Newslaundry Hindi
हाथरसकांड: उत्तर प्रदेश पुलिस के अमानवीय कृत्य का पर्दाफाश किया आज तक की साहसी रिपोर्टर ने
गैंगरेप की शिकार 20 वर्षीय हाथरस की युवती की मंगलवार तड़के दिल्ली के सफदरजंग अस्पाताल में मौत हो गई. घटना के बाद से ही लोग पुलिस प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं. लोगों में दिल्ली से लेकर लखनऊ तक गुस्सा भड़का हुआ है. युवती की मौत के बाद आज तक-इंडिया टुडे की एक पत्रकार तनुश्री पांडेय इस मामले को कवर करने हाथरस पहुंची थीं. उन्होंने इस मामले में युवती की मौत के बाद से शव जलाने तक हुए घटनाक्रम को एक ट्वीटर थ्रेड के जरिए उजागर किया है.
उन्होंने इससे जुड़ी कई वीडियो और तस्वीरें शेयर की हैं. जिन्हें सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है. इन वीडियो को देखकर लोग पुलिस और सरकार को कोस रहे हैं वहीं इस महिला पत्रकार के पुलिस से सवाल करने के अंदाज और उनकी हिम्मत की सराहना कर रहे हैं.
एक सफेद रंग की पुलिस की गाड़ी जो कि किसी रास्ते से गुजर रही है. इसका वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए वह लिखती हैं कि "हाथरस बलात्कार पीड़िता का शव उनके गांव बूलगढ़ी पहुंच गया है. जहां युवती के साथ दरिंदगी हुई थी. एसपी, डीएम, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पीड़ित परिवार के साथ यहां पहुंचे हैं." पत्रकार तनुश्री पांडेय और उनके कैमरामैन वकार भी दिल्ली से देर रात कवरेज करते हुए हाथरस मृतका के गांव पहुंचे थे.
वहीं तनुश्री एक अन्य ट्वीट में जलते हुए शव की तस्वीर शेयर करती हैं और लिखती हैं- "हाथरस पीड़िता के शव को पुलिस ने उनके परिवार की बिना मर्जी के जला दिया है. पुलिस ने परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों को घर के अंदर बंद कर दिया और जबरन शव को जला दिया. परिवार अपनी बेटी को आखिरी बार भी नहीं देख सका. अगर लड़की के साथ किया गया अत्याचार भयावह था तो यह भी मानवता से परे है."
एक और वीडियो शेयर करते हुए पत्रकार तनुश्री लिखती हैं कि "पूरी तरह से अविश्वसनीय- मेरे पीछे हाथरस की पीड़िता का शव जल रहा है. पुलिस ने परिवार को उनके घर के अंदर बैरिकेडिंग कर दिया है और बिना किसी को बताए शव जला दिया".
बता दें कि इस दौरन तनुश्री ने पीड़िता के जलाए जा रहे शव के पास मौजूद पुलिसकर्मियों से भी बातचीत की. वह पुलिस से पूछती हैं कि क्या यह शव जल रहा है? हालांकि पुलिस ने इस पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. एक पुलिस अधिकारी कहते हैं कि मैं एक थर्ड स्केल का पुलिस ऑफिसर हूं मुझे हिंदुस्तान में बोलने का अधिकार नहीं है. वह बार-बार पुलिस से अनुरोध करती हैं कि सर मुझे बता दीजिए कि यह क्या जल रहा है? इस पर वह कहते हैं कि मैं कोतवाल हो सकता हूं लेकिन बोल नहीं सकता हूं, जो बोल सकता है बोले... वह कहते हैं कि मैं क्राइम ब्रांच में हूं मेरी ड्यूटी यहां लगाई गई है. मैं बाहर से हूं. मेरी ड्यूटी यहां सिर्फ इसलिए है कि आप आगे न बढ़ें... बार-बार अनुरोध करने पर भी वह नहीं बताते हैं और कहते हैं आपकी बात डीएम साहब से हुई है. इस बात को वह कई बार रिपीट करते हैं कि आपकी बात डीएम साहब से हो गई है.
हालांकि तनुश्री कहती हैं कि मेरी डीएम साहब से कोई बात नहीं हुई है. वह फिर अनुरोध करती हैं कि संजीव सर बता दीजिए कि यह क्या जल रहा है? इस पर वह कहते हैं कि उनकी ड्यूटी यहां लगाई गई है ताकि यहां कोई लायन आर्डर खराब न हो. मुझे इस पर बोलने का कोई राइट नहीं है. खैर मौके पर मौजूद सभी पुलिसकर्मी कोई भी जवाब देने से इंकार कर देते हैं.
एक अन्य वीडियो में यूपी पुलिस पीड़ित परिवार को समझाती हुई नजर आ रही है. पुलिस परिवार से कह रही है कि कुछ गलतियां आप से हुई हैं आपको उसे मानना चाहिए. अन्य लोगों से भी गलती हुई है. समझदार व्यक्ति हो बड़े बुजुर्गों को बुला लो आपस में बात लो, यह कहीं नहीं लिखा है कि दाह संस्कार रात में नहीं होता है. दाह संस्कार रात में भी हो सकता है. बिटियां का पोस्टमार्टम हुए लगभग 12-14 घंटे हो गए हैं. इसी बीच परिवार का एक शख्स व्यक्ति पुलिस से टाइम पूछता है. उसके बाद कहता है कि क्या आपके हाथ पीछे से बंधे हुए हैं या आपके ऊपर कोई राजनीतिक दवाब है. इस दौरान महिलाओं समेत काफी संख्या में लोग एकत्रित हैं. तनुश्री लिखती हैं कि इस दौरान परिवार भीख मांग रहा है कि उनकी बेटी को कुछ समय के लिए घर क्यों नहीं जाने दे रहे हैं? अब पत्रकार तनुश्री के इन वीडियो को लोग शेयर करते हुए पुलिस की इस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
मालूम हो कि हाथरस में 14 सितंबर को 20 वर्षीय दलित युवती के साथ चार युवकों ने सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था. इस दौरान उसके साथ काफी दरिंदगी की गई थी. युवती को पहले अलगीढ़ और बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पलात में भर्ती कराया गया था. जहां उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी. मंगलवार तड़के युवती ने दम तोड़ दिया. चारों लड़कों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
Also Read
-
‘Justice for Zubeen Garg’: How the iconic singer’s death became a political flashpoint in Assam
-
Will Delhi’s air pollution be the same this winter?
-
South Asian University under fire again: Gangrape case triggers outrage over ‘cover-up’
-
IPS officer’s ‘suicide’