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छत्तीसगढ़: रेस्टोरेंट संचालक से उगाही को लेकर तीन पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर

छत्तीसगढ़ के रायपुर पुलिस ने एक रेस्टोरेंट संचालक से जबरन उगाही को लेकर तीन पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस ने तीन में से दो पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक अन्य की तलाश जारी है. पुलिस ने धारा 294, 34 और 384 के तहत केस दर्ज किया है.

रायपुर के माना कैम्प थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 45 में एबोय एण्ड बियोन रेस्टोरेंट संचालक सर्वेश द्विवेदी ने बताया, “एक साल पूरा होने पर प्रशासन से इजाजत लेकर एक कार्यक्रम किया था. इसी दौरान आजतक के पूर्व पत्रकार और न्यूज टुडे नाम से एक न्यूज पोर्टल चला रहे सुनील नामदेव, नेशनल अपडेट मीडिया के साजिद और शहबाज ने कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पैसे मांगे.”

खबर प्रकाशित कर बदनाम करने की धमकी के बाद रेस्टोरेंट के मैनेजर को धमकी देकर पहले 30 हजार रुपए वसूले उसके बाद और पैसों की मांग करते हुए मारपीट करने लगे. संचालक की इस एफआईआर में कहा गया है कि तीनों पत्रकारों ने वहां हंगामा कर दिया जिससे वहां मौजूद लोग बिना पैसे दिए चले गए, जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ.

इस एफआईआर के बाद जब माना कैम्प थाने की पुलिस पत्रकार सुनील नामदेव के घर पहुंची तो आरोपो के मुताबिक वहां पत्रकार ने पुलिस के साथ मारपीट की और पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कराने की धमकी भी दी.

माना कैम्प थाने के प्रभारी दुर्गेश रावटे ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, तीन पत्रकारों के खिलाफ जबरन वसूली को लेकर शिकायत दर्ज हुई थी. उसी मामले में सुनील नामदेव के घर पुलिस पहुंची थी. घर पहुंचे तो आरोपी की पत्नी मनमीत कौर और साला प्रीतपाल सिंह मिले. नामदेव को पूछने पर कहीं घूमने जाने की जानकारी दी.

पुलिस जब वहां उसका इंतजार कर रही थी तभी भीतर से सुनील की आवाज आई. हमने उन्हें अपना ऑफिस दिखाने को कहा, इस दौरान वह गुस्से में आकर मुझे जातिगत गाली देने लगे. और मेरी वर्दी उतरवा देने की धमकी देने लगे.

जिसके बाद पत्रकार के खिलाफ 6 अलग-अलग धाराओं (186, 189, 353, 294, 506, एट्रोसिटी एक्ट की धारा 3(1) द,ध क) के तहत दूसरा केस दर्ज किया.

हमारे पूछने पर कि आखिर क्यों एक पत्रकार को पकड़ने के लिए दो थानों की पुलिस गई थी, तो उन्होंने कहा कि मैं इसपर जवाब नहीं दे सकता.

इस पूरे मामले पर छत्तीसगढ़ के एक वरिष्ठ पत्रकार नाम ना छापने की शर्त पर न्यूज़लॉन्ड्री से बातचीत में कहते हैं, “सरकार का रवैया पत्रकारों के खिलाफ कैसा है यह तो सब जानते हैं. लेकिन इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की बात कहना सही नहीं होगा. जिन पत्रकार को पुलिस गिरफ्तार करने के लिए उनके घर गई उनके संबंध पूर्ववर्ती सरकार से अच्छे रहे हैं. वह काफी समय तक आजतक चैनल से जुड़े रहे हैं.”

वरिष्ठ पत्रकार आगे कहते है, “30 हजार की वसूली करने के लिए पत्रकार ने रेस्टोरेंट संचालक को धमकी दी होगी, यह सही प्रतीत नहीं होता क्योंकि पुलिस सूत्रों ने मुझे बताया कि जब वह पत्रकार को गिरफ्तार करने पहुंचे तो उनका आलीशान घर देखकर वह वापस आ गए क्योंकि उन्हें लगा कि वह गलत घर में चले गए थे.

न्यूज़लॉन्ड्री ने शिकायतकर्ता सर्वेश द्विवेदी से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हुआ.

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