Report
मैक्सिको से बाघ, असम से तेंदुए और रिलायंस का चिड़ियाघर बनकर तैयार है
आरटीआई एक्ट के तहत मिली सूचना से यह बात सामने आई है कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने गुजरात के जामनगर में स्थित रिलायंस के चिड़ियाघर को नाना प्रकार के विलुप्तप्रायः, अतिसंवेदनशील और लगभग संकटग्रस्त जीवों को मैक्सिको से अधिग्रहित करने की अनुमति दी है.
इसी साल 8 फरवरी को मिली इस अनुमति ने ग्रीन्स जूलॉजिकल, रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन किंगडम (लोगों का ध्यान खींचने के लिये रिलायंस चिड़ियाघर को दिया गया एक दिखावटी नाम) द्वारा नुएवो लियोन के सैन पैद्रो गार्ज़ा गार्सिया के चिड़ियाघर से 17 प्रजाति के 286 जीवों को आयातित करने का रास्ता साफ हो गया है. इन जीवों की सूची में 50 हाइब्रिड बंगाल टाइगर और इतने ही हाइब्रिड शेर तथा अमेरिकन फ्लैमिंगो; 12 अफ्रीकी चीतें; 10 जगुआर और इतने ही तेंदुए; कौगर, ओसेलोट, मार्गे, बालों वाले बौने मैक्सिकन साही, जगुआरुंडी, अमेरिकन ब्लैक बियर, बॉबकैट्स, लिनियस के दो अंगूठों वाले स्लॉथ; आठ ब्राऊन बियर और दो एंटइटर प्रजातियों के आठ-आठ जीव शामिल हैं.
अन्तर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) ने बाघों को "विलुप्तप्रायः" प्रजाति, अफ्रीकी चीतों और विशाल एंटइटर को "अतिसंवेदनशील" एवं जगुआर को "लगभग संकटग्रस्त" की श्रेणी में रखा है.
जाहिर तौर पर द रिलायंस ज़ू रिलायंस कंपनी के मालिक और भारत के सबसे अमीर व्यक्ति के सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी की पसंदीदा परियोजना है. पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार यह परियोजना 250.1 एकड़ के भूखंड पर बनकर तैयार होगी. प्रास्तावित चिड़ियाघर के लिए कंपनी की ब्योरेवार प्रॉजेक्ट रिपोर्ट को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीज़ेडए) द्वारा साल 2019 की शुरुआत में मंजूरी मिली थी. सीज़ेडए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की वैधानिक संस्था है जिसका काम जैव विविधता का संरक्षण और देश के चिड़ियाघरों की देखरेख करना है.
इसके मास्टर लेआउट प्लान के अनुसार रिलायंस के इस चिड़ियाघर को व्यापक तौर पर जीवों की प्रजाति को रखने के लिए पूरी तैयारी कर ली गयी है. जीवों की इन प्रजातियों में बार्किंग डियर, पैंगोलिन, हिमालयी तहर, उल्लू, तीतर, जंगली सूअर, गैंडा, एशियाई हाथी, स्लॉथ बियर, मछली पकड़ने वाली बिल्ली, बंगाल टाइगर, सियार, कोमोडो ड्रैगन, बंगाल मॉनिटर लिज़ार्ड, वॉटर मॉनिटर लिज़ार्ड, एनाकोंडा, रेगिस्तानी लोमड़ी, अफ्रीकी शेर सहित धारीदार लकड़बग्घा शामिल हैं.
वैसे तो मुख्यधारा की मीडिया के बहुत से आउटलेट्स ने रिपोर्टिंग की है कि रिलायंस का चिड़ियाघर दुनिया का सबसे बड़ा चिड़ियाघर होगा लेकिन असल में तो यह चिड़ियाघर भारत का भी सबसे बड़ा चिड़ियाघर नहीं होगा. तिरुपति का श्री वेंकटेश्वरा जूलॉजिकल पार्क 300 एकड़ में फैला हुआ है जो कि इस ग्रीन्स जूलॉजिकल रेसक्यू एंड रिहैबिलिटेशन किंगडम के कुल क्षेत्रफल से करीब 12 गुना बड़ा है. चेन्नई का अरिगनार अन्ना जूलॉजिकल पार्क, भुवनेश्वर का नंदनकानन बायोलॉजिकल पार्क, गुवाहाटी का आसाम स्टेट ज़ू कम बॉटेनिकल गार्डन, हैदराबाद का नेहरू जूलॉजिकल पार्क, विशाखापत्तनम में स्थित इंदिरा गांधी जूलॉजिकल पार्क और मैसूरु का चामाराजेंद्र जूलॉजिकल पार्क भी इससे कहीं ज्यादा बड़े क्षेत्र में फैले हैं. और ये सभी जूलॉजिकल पार्क और बॉटेनिकल गार्डन आदि संबंधित राज्य सरकारों द्वारा संचालित हैं.
