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दैनिक जागरण ने पहले लिखा, मौसम खराब होने के कारण सीएम खट्टर का दौरा रद्द, फिर बदला
रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल जिले के कैमला गांव में विवादित कृषि कानूनों के पक्ष में रैली करने वाले थे. रैली स्थल पर मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले नाराज़ किसानों ने हेलीपैड और स्टेज सब तोड़ दिया, जिसके बाद उन्हें कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. मनोहर लाल खट्टर का हेलीकॉप्टर रैली स्थल पर तो पहुंचा, लेकिन वहां उतर नहीं पाया.
इस पूरे मामले पर जहां तमाम मीडिया संस्थानों ने बताया और जो सच भी है कि किसानों के उग्र प्रदर्शन के कारण मुख्यमंत्री को इस रैली को रद्द करना पड़ा. जबकि दैनिक जागरण ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण मनोहर लाल खट्टर का करनाल दौरा रद्द हो गया.
दैनिक जागरण की वेबसाइड पर कमलेश भट्ट की बाइलाइन के साथ 'खराब मौसम के कारण हरियाणा के सीएम मनोहर लाल का करनाल दौरा रद्द, किसान महापंचायत में लेना था हिस्सा' हेडिंग से छपी इस खबर में बताया गया, ‘‘करनाल के कैमला में होने वाली किसान महापंचायत में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर शामिल नहीं हो पाए. खराब मौसम के कारण वह कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके जिसके कारण कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. हालांकि कार्यक्रम को लेकर भाजपा कार्यकर्ता पहुंच चुके थे.’’
अपनी इस खबर की शुरुआत में जागरण लिखता हैं, ‘‘मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कैमला में होने वाली किसान महापंचायत में हिस्सा लेने नहीं पहुंच पाए. बताया जा रहा है कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने में दिक्कत आ रही थी. इससे सीएम कार्यक्रम में नहीं आए.’’
भारत का सबसे बड़ा अख़बार होने का दावा करने वाले जागरण ने अपनी इस खबर में किसी का हवाला तक नहीं दिया है, आखिर उन्हें किसने बताया कि मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर की उड़ान में दिक्कत आ रही थी. दरअसल मौसम खराब होने जैसी कोई स्थिति थी ही नहीं. सीएम का हेलीकॉप्टर कैमला गांव पहुंचा तो ज़रूर था, लेकिन नाराज़ किसानों के हंगामे के कारण वहां उतरा नहीं उसे करनाल के ही नेवल हवाई पट्टी पर उतारा गया.
सोशल मीडिया पर सुबह से ही कृषि बिलों से नाराज़ किसानों द्वारा हंगामा करने, मंच तोड़ने और हेलिपैड को तबाह करने की तस्वीरें सामने आने लगी थीं. खुद मुख्यमंत्री ने घटना के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर इस तोड़फोड़ के लिए आरोप लगाया.
सीएम ने कहा, ‘‘आज के इस घटनाक्रम के कारण मैं तो समझता हूं कि जनता को यह संदेश गया होगा कि जितना मैं अपनी बात से नहीं दे पाता. घटना के बाद से बहुत से फोन आ रहे हैं कि यह ठीक नहीं हुआ है और ठीक नहीं किया है. और इससे हमारे किसान वर्ग की बदनामी इन लोगों ने कराई है. क्योंकि किसान का ये रवैया नहीं हो सकता है. किसान का यह स्वाभाव भी नहीं. हमारे देश का किसान कितना भी कम पढ़ा लिखा होग लेकिन भोला भला होगा. वह समझदार है. इसलिए उनको उस प्रकार का समर्थन मिलने वाला नहीं है. इसमें अगर किसी एक व्यक्ति को मैं जिम्मेदार ठहराऊं तो वह गुरनाम सिंह चढूनी है. चढूनी ने जिस प्रकार से वीडियो चलाकर उकसाने का काम किया.’’
हैरानी की बात यह है कि जागरण ने अपनी खबर 10 जनवरी की शाम 4 बजे लगाई है वहीं बाकी कई मीडिया संस्थानों ने उससे पहले ही सीएम की रैली को रोके जाने का कारण किसानों का प्रदर्शन बता दिया था.
