Newslaundry Hindi
बिहार चुनाव: अखबारी विज्ञापनबाजी में एनडीए गठबंधन ने मारी बाजी
बिहार विधानसभा चुनाव अपने चरम पर है. राज्य में 243 सीटों पर कुल तीन चरणों में वोटिंग होनी है. छोटे-मोटे विवादों के बीच 28 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान हो चुका है. तीन नवंबर को दूसरे और सात नवंबर को तीसरे और आखिरी चरण का मतदान होगा. वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी जिसमें यह तय होगा कि बिहार की जनता 15 साल से सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन को फिर से चुनती है या बदलाव करती है.
यह रिपोर्ट प्रकाशित होने तक दूसरे चरण का मतदान जारी था. पार्टियां जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. मतदाताओं तक पहुंचने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही हैं. सोशल मीडिया से लेकर मुख्यधारा के मीडिया तक. इस दौरान दूसरे दलों को नीचा दिखाने के चक्कर में नेताएं मर्यादा भी तोड़ रहे हैं जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लालू प्रसाद के परिवार पर निजी टिप्पणियां करना भी शामिल है.
मतदान के बीच न्यूज़लॉन्ड्री ने एक आकलन बिहार के कुछ बड़े हिंदी अखबारों में दिए जाने वाले राजनीतिक विज्ञापनों का किया. हमने पाया कि यहां बाजी मारने वाले दल का चेहरा लगभग साफ है. पिछले हफ्तों में बीजेपी और उसके सहयोगी गठबंधन जेडीयू (एनडीए) ने चुनावी विज्ञापनबाजी में बाकी दलों को पीछे छोड़ दिया है.
हमने पटना से प्रकाशित होने वाले तीन बड़े अखबारों दैनिक जागरण, हिंदुस्तान और प्रभात खबर में वोटिंग से पहले हफ्ते में छपे विज्ञापनों का आकलन किया. इसमें एनडीए के विज्ञापनों से उनके राजनीतिक विरोधी पस्त होते दिख रहे हैं. इस दौरान जहां बीजेपी और जेडीयू ने तमाम पूरे पेज पर विज्ञापन दिए वहीं कांग्रेस, राजद सहित दूसरे दल अधिकतर आधे और चौथाई पेज के विज्ञापन और अक्सर भीतर के पन्नों पर सिमट कर ही रह गए.
हमने इस आकलन के लिए 20 से 31 अक्टूबर के बीच का समय चुना. गौरतलब है कि इस दौरान 28 अक्टूबर को पहले चरण का चुनाव हो चुका था और पूरे राज्य में चुनाव प्रचार चरम पर था. 28 अक्टूबर की बात करें को बिहार की राजधानी पटना से प्रकाशित होने वाले इन तीनों हिंदी अखबारों दैनिक जागरण, हिंदुस्तान और प्रभात खबर में उस दिन एनडीए गठबंधन की ओर से जेडीयू ने पहले पन्ने पर फुल पेज विज्ञापन दिया. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ी फोटो लगी थीं. साथ ही लिखा था- सबसे बड़ा काम मतदान. और एनडीए को वोट देने की अपील के साथ परखा है जिसको चुनेंगे उसी को और #voteforNitish लिखा था.
इसके बाद पेज तीन पर भी तीनों अखबारों में एनडीए गठबंधन की बीजेपी का नीचे आधे पेज का विज्ञापन छपा था. जिसमें पीएम मोदी, जेपी नड्डा, नीतीश कुमार, सुशील मोदी के फोटो के साथ ‘भाजपा है तो भरोसा है’ लिखकर एनडीए को जिताने की अपील की गई थी. इसके अलावा कुछ वादों का जिक्र भी किया गया था. इसके बाद नीचे आधे पेज का बीजेपी का विज्ञापन, पीएम मोदी की फोटो के साथ, पटना रैली का प्रभात खबर और दैनिक जागरण में पेज सात पर और हिंदुस्तान में पेज पांच पर छपा था. दैनिक जागरण पेज छह पर नीचे चौथाई हिस्से में बीजेपी के बांकीपुर विधानसभा उम्मीदवार का विज्ञापन भी था. यानी वोटिंग वाले दिन सिर्फ इन तीनों अखबारों में एनडीए गठबंधन के पहले पूरे पेज सहित कुल 10 विज्ञापन थे.
