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डिजीपब फाउंडेशन ने कंटेंट रिव्यू के लिए चार सदस्यों वाली कमेटी का किया गठन
डिजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन ने डिजिटल समाचारों के जिम्मेदार प्रकाशकों के संगठन के रूप में एक स्वतंत्र और उच्च स्तरीय कंटेंट रिव्यू समिति का गठन किया है.
पारदर्शिता के उद्देश्य से गठित इस समिति में कुल चार सदस्य हैं. जिनमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर, प्रज्ञा ट्रस्ट के संस्थापक और निदेशक स्वर्ण राजगोपालन, सफाई कर्मचारी आंदोलन के संस्थापक बेजवाड़ा विल्सन और प्रसार भारती के पूर्व सीईओ और संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के पूर्व सचिव जवाहर सरकार शामिल हैं.
फाउंडेशन ने अपने बयान में कहा, “हमने जो स्वतंत्र समिति का गठन किया है उसमें कानून, अधिकार, लिंग और लोक प्रशासन के क्षेत्र में एक विशिष्ठ रिकॉर्ड और उपलब्धियों वाले व्यक्ति शामिल हैं. कमेटी के कामकाज पर कहा गया है कि आने वाले कुछ दिनों में इस कमेटी के कामकाज के तौर-तरीकों की रूप रेखा को सार्वजनिक करेगा.”
डिजीपब ने बताया, “उसके कुछ सदस्यों ने कुछ वर्ष पहले से कंटेंट समीक्षा के लिए स्वतंत्र आंतरिक कमेटी का गठन किया हुआ है. वहीं कुछ सदस्य इस कमेटी का गठन कर रहे हैं. यह सब कदम हमारे पेशेवर मीडिया नैतिकता को दर्शाता है. जिससे की हमारे पाठक हमारे कंटेंट पर आपत्तियों को लेकर हमसे शिकायत कर सकते हैं.”
वहीं एक बार फिर डिजीपब ने नए आईटी नियमों के जवाब में जारी किए गए अपने 26 जनवरी वाले बयान को दोहराते हुए कहा कि, “सरकार द्वारा समाचार पोर्टलों या प्रकाशनों की सामग्री को रेगुलेट करने का कोई भी प्रयास ना केवल संविधान के खिलाफ हैं बल्कि लोकतंत्र के लिए हानिकारक है.”
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