Media
डीडी न्यूज़ का महामारी मंत्र: मोदी के राज में सब चंगा सी
वे लोग बाकी टीवी एंकरों की तरह चीखते और चिल्लाते नहीं, वे कैमरे पर मुस्कुराते और तहजीब से पेश आते हैं. लेकिन उनका उद्देश्य बाकियों से कुछ खास अलग नहीं.
जैसे-जैसे कोरोना महामारी भारत में तबाही है ला रही है, दूरदर्शन के कार्यक्रम इस जारी त्रासदी पर केंद्रित होने के बजाय प्रधानमंत्री मोदी और उनके सरकार के महिमामंडन और उनके राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों को नकारा व तानाशाह दिखाने में लगे हैं.
डीडी न्यूज़ देश का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला सरकारी न्यूज़ चैनल है जिसकी पहुंच शहरी और ग्रामीण इलाके दोनों में है. यह चैनल देश के नागरिकों के टैक्स के पैसे चलता है. चैनल को प्रसार भारती चलाती है जो स्वयं सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आती है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि यह असली संख्या नहीं है, भारत में 38,000 से ज्यादा लोग इस महीने कोविड-19 वजह से जान गंवा चुके हैं. नरेंद्र मोदी सरकार को इस तबाही के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है क्योंकि उन्होंने नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने में और वैक्सीन अभियान को गति देने में देरी करके कीमती समय बर्बाद किया. इस लहर के बढ़ने से पहले के कुछ महीनों में कोविड टास्क फोर्स के साथ विमर्श नहीं किया. इसके उलट वह चुनावी रैलियों में व्यस्त रहे और कुंभ मेले को रोकने के लिए भी उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया.
इसके बावजूद, न्यूजलॉन्ड्री के द्वारा डीडी न्यूज़ के कार्यक्रमों की 24, 25 और 28 अप्रैल की पड़ताल में एक बार भी, अस्पताल में बिस्तर के लिए यहां से वहां भागते नागरिकों, कम पड़ती ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी का जिक्र तक नहीं था. कार्यक्रमों में यही बात चल रही थी कि किस प्रकार मोदीजी के नेतृत्व में केंद्र ने ऑक्सीजन की आपूर्ति और रेमडेसिविर दवा को बनाने में बढ़ोतरी की है.
ऐसा तब हो रहा है जब भाजपा के समर्थक चैनल भी अपनी आदत के विपरीत केंद्र की महामारी से जुड़ी नीतियों पर सवाल उठाने लगे हैं.
सप्ताह के अंत में डीडी न्यूज़ पर चल रहे एक टिकर ने दर्शकों को बताया कि इराक़ के बगदाद शहर में एक कोविड-19 अस्पताल में आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई. लेकिन शुक्रवार रात को दिल्ली के एक अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से मरने वाले 25 भारतीयों का जिक्र तक नहीं हुआ.
मोदी, एकमात्र रक्षक
रविवार सुबह के डीडी न्यूज़ बुलेटिन में पर्दे के पीछे की एक आवाज ने दर्शकों को बताया, "देश की कोरोना से लड़ाई जारी है. और इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. प्रधानमंत्री लगातार एक के बाद एक मीटिंग केवल परिस्थितियां जानने के लिए ही नहीं अलग-अलग विभागों को निर्देश देने के लिए भी कर रहे हैं."
इस दौरान स्क्रीन पर जो दृश्य दिखता है और यह दिन में कई बार दिखाया गया, उसमें दाढ़ी बढ़ाए हुए प्रधानमंत्री एक लंबी लकड़ी की टेबल पर, हाथ में एक कागज लिए, वीडियो कांफ्रेंस के जरिए नीति निर्माताओं और उद्योगपतियों को ध्यान से सुनते हुए दिखते हैं.
