Khabar Baazi
कारवां के प्रभजीत सिंह, अर्शु जॉन और द वायर की सुकन्या शांता को मिला इस साल का एसीजे अवार्ड
एक ऑनलाइन कार्यक्रम के द्वारा एसीजे जर्नलिज्म अवार्डस 2020 की घोषणा की गई. इस बार कारवां पत्रिका के प्रभजीत सिंह और अर्शु जॉन को खोजी पत्रकारिता और द वायर की सुकन्या शांता को सामाजिक प्रभाव पत्रकारिता के लिए पुरस्कार देने की घोषणा की गई.
पुरस्कारों के लिए जूरी में एंड्रयू व्हाइटहेड, अनुराधा रघुनाथन और पैरी रवींद्रनाथन शामिल थे, जबकि समारोह में मुख्य अतिथि प्रताप भानु मेहता थे. विजेताओं को एक लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया गया.
सिंह और जॉन की रिपोर्ट, पिछले सितंबर में कारवां पत्रिका में प्रकाशित हुई थी. दोनों ने पिछले साल पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों पर रिपोर्ट की थी. जूरी ने इसे दंगों के ‘विस्तृत’ और ‘सावधानीपूर्वक शोध किया गया’ के रूप में वर्णित किया.
जूरी ने कहा, "उनकी पत्रकारिता उन दंगों के गवाह और पीड़ित लोगों की ज्वलंत और परेशान करने वाली गवाही पर बनी है”.
द वायर में प्रकाशित, शांता की रिपोर्ट "फ्रॉम सेग्रीगेशन टू लेबर, मनु कास्ट लॉ गर्वन द इंडियन प्रिजन सिस्टम”. यह रिपोर्ट जेल के अंदर जाति-आधारित भेदभाव और जेल के भीतर श्रम को जाति के आधार पर सौंपे गए जेल मैनुअल पर आधारित थी.
जूरी ने कहा की यह रिपोर्ट "सफल सामाजिक प्रभाव पत्रकारिता की दो आवश्यक आवश्यकताओं को शक्तिशाली रूप से पूरा करती है: यह एक अन्याय को उजागर करती है जिसे सार्वजनिक दृष्टिकोण से काफी हद तक छुपाया गया है.”
जूरी को खोजी पत्रकारिता के लिए 47 प्रविष्टियां और 79 प्रविष्टियां सामाजिक प्रभाव पत्रकारिता के लिए मिली थी. 6 भाषाओं और 37 समाचार संगठनों के साथ-साथ कई स्वतंत्र पत्रकारों ने आवेदन भेजा था.
Also Read
-
Newsance 274: From ‘vote jihad’ to land grabs, BJP and Godi’s playbook returns
-
‘Want to change Maharashtra’s political setting’: BJP state unit vice president Madhav Bhandari
-
South Central Ep 1: CJI Chandrachud’s legacy, Vijay in politics, Kerala’s WhatsApp group row
-
‘A boon for common people’: What’s fuelling support for Eknath Shinde?
-
हेट क्राइम और हाशिए पर धकेलने की राजनीति पर पुणे के मुस्लिम मतदाता: हम भारतीय हैं या नहीं?