दोपहर दो बजे ही जनपथ के लिए रिपोर्ट करने वाले पत्रकार गौरव कुमार ने लिखा, "हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की रैली पर किसानों ने किया कब्जा. तीनों कृषि कानूनों को समझाने के लिए रखी थी रैली.’’
दोपहर साढ़े तीन बजे समाचार एजेंसी आईएएनएस ने ट्वीट करके जानकारी दी कि रैली में सीएम के आगमन से ठीक पहले किसानों ने तोड़फोड़ की जिसके बाद सीएम ने अथॉरिटी पर दबाव बनाया कि कार्यक्रम को रद्द कर दिया जाए.’’
जागरण का यूटर्न
सोशल मीडिया पर इस खबर की जमकर आलोचना होती रही. शाम छह बजे मुख्यमंत्री ने खुद ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस घटना पर अपनी नाराजगी दर्ज कराई. फिर भी देर शाम पब्लिश खबर में रात तक कोई बदलाव नहीं किया गया. हालांकि सुबह-सुबह इस खबर को पूरी तरह बदल दिया गया और हेडिंग दिया गया, ‘करनाल में प्रदर्शनकारियों की उग्र भीड़ ने तोड़ा मंच, सीएम मनोहर लाल नहीं कर सके किसानों से संवाद.’
सिर्फ हेडिंग ही नहीं अंदर की खबर को भी पूरी तरह बदल दिया गया. खराब मौसम वाली बात पूरी खबर से हटा दी गई. जागरण ने अपनी खबर में बदलाव करते हुए लिखा, ‘‘कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों के उग्र प्रदर्शन के कारण कैमला गांव में रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसानों के साथ संवाद नहीं कर सके. उन्हें अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा. हिंसक भीड़ ने कार्यक्रम के लिए बनाए गए मंच को तोड़ दिया और हेलीपैड को तहस-नहस कर दिया.’’
पूरी खबर को बदलने के बावजूद इसकी जानकारी जागरण ने नहीं दी.
इस पूरे मामले को लेकर करनाल जागरण के ब्यूरो हेड अविनेश कुमार से हमने बात की. न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कुमार कहते हैं, ‘‘मुख्यमंत्री का करनाल आने का 11 बजे का समय निर्धारित था. सीएम को लगभग 10:55 पर पहुंचना था. जो ऑफिसियल टाइम था. उसके बाद साढ़े ग्यारह, बारह, साढ़े बारह तक उपद्रव नहीं हुआ था. दो बजे तक भी कोई उपद्रव नहीं हुआ था. तब तक मंच से घोषणा हो रही थी कि हेलीकाप्टर इसलिए नहीं आ पा रहा क्योंकि मौसम अभी ठीक नहीं है. जो शुरुआती रिपोर्टिंग हुई है वो बिलकुल ठीक हुई कि मौसम के कारण डिले हो रहा था. बाद में क्या स्थितियां बनीं वो अलग बात है. वो सब अख़बार में छपा है.’’
जागरण पर यह खबर चार बजे प्रकाशित हुई थी. आपके मुताबिक ही दो बजे के बाद घटना हुई. डिजिटल पर पूरी खबर बदल गई. यह सवाल जब हमने कुमार से पूछा तो उन्होंने बताया, ‘‘वो थोड़ा अपडेट होने में समय लगता है. वैसे हमने ग्यारह बजे अपडेट किया था. उसमें हमारा हस्पक्षेप नहीं है. जहां तक रही खबर बदलने की बात तो वह सेक्शन मैं नहीं देखता. बदल गई होगी.’’