उसके बाद यह दृश्य एक स्लाइड की तरह कटकर, स्क्रीन में बाएं हाथ की तरफ मोदी को दिखाता है और बाकी स्क्रीन पर उनके द्वारा महामारी से निपटने के लिए लिए गए निर्णयों को दिखाता है, जैसे कि ऑक्सीजन और उससे जुड़ी हुई सामग्री पर 3 महीने के लिए कस्टम ड्यूटी नहीं लगेगी.
मुख्य समाचारों में, एंकर बता रहे थे कि कैसे ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन जीवनदायिनी गैस की देशभर में मांग को पूरा कर रही है और कैसे दिल्ली पुलिस, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है, वह ऑक्सीजन टैंकरों को पहुंचाने का काम बखूबी निभा रही है.
इसके बाद आने वाले दृश्यों में ऑक्सीजन टैंकरों को ले जा रही एक ट्रेन, लोगों के आरटीपीसीआर टेस्ट और विशेष स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज और फैक्ट्रियों में दवाओं के निर्माण की हजारों कतारें दिखाई जाती हैं.
इसके बाद, पहले उल्लेखित दृश्यों से थोड़ा अलग, जब डीडी न्यूज़ यह बताता है कि कैसे उनकी सरकार मुफ्त राशन बांट कर गरीबों की मदद कर रही है, तो मुस्कुराते हुए मोदी स्क्रीन पर आते हैं.
एंकर केवल दर्शकों को इतना ही नहीं बताते की यह राशन पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत बांटे जा रहे हैं, बल्कि यह भी कहते हैं कि इस कदम की गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्विटर पर प्रशंसा की है. इसके बाद तीनों मंत्रियों की ट्वीट को प्रसारण में दिखाया और अक्षरशः पढ़ा गया.
चैनल के प्राइम टाइम प्रसारण में मोदी के नेतृत्व का महिमामंडन और बढ़ गया. एंकर गर्व से बयान करते हैं- "कोविड के इस काल में देश में ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में युद्ध स्तर के प्रयास जारी हैं. अब पीएम केयर्स फंड को 551 ऑक्सीजन बनाने के प्लांट लगाने में इस्तेमाल किया जाएगा, जिन्हें जिला अस्पतालों में लगाया जाएगा. प्रधानमंत्री ने आदेश दिया है कि यह प्लांट जल्दी से जल्दी लगाए जाएं."
ऑक्सीजन प्लांट वाले आदेश को भी एक अलग कहानी की तरह पेश किया गया, जिसे एक दूसरे व्यक्ति ने गर्व से रिकॉर्ड किया और सोमवार सुबह 8:00 बजे से यह कार्यक्रम डीडी न्यूज़ के दर्शकों के उपलब्ध था.
कहीं पर भी चैनल ने उन अप्रिय तथ्यों को दिखाना जरूरी नहीं समझा जो उनके द्वारा प्रसारित इस कथानक को झुठला देते हैं, मसलन लगाए जाने वाले ऑक्सीजन प्लांट में से 150 का टेंडर मोदी सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में निकाला था. स्क्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल मध्य तक केवल ऐसे पांच प्लांट ही शुरू हो सके थे.
संघ की सेवा, ममता की तानाशाही और केजरीवाल का नकारापन
रविवार को प्राइम टाइम में, रात 9:00 बजे, डीडी न्यूज़ "गुड न्यूज़" नाम का एक कार्यक्रम चलाता है. इस कार्यक्रम में महामारी से जुड़ी सकारात्मक खबरें दिखाई जाती हैं. 25 अप्रैल को उनके इस कार्यक्रम का विषय भाजपा के वैचारिक स्रोत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक थे जिन्होंने पुणे में एक कोविड केयर केंद्र शुरू किया था.
एंकर ने कहा: "कुछ स्वयंसेवकों ने कोविड-19 पीड़ितों की मदद करने के लिए कष्ट उठाए हैं. विशेष बात है कि वह ऐसा मुफ्त में कर रहे हैं वह भी तब, जब कोरोना वायरस पूरे देश में तबाही मचा रहा है."