घरेलू हस्तांतरण
एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी मिली है कि सीज़ेडए ने रिलायंस के चिड़ियाघर को गुजरात के जूनागढ़ के सक्करबॉग चिड़ियाघर से अक्टूबर, 2020 में 35 और उसके अगले महीने 25 तेंदुए लेने की अनुमति दी थी.
सक्करबॉग चिड़ियाघर को 1863 में जूनागढ़ के नवाब महाबत खानजी ने खुलवाया था. यह चिड़ियाघर 207 एकड़ में फैला हुआ है. इस चिड़ियाघर में एशियाई शेरों का ब्रीडिंग केंद्र होने के साथ ही भारतीय जंगली गधों, एशियाई चीतों और चिंकारा को भी रखा जाता है.
फरवरी, 2021 में ऐसी खबरें आयी थीं कि रिलायंस के चिड़ियाघर ने इजरायल के चार ज़ेब्रा के बदले आसाम स्टेट ज़ू से काले तेंदुओं की एक जोड़ी ली है. टेलीग्राफ के अनुसार इस हस्तांतरण के कारण चिराखना सुरक्षा मंच के सदस्य आक्रोशित होकर विरोध-प्रदर्शन करने लगें. आसाम ज़ू की रखवाली के लिए साल 2017 में चिराखना सुरक्षा मंच की स्थापना हुई थी. सन् 1957 में स्थापित आसाम ज़ू कथित तौर पर देश भर में काले तेंदुओं का एकमात्र प्रजनन केंद्र है.
"केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की गाइडलाइंस के अनुसार जानवरों की अदला-बदली केवल सरकारी चिड़ियाघरों के बीच ही हो सकती है. जामनगर स्थित अंबानी का चिड़ियाघर एक निजी चिड़ियाघर है." चिराखना सुरक्षा मंच के महासचिव राजकुमार बैश्य ने बताया, "इस संबंध में बिल्कुल स्पष्ट गाइडलाइन और नियम हैं."
कांग्रेस की महासचिव बबीता शर्मा ने भी इस अदला-बदली का विरोध किया. उन्होंने द फेडरल से कहा, "हालांकि एक वरिष्ठ वन्य अधिकारी ने दावा किया है कि ये हस्तांतरण एक एक्सचेंज प्रोग्राम का हिस्सा है जिसके तहत जामनगर केंद्र असम को चार इजरायली ज़ेब्रा प्राप्त करने में मदद करेगा, उनके द्वारा पेश किए गये दस्तावेज में ऐसे किसी हस्तांतरण का उल्लेख नहीं है और इस दस्तावेज में केवल यह कहा गया है कि इन जीवों को 'प्रदर्शन' मात्र के उद्देश्य से ही 'अधिग्रहित' किया गया था."
चिड़ियाघर मान्यता नियम, 2009 का निजी और सार्वजनिक चिड़ियाघरों के बीच विनिमय और हस्तांतरण के मामलों से कोई लेना-देना नहीं है. यह मामला 2008 सीज़ेडए गाइडलाइंस के अधीन आता है लेकिन वो भी इस तरह के किसी भी हस्तांतरण या विनिमय पर कोई रोक नहीं लगाते हैं.
गाइडलाइंस केवल यह कहती है, "किसी एक्सचेंज प्रोग्राम को मंजूरी देते वक्त संबंधित चिड़ियाघर के प्रजनन, शिशुओं की देखभाल तथा रख-रखाव के पिछले ट्रैक रिकॉर्ड को पर्याप्त महत्व देना चाहिए."
अब चूंकि रिलायंस के चिड़ियाघर के मास्टर लेआउट प्लान को बिलकुल हाल-फिलहाल फरवरी, 2019 में ही मंजूरी मिली है तो ऐसे में यह बात समझ के परे है कि कैसे इस चिड़ियाघर का भी कोई ट्रैक रिकॉर्ड हो सकता है जो विनिमय या हस्तातंरण की जरुरी अहर्ताओं को पूरा करता हो.
हमने रिलायंस के चिड़ियाघर की विभिन्न मंजूरियों के संबंध में सीज़ेडए को प्रश्नों का एक सेट ई-मेल किया है. हालांकि अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया है, अगर वहां से कोई जवाब आता है तो इस रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जायेगा.
सौरोदीप्तो सान्याल एक स्वतंत्र पत्रकार हैं.
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
Also Read
-
TV Newsance 250: Fact-checking Modi’s speech, Godi media’s Modi bhakti at Surya Tilak ceremony
-
What’s Your Ism? Ep 8 feat. Sumeet Mhasker on caste, reservation, Hindutva
-
‘1 lakh suicides; both state, central govts neglect farmers’: TN farmers protest in Delhi
-
10 years of Modi: A report card from Young India
-
Reporters Without Orders Ep 319: The state of the BSP, BJP-RSS links to Sainik schools