अविनेश कुमार के दावे से इतर मुख्यमंत्री ने रैली में नहीं उतरने का कारण सुरक्षा व्यवस्था बताया. मुख्यमंत्री खट्टर ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा, ‘‘आंदोलनकरियों के नेताओं से अधिकारियों की बात हो गई थी. उनकी सहमति बनी थी कि हम सांकेतिक विरोध करेंगे. उस बात पर विश्वास रखते हुए प्रशासन ने अपनी तैयारी कीं. आज मुझे जब वहां पहुंचना था, लेकिन जैसा कल तय हुआ था उस वायदे का उल्लंघन करके, कुछ लोग तो वहां रुके रहे जहां का तय हुआ था, लेकिन कुछ नौजवान जो उकसाये गए या अपने आप वहां आ गए. हमारे नेता मंच पर पहुंचे हुए थे, केवल मुझे वहां हेलीकाप्टर लेकर उतरना था, लेकिन हेलीपैड पर काफी संख्या में वे पहुंच गए जिसके कारण मैंने ये समझा क्योंकि कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगड़नी चाहिए. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैंने निर्देश देकर अपना हेलीकाप्टर करनाल में उतारा.’’
कुमार ने मौसम खराब होने की बात की लेकिन ऐसा नहीं था. घटना के वक़्त की तस्वीरों और वीडियो को देखें तो साफ दिख रहा था कि धूप निकली हुई है. ग्राउंड में मौजूद रहे जनपथ के लिए रिपोर्टिंग करने वाले गौरव कुमार बताते हैं, ‘‘रविवार को मौसम काफी साफ था. धूप निकली हुई थी. जहां तक रही सीएम के 11 बजे आने की बात तो किसानों की नाराजगी को देखते हुए पहले ही घोषणा हो गई थी कि वो रैली में 3 बजे आएंगे. हालांकि उनके आने से पहले ही प्रदर्शनकारी किसान वहां पहुंच गए थे.’’
ऐसा नहीं है कि जागरण ने पहली बार ऐसा किया हो. किसान आंदोलन के दौरान जागरण कई ऐसी रिपोर्ट कर चुका है जिस कारण उसपर सवाल खड़े हुए. सीएम खट्टर ने जिस किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर रैली में हंगामा कराने का आरोप लगाया उन्होंने अपना एक बयान जारी करके कैमला में जो कुछ हुआ उसकी जिम्मेदारी ली. चढूनी के मीडिया प्रभारी राकेश ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कहा, "जागरण तो सरकारी अख़बार है. उसकी खबर पर क्या ही बात करना.’’
रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल जिले के कैमला गांव में विवादित कृषि कानूनों के पक्ष में रैली करने वाले थे. रैली स्थल पर मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले नाराज़ किसानों ने हेलीपैड और स्टेज सब तोड़ दिया, जिसके बाद उन्हें कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. मनोहर लाल खट्टर का हेलीकॉप्टर रैली स्थल पर तो पहुंचा, लेकिन वहां उतर नहीं पाया.
इस पूरे मामले पर जहां तमाम मीडिया संस्थानों ने बताया और जो सच भी है कि किसानों के उग्र प्रदर्शन के कारण मुख्यमंत्री को इस रैली को रद्द करना पड़ा. जबकि दैनिक जागरण ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण मनोहर लाल खट्टर का करनाल दौरा रद्द हो गया.
दैनिक जागरण की वेबसाइड पर कमलेश भट्ट की बाइलाइन के साथ 'खराब मौसम के कारण हरियाणा के सीएम मनोहर लाल का करनाल दौरा रद्द, किसान महापंचायत में लेना था हिस्सा' हेडिंग से छपी इस खबर में बताया गया, ‘‘करनाल के कैमला में होने वाली किसान महापंचायत में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर शामिल नहीं हो पाए. खराब मौसम के कारण वह कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके जिसके कारण कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. हालांकि कार्यक्रम को लेकर भाजपा कार्यकर्ता पहुंच चुके थे.’’
अपनी इस खबर की शुरुआत में जागरण लिखता हैं, ‘‘मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कैमला में होने वाली किसान महापंचायत में हिस्सा लेने नहीं पहुंच पाए. बताया जा रहा है कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने में दिक्कत आ रही थी. इससे सीएम कार्यक्रम में नहीं आए.’’
