हो जाएगी.” वह आगे लिखते हैं कि दुर्भाग्य से महामारी ने हमारे खाद्य तंत्र की कमजोरी उजागर कर दी है जिसने दुनियाभर में लोगों की जिंदगी और उनकी आजीविका को खतरे में डाल दिया है.
कोविड-19 काल में बढ़ी भुखमरी
रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 72 से 81.1 करोड़ लोग भुखमरी के शिकार थे जो 2019 के मुकाबले 16 करोड़ अधिक है. 2020 में 2.37 बिलियन लोगों के पास पर्याप्त भोजन नहीं था. दुनिया का कोई भी हिस्सा भुखमरी से अछूता नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार, गुणवत्तापूर्ण भोजन की महंगाई, गरीबी और आर्थिक असमानता के कारण दुनियाभर में तीन बिलियन लोग गुणवत्तापूर्ण भोजन से वंचित हो गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीका और एशिया में पांच साल के बच्चों में कुपोषण की समस्या काफी गंभीर हो चुकी है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 सालों में जलवायु की आपदाएं और आर्थिक मंदी बढ़ी है. महामारी ने इनके असर को और बढ़ा दिया है जिसके फलस्वरूप निम्न और मध्य आय वाले देशों में भुखमरी बढ़ रही है. रिपोर्ट यह भी बताती है कि 2020 में लगाए गए लॉकडाउन जैसे आर्थिक प्रतिबंधों के कारण दुनियाभर में भुखमरी पिछले दशकों के मुकाबले तेजी से बढ़ी है.
एशिया की हालत सबसे खराब
रिपोर्ट के अनुसार, भुखमरी की शिकार दुनिया की आधी से अधिक एशिया में रहती है. एशिया में 41.8 करोड़ लोग भुखमरी से ग्रस्त हैं. जबकि अफ्रीका में 28.2 करोड़ लोग ऐसे हालात में गुजर-बसर कर रहे हैं. अफ्रीका में 21 प्रतिशत आबादी भुखमरी की शिकार है. 2019 की तुलना में अफ्रीका में भूखे लोगों की संख्या 4.6 करोड़ बढ़ी है, वहीं एशिया में ऐसे लोगों की संख्या में 5.7 करोड़ का इजाफा हुआ है. लैटिन अमेरिका में 1.4 करोड़ भुखमरी के शिकार बढ़े हैं. कुपोषण से ग्रस्त अधिकांश बच्चे अफ्रीका और एशिया में ही हैं.
(डाउन टू अर्थ से साभार)
Also Read: ‘सरकार द्वारा तय की गई मज़दूरी मांगने पर मालिक ने बिजली-पानी किया बंद, पीना पड़ा नाले का पानी'
Also Read: महाराष्ट्र: विधवा मजदूर, कोविड और मुकादम
Also Read
-
Two years on, ‘peace’ in Gaza is at the price of dignity and freedom
-
4 ml of poison, four times a day: Inside the Coldrif tragedy that claimed 17 children
-
Delhi shut its thermal plants, but chokes from neighbouring ones
-
Hafta x South Central feat. Josy Joseph: A crossover episode on the future of media
-
Encroachment menace in Bengaluru locality leaves pavements unusable for pedestrians