Newslaundry Hindi
बजाज के बाद अब पारले जी ने भी जहरीले कंटेंट परोसने वाले न्यूज चैनलों से किया किनारा
पिछले सप्ताह देशभर के प्रमुख विज्ञापनदाताओं ने कहा था कि वे समाचार चैनलों पर बढ़ते जहरीले कार्यक्रमों से चिंतित हैं. उन्होंने चैनलों को चेतावनी दी थी कि अगर न्यूज चैनल कंटेंट पर गंभीरता से विचार नहीं करेंगे तो फिर उन्हें विज्ञापन को उस प्लेटफॉर्म पर चलाने हेतु विचार करना पड़ेगा. क्योंकि समाचार चैनलों पर विज्ञापन देने से ब्रांड सुरक्षा पर भी प्रश्न खड़े होते हैं.
मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पारले प्रोडक्ट्स के निर्माता कृष्णराव बुद्ध ने कहा कि कंपनी उन चैनलों पर विज्ञापन देना पसंद नहीं करेगी जो अक्रामकता और जहरीले कंटेंट को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी विज्ञापनदाता एक साथ आकर विज्ञापन पर संयम रखने का प्रयास कर सकते हैं. ताकि सभी न्यूज चैनलों को स्पष्ट संकेत मिल सके कि वे अपने कंटेंट को बेहतर करने के लिए उसमें बदलाव करें.
वहीं इंडियन सिविल लिबर्टीज यूनियन ने ट्वीट कर कहा कि " पारले जी प्रोडक्ट्स ने जहरीले न्यूज प्रसारित करने वाले समाचार चैनलों पर विज्ञापन नहीं देने का फैसला किया है.
अब कंपनी के इस फैसले की सोशल मीडिया में काफी तारीफ हो रही है. लोगों का कहना है कि अन्य कंपनियों को भी इस रास्ते पर चलना चाहिए. वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि अन्य कंपनियों को भी इसकी शुरुआत करनी चाहिए ताकि इससे हमें एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिले.
बता दें कि इससे पहले बजाज ऑटो के मैनेजिंग डॉयरेक्टर राजीव बजाज ने जहरीले कंटेंट प्रसारित करने वाले तीन न्यूज चैनलों से अपने विज्ञापन हटा लिए हैं. उन्होंने कहा कि समाज में नफरत फैलाने वालों के साथ हमारा ब्रांड नहीं जुड़ेगा.
बेस्टमीडियाइन्फों पर प्रकाशित यह रिपोर्ट, देशभर के प्रमुख विज्ञापनदाताओं से बातचीत कर तैयार की गई है. इस रिपोर्ट में अमूल के सीईओ आरएस सोढ़ी, पार्ले के सीनियर केटेगरी बिजनेस हेड के कृष्णा राव बुद्ध, फ़्यूचर ग्रुप के डिजिटल, मार्केटिग और ई-कामर्स के ग्रुप हेड पवन शारदा, मारूति सुजुकी के सेल्स और मार्केटिग एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शंशाक श्रीवास्तव और एक अन्य एफएमसीजी कंपनी के सीईओ से बातचीत की गई है. इसे हमने बीती 28 सितंबर को भी न्यूज़लॉड्री में प्रकाशित किया था.
Also Read
-
Reality check of the Yamuna ‘clean-up’: Animal carcasses, a ‘pond’, and open drains
-
Haryana’s bulldozer bias: Years after SC Aravalli order, not a single govt building razed
-
Ground still wet, air stays toxic: A reality check at Anand Vihar air monitor after water sprinkler video
-
Was Odisha prepared for Cyclone Montha?
-
चक्रवाती तूफान मोंथा ने दी दस्तक, ओडिशा ने दिखाई तैयारी