इसके बाद चैनल ने उस केंद्र के कुछ दृश्य दिखाए जिसमें हर कमरे में मरीजों के लिए तीन बिस्तर थे, कथित तौर पर उन मरीजों के लिए जिन्हें बीमारी के हल्के लक्षण हैं और उन्हें बाकियों से अलग रखा जाना जरूरी है. यह स्पष्ट नहीं किया गया कि गाजियाबाद के गुरुद्वारे की तरह क्या इस केंद्र में भी ऑक्सीजन की व्यवस्था है, लेकिन यह बताया गया कि यहां पर मरीजों को सुबह की चाय दी जाती है और प्राणायाम किया जाता है.
ऐसा प्रतीत होता है कि चैनल के कार्यक्रमों का सीधा राजनैतिक उद्देश्य है. जहां एक तरफ मोदी और भाजपा प्रशासित प्रदेशों की बात करते हुए हृदय विदारक दृश्य और आलोचना पूरी तरह से गायब होती है वहीं गैर भाजपा शासित प्रदेशों के बारे में बात करते हुए ऐसा कोई बंधन नहीं रहता.
उदाहरण के लिए सोमवार की सुबह जब महाराष्ट्र के ठाणे में एक अस्पताल में लगी आग से 4 मरीज मारे गए, लोगों के द्वारा घायल लोगों को उठाकर ले जाने का वीडियो डीडी न्यूज़ पर बार-बार दिखाया गया.
मंगलवार को, दिल्ली हाईकोर्ट के द्वारा केजरीवाल सरकार को लगाई हुई डांट एक लंबी वार्ता का विषय बनी. नीचे चलते हुए टिकट ने घोषित किया, "कोरोना लहर: उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को नहीं बख्शा."
लेकिन ऐसी ही कोई वार्ता इलाहाबाद उच्च न्यायालय को लेकर नहीं की गई जिसने, उसी दिन आदित्यनाथ सरकार को कहा कि, "कोरोना का भूत उत्तर प्रदेश के मुख्य शहरों की सड़कों और गलियों पर मार्च कर रहा है."
डीडी न्यूज़ की कवरेज इस दौरान जारी विधानसभा चुनावों में भी पक्षपाती था. रविवार को चैनल ने पश्चिम बंगाल के मानिकचक से जेपी नड्डा के वर्चुअल चुनावी भाषण को, सातवें चरण के मतदान से 1 दिन पहले प्रसारित किया. जबकि आदर्श आचार संहिता के तहत प्रचार पर रोक लग चुकी थी.
एंकर ने जेपी नड्डा के ममता बनर्जी सरकार की घोर आलोचना करते हुए करीब 30 सेकंड के वक्तव्य को चलाने से पहले कहा, "नड्डा जी ने कहा कि बंगाल के लोगों को निर्भय होकर, राज्य सरकार की तानाशाही के खिलाफ मत डालना चाहिए."
दिलचस्प यह रहा कि इस दौरान किसी विपक्ष के नेता के किसी बयान को चैनल में जगह नहीं मिली.
इस प्रकार का पक्षपाती प्रसारण कुछ नया नहीं है. 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान, चुनाव आयोग ने डीडी न्यूज़ को सभी राजनीतिक दलों को "सामान अवसर देने" का आदेश दिया था, क्योंकि उनका कवरेज "निष्पक्षता बनाए रखने के मूल विचार से मेल नहीं खा रहा था."
***
सुनिए न्यूज़लॉन्ड्री हिंदी का रोजाना खबरों का पॉडकास्ट: न्यूज़ पोटली
Also Read
-
The Cooking of Books: Ram Guha’s love letter to the peculiarity of editors
-
What’s Your Ism? Ep 8 feat. Sumeet Mhasker on caste, reservation, Hindutva
-
TV Newsance 250: Fact-checking Modi’s speech, Godi media’s Modi bhakti at Surya Tilak ceremony
-
‘1 lakh suicides; both state, central govts neglect farmers’: TN farmers protest in Delhi
-
‘His duty to protect all sections’: DK Shivakumar on PM’s Muslim remarks