भारत का सबसे बड़ा अख़बार होने का दावा करने वाले जागरण ने अपनी इस खबर में किसी का हवाला तक नहीं दिया है, आखिर उन्हें किसने बताया कि मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर की उड़ान में दिक्कत आ रही थी. दरअसल मौसम खराब होने जैसी कोई स्थिति थी ही नहीं. सीएम का हेलीकॉप्टर कैमला गांव पहुंचा तो ज़रूर था, लेकिन नाराज़ किसानों के हंगामे के कारण वहां उतरा नहीं उसे करनाल के ही नेवल हवाई पट्टी पर उतारा गया.
सोशल मीडिया पर सुबह से ही कृषि बिलों से नाराज़ किसानों द्वारा हंगामा करने, मंच तोड़ने और हेलिपैड को तबाह करने की तस्वीरें सामने आने लगी थीं. खुद मुख्यमंत्री ने घटना के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर इस तोड़फोड़ के लिए आरोप लगाया.
सीएम ने कहा, ‘‘आज के इस घटनाक्रम के कारण मैं तो समझता हूं कि जनता को यह संदेश गया होगा कि जितना मैं अपनी बात से नहीं दे पाता. घटना के बाद से बहुत से फोन आ रहे हैं कि यह ठीक नहीं हुआ है और ठीक नहीं किया है. और इससे हमारे किसान वर्ग की बदनामी इन लोगों ने कराई है. क्योंकि किसान का ये रवैया नहीं हो सकता है. किसान का यह स्वाभाव भी नहीं. हमारे देश का किसान कितना भी कम पढ़ा लिखा होग लेकिन भोला भला होगा. वह समझदार है. इसलिए उनको उस प्रकार का समर्थन मिलने वाला नहीं है. इसमें अगर किसी एक व्यक्ति को मैं जिम्मेदार ठहराऊं तो वह गुरनाम सिंह चढूनी है. चढूनी ने जिस प्रकार से वीडियो चलाकर उकसाने का काम किया.’’
हैरानी की बात यह है कि जागरण ने अपनी खबर 10 जनवरी की शाम 4 बजे लगाई है वहीं बाकी कई मीडिया संस्थानों ने उससे पहले ही सीएम की रैली को रोके जाने का कारण किसानों का प्रदर्शन बता दिया था.
दोपहर दो बजे ही जनपथ के लिए रिपोर्ट करने वाले पत्रकार गौरव कुमार ने लिखा, "हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की रैली पर किसानों ने किया कब्जा. तीनों कृषि कानूनों को समझाने के लिए रखी थी रैली.’’
दोपहर साढ़े तीन बजे समाचार एजेंसी आईएएनएस ने ट्वीट करके जानकारी दी कि रैली में सीएम के आगमन से ठीक पहले किसानों ने तोड़फोड़ की जिसके बाद सीएम ने अथॉरिटी पर दबाव बनाया कि कार्यक्रम को रद्द कर दिया जाए.’’
जागरण का यूटर्न
सोशल मीडिया पर इस खबर की जमकर आलोचना होती रही. शाम छह बजे मुख्यमंत्री ने खुद ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस घटना पर अपनी नाराजगी दर्ज कराई. फिर भी देर शाम पब्लिश खबर में रात तक कोई बदलाव नहीं किया गया. हालांकि सुबह-सुबह इस खबर को पूरी तरह बदल दिया गया और हेडिंग दिया गया, ‘करनाल में प्रदर्शनकारियों की उग्र भीड़ ने तोड़ा मंच, सीएम मनोहर लाल नहीं कर सके किसानों से संवाद.’
सिर्फ हेडिंग ही नहीं अंदर की खबर को भी पूरी तरह बदल दिया गया. खराब मौसम वाली बात पूरी खबर से हटा दी गई. जागरण ने अपनी खबर में बदलाव करते हुए लिखा, ‘‘कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों के उग्र प्रदर्शन के कारण कैमला गांव में रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसानों के साथ संवाद नहीं कर सके. उन्हें अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा. हिंसक भीड़ ने कार्यक्रम के लिए बनाए गए मंच को तोड़ दिया और हेलीपैड को तहस-नहस कर दिया.’’
पूरी खबर को बदलने के बावजूद इसकी जानकारी जागरण ने नहीं दी.