इसके मुकाबले महागठबंधन की बात करें तो प्रभात खबर में पेज पांच पर नीचे एक चौथाई हिस्से में राजद का तेजस्वी यादव के फोटो के साथ और बचे एक चौथाई से थोड़ा ऊपर के हिस्से में कांग्रेस का राहुल गांधी के फोटो के साथ विज्ञापन था. राजद में ‘प्रण हमारा’ और ‘ये सच होने वाला है’ के साथ 10 लाख नौकरियों सहित अन्य वादे लिखे थे. जबकि कांग्रेस में ‘जन-जन को मिलेगा अधिकार’ और ‘बोले बिहार महागठबंधन सरकार’ का नारा और कुछ वादे दिए गए थे.
कांग्रेस और राजद के यही विज्ञापन इसी रूप में हिंदुस्तान में पेज सात पर छपे थे. जबकि दैनिक जागरण में नीचे इसी रूप में कांग्रेस का पेज पांच पर और राजद का पेज छह पर था. जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव का दैनिक जागरण में पेज चार पर नीचे चौथाई हिस्से में विज्ञापन था. जिसमें उन्होंने बिहार को तीन साल में एशिया का सबसे बेहतरीन राज्य बनाने का वादा किया था. यानी जहां एनडीए गठबंधन के पूरे पेज के विज्ञापन थे वहीं महागठबंधन और अन्य दल चौथाई हिस्से में ही सिमट कर रह गए.
26 और 27 अक्टूबर का ई पेपर तीनों ही अखबारों का उपलब्ध नहीं है. इससे पहले दिन 25 अक्टूबर को भी बीजेपी की तरफ से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान और प्रभात खबर में पहले पूरे पेज पर विज्ञापन दिया था. जिसमें सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी फोटो के साथ बड़ा-बड़ा ‘भरोसा है’ लिखा था. और फ्री वैक्सीन जैसे वादों का गुणगान किया गया था. छोटा सा ऐड पेज पांच पर बिहार जेडीयू महासचिव प्रगति मेहता का भी था.
उसके उलट प्रभात खबर में नीचे पेज पांच पर सिर्फ चौथाई हिस्से में तेजस्वी यादव की फोटो के साथ राजद का विज्ञापन था जबकि उसके बराबर में चौथाई से कम हिस्से में कांग्रेस का राहुल गांधी की बड़ी व गठबंधन नेताओं की फोटो के साथ विज्ञापन था. जबकि ये विज्ञापन इसी रूप में हिंदुस्तान में पेज आठ पर भी है. दैनिक जागरण में कांग्रेस का राहुल गांधी वाला यह विज्ञापन पेज पांच पर ऊपर तीन कॉलम में था. यानी बाजी आज भी बीजेपी और एनडीए ने मार ली थी.
दैनिक जागरण में पेज चार पर और हिंदुस्तान में पेज 10 पर जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव का नीचे चौथाई हिस्से में पुराना वाला विज्ञापन था. दैनिक जागरण में पेज नौ पर नीचे छह कॉलम में निर्दलीय प्रत्याशी अनिल कुमार ने विज्ञापन दिया था. जबकि पेज 10 पर 3-3 कॉलम का ऐड भारतीय सबलोग पार्टी के राहुल राज और राजद की मसौढ़ी विधानसभा प्रत्याशी रेखा देवी का था. प्रभात खबर में आधे नीचे पेज चार पर कर्णवार सिंह का निर्दलीय विज्ञापन दिया गया था. 24 अक्टूबर को दैनिक जागरण में पेज आठ पर बाढ़ विधानसभा से महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी सत्येंद्र बहादुर ने तेजस्वी की रैली का ऊपर चौथाई हिस्से में विज्ञापन दिया. उसके नीचे इतना ही बड़ा विज्ञापन निर्दलीय प्रत्याशी राकेश रंजन का था.
पेज 12 पर नीचे आधे पेज पर बीजेपी के एनडीए प्रत्याशी अतुल कुमार ने विजयदशमी की शुभकामना के साथ ऐड दिया था. जिसमें नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की फोटो लगी थी. प्रभात खबर में पेज चार पर नीचे आधे हिस्से में निर्दलीय प्रत्याशी कर्णवार सिंह का विज्ञापन दिया था. जबकि महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी सत्येंद्र बहादुर का तेजस्वी की रैली का ऐड पेज छह पर नीचे चौथाई हिस्से में था. हिंदुस्तान में इस दिन किसी पार्टी का विज्ञापन नहीं था.