इस पूरे मामले को लेकर करनाल जागरण के ब्यूरो हेड अविनेश कुमार से हमने बात की. न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कुमार कहते हैं, ‘‘मुख्यमंत्री का करनाल आने का 11 बजे का समय निर्धारित था. सीएम को लगभग 10:55 पर पहुंचना था. जो ऑफिसियल टाइम था. उसके बाद साढ़े ग्यारह, बारह, साढ़े बारह तक उपद्रव नहीं हुआ था. दो बजे तक भी कोई उपद्रव नहीं हुआ था. तब तक मंच से घोषणा हो रही थी कि हेलीकाप्टर इसलिए नहीं आ पा रहा क्योंकि मौसम अभी ठीक नहीं है. जो शुरुआती रिपोर्टिंग हुई है वो बिलकुल ठीक हुई कि मौसम के कारण डिले हो रहा था. बाद में क्या स्थितियां बनीं वो अलग बात है. वो सब अख़बार में छपा है.’’
जागरण पर यह खबर चार बजे प्रकाशित हुई थी. आपके मुताबिक ही दो बजे के बाद घटना हुई. डिजिटल पर पूरी खबर बदल गई. यह सवाल जब हमने कुमार से पूछा तो उन्होंने बताया, ‘‘वो थोड़ा अपडेट होने में समय लगता है. वैसे हमने ग्यारह बजे अपडेट किया था. उसमें हमारा हस्पक्षेप नहीं है. जहां तक रही खबर बदलने की बात तो वह सेक्शन मैं नहीं देखता. बदल गई होगी.’’
अविनेश कुमार के दावे से इतर मुख्यमंत्री ने रैली में नहीं उतरने का कारण सुरक्षा व्यवस्था बताया. मुख्यमंत्री खट्टर ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा, ‘‘आंदोलनकरियों के नेताओं से अधिकारियों की बात हो गई थी. उनकी सहमति बनी थी कि हम सांकेतिक विरोध करेंगे. उस बात पर विश्वास रखते हुए प्रशासन ने अपनी तैयारी कीं. आज मुझे जब वहां पहुंचना था, लेकिन जैसा कल तय हुआ था उस वायदे का उल्लंघन करके, कुछ लोग तो वहां रुके रहे जहां का तय हुआ था, लेकिन कुछ नौजवान जो उकसाये गए या अपने आप वहां आ गए. हमारे नेता मंच पर पहुंचे हुए थे, केवल मुझे वहां हेलीकाप्टर लेकर उतरना था, लेकिन हेलीपैड पर काफी संख्या में वे पहुंच गए जिसके कारण मैंने ये समझा क्योंकि कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगड़नी चाहिए. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैंने निर्देश देकर अपना हेलीकाप्टर करनाल में उतारा.’’
कुमार ने मौसम खराब होने की बात की लेकिन ऐसा नहीं था. घटना के वक़्त की तस्वीरों और वीडियो को देखें तो साफ दिख रहा था कि धूप निकली हुई है. ग्राउंड में मौजूद रहे जनपथ के लिए रिपोर्टिंग करने वाले गौरव कुमार बताते हैं, ‘‘रविवार को मौसम काफी साफ था. धूप निकली हुई थी. जहां तक रही सीएम के 11 बजे आने की बात तो किसानों की नाराजगी को देखते हुए पहले ही घोषणा हो गई थी कि वो रैली में 3 बजे आएंगे. हालांकि उनके आने से पहले ही प्रदर्शनकारी किसान वहां पहुंच गए थे.’’
ऐसा नहीं है कि जागरण ने पहली बार ऐसा किया हो. किसान आंदोलन के दौरान जागरण कई ऐसी रिपोर्ट कर चुका है जिस कारण उसपर सवाल खड़े हुए. सीएम खट्टर ने जिस किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर रैली में हंगामा कराने का आरोप लगाया उन्होंने अपना एक बयान जारी करके कैमला में जो कुछ हुआ उसकी जिम्मेदारी ली. चढूनी के मीडिया प्रभारी राकेश ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कहा, "जागरण तो सरकारी अख़बार है. उसकी खबर पर क्या ही बात करना.’’
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