23 अक्टूबर को भी जेडीयू ने दैनिक जागरण, हिंदुस्तान और प्रभात खबर में पहले पूरे पेज पर विज्ञापन दिया था. जिसमें सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ी फोटो लगी थी. इसमें नीतीश कुमार ने बिहारवासियों के नाम एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें 15 साल मौका देने का शुक्रिया अदा कर आगे सात निश्चय भी किए हुए थे. साथ में एनडीए को जिताने की अपील भी की थी.
जबकि इसी दिन प्रभात खबर में पेज तीन पर नीचे और हिंदुस्तान में पेज आठ पर और दैनिक जागरण में पेज सात पर कांग्रेस का तीन कॉलम का राहुल गांधी की रैलियों का फोटो के साथ छोटा सा विज्ञापन छपा था. 22 अक्टूबर को किसी ओर पार्टी ने कोई ऐड नहीं दिया था. लेकिन बीजेपी का पीएम मोदी की सासाराम और गया की रैली का आधे पेज का ऐड तीनों अखबारों में छपा. प्रभात खबर में पहले पेज पर जबकि हिंदुस्तान में पेज पांच और दैनिक जागरण में पेज तीन पर इसे नीचे आधा हिस्सा समर्पित था. इसमें सिर्फ पीएम मोदी की फोटो के साथ बिहारी भाषा में समर्थन की बात लिखी थी.
कुल मिलाकर पहले चरण के मतदान के पहले हफ्ते के दौरान सत्ताधारी एनडीए गठबंधन ने इन तीनों अखबारों में कुल 20 विज्ञापन दिए. जिनमें नौ पहले पूरे पेज पर और 10 आधे पेज के थे. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस-राजद महागठबंधन ने इस दौरान 17 विज्ञापन दिए. जिनमें पूरे पेज और आधे पेज का एक भी विज्ञापन नहीं था. सभी विज्ञापन चौथाई और उससे कम पेज का था. निर्दलीय और अन्य ने इस दौरान आठ विज्ञापन दिए, जिनमें पांच चौथाई और तीन आधे पेज के थे. यानी पहले चरण के चुनाव में पूरे पेज का विज्ञापन सिर्फ एनडीए ने दिया.
इस दौरान एक बात और ध्यान देने योग्य है कि जहां एनडीए के अधिकतर विज्ञापनों ने बड़े होने के बावजूद शुरुआती पेजों पर जगह बनाई वहीं महागठबंधन और अन्य दलों के छोटे विज्ञापन भी अंदर के पन्नों पर जगह बना पाए. यानी अखबारों में एनडीए गठबंधन के विज्ञापन हावी रहे. चुनाव के पहले चरण में तो बीजेपी के एनडीए गठबंधन ने विज्ञापनों में बाजी मारी ही. दूसरे चरण में भी विरोधी उसे विज्ञापनों के मामले में कितनी टक्कर दे पाएंगे, यह देखना होगा. क्योंकि अब भी उसका विज्ञापन अभियान जारी है.
28 को संपन्न हुए चुनाव के बाद अगर बात करें तो 29 अक्टूबर को दैनिक जागरण में ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्यूलर फ्रंट से रालोसपा के पटना साहिब से उम्मीदवार जेपी वर्मा ने पेज चार पर चौथाई ऐड दिया. 30 अक्टूबर को प्रभात खबर में पेज चार पर नीचे आधे से थोड़े कम पेज पर राजद के उम्मीदवार डॉ. धर्मेंद्र कुमार का ऐड था जबकि दैनिक जागरण में पेज तीन पर ऊपर चौथाई पेज पर कांग्रेस का राहुल गांधी की फोटो के साथ ऐड था. 31 अक्टूबर को बीजेपी का पीएम मोदी की छपरा में एक नवंबर की रैली का नीचे आधे पेज का ऐड तीनों अखबारों में छपा. प्रभात खबर में पेज पांच पर, हिंदुस्तान में पेज तीन पर और दैनिक जागरण में पहले पेज पर इसे नीचे आधे हिस्से में छापा गया था. जिसमें लिखा था- ‘भरोसा है...छपरा को मोदी जी पर.’
इसके अलावा बीजेपी के ही कम्हरार विधानसभा प्रत्याशी अरुण कुमार सिंहा का नीचे चौथाई ऐड दैनिक जागरण में पेज पांच पर, प्रभात खबर में पेज चार पर और हिंदुस्तान में पेज दो पर छोटा ऐड था. पेज सात पर प्रभात खबर में बीजेपी के अन्य प्रत्याशी नितिन नवीन और पेज नौ पर संजीव चौरसिया का नीचे चौथाई ऐड भी छपा था. दैनिक जागरण में भी पेज सात पर संजीव चौरसिया का नीचे चौथाई ऐड था.
दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी लव सिन्हा का दैनिक जागरण में पेज चार पर नीचे आधे पेज में ऐड था. जबकि प्रभात खबर में पेज सात पर ऊपर तीन कॉलम में कांग्रेस का ऐड था. हिंदुस्तान में पेज दो पर राजद उम्मीदवार धर्मेंद्र कुमार का नीचे आधे पूरे पेज पर ऐड था. जबकि ऊपर दो कॉलम में नॉन डेमोक्रेटिक सेक्यूलर फ्रंट के उम्मीदवार जगदीप प्रसाद और इतना ही बड़ा ऐड भाकपा-माले की महागठबंधन उम्मीदवार शशि यादव ने दिया था.
बिहार में प्रभात खबर अखबार के एडवरटाइजिंग मैनेजर चेतन आनंद से हमने चुनावी विज्ञापनों और खर्च का अर्थशास्त्र समझने की कोशिश की. उन्होंने हमें रेट का खुलासा करने से इंकार करते हुए कहा, “अब कुछ भी रेट नहीं रह गया है. इस बार तो अखबार में आने वाले चुनावी विज्ञापन में भारी गिरावट आई है. पिछले चुनावों के मुकाबले ये 10 प्रतिशत रह गया है. इसका सबसे बड़ा कारण नेताओं ने सोशल मीडिया को प्राथमिकता दी है. सबके पास इंटरनेट फोन है, इसलिए अखबारों पर निवेश बहुत कम किया है, सोशल मीडिया पर ज्यादा किया है. बाकि राजनीतिक दल में भी किसी का बहुत कम में छपता है, किसी का नॉर्मल. और अब तो हम भी जो विज्ञापन आता है उसे ले लेते हैं. चाहे कितना भी कम हो. बस ये समझ लो कि जो हमारा रेट है उसका 10 प्रतिशत भी मिल जाए तो हम छाप देते हैं. तो अब रेट लिस्ट से खर्च का कोई आकलन नहीं हो सकता.”
दैनिक जागरण के मार्केटिंग विभाग के एक कर्मचारी नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं, “2019 लोकसभा चुनावों के मुकाबले बिहार चुनाव में अखबारों के विज्ञापन की दर बहुत नीचे आ गई है. इसकी एक बड़ी वजह कोविड है क्योंकि कोविड के बाद लोगों ने अखबार लेना बंद कर दिया था. इससे न्यूजपेपर के प्रसार में बहुत ज्यादा गिरावट आई थी.” उन्होंने हमें आगे बताया, “ज्यादातर हिंदी अखबारों में विज्ञापन की दर न्यूनतम 1400 से 1800 रूपए वर्ग सेमी तक होती थी, लेकिन कोरोना के चलते कोई भी रेट नहीं रह गया है.”
दैनिक जागरण के कर्मचारी ने हमें बताया कि पूरी जानकारी तो दे पाना मुश्किल है लेकिन कोविड के कारण बिहार चुनाव में अखबारों के विज्ञापनों में 50 प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान हुआ है. इसके मुकाबले होर्डिंग वगैरह पर काफी खर्च किया जा रहा है.
Also Read
-
Adani met YS Jagan in 2021, promised bribe of $200 million, says SEC
-
Pixel 9 Pro XL Review: If it ain’t broke, why fix it?
-
What’s Your Ism? Kalpana Sharma on feminism, Dharavi, Himmat magazine
-
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने वापस लिया पत्रकार प्रोत्साहन योजना
-
The Indian solar deals embroiled in US indictment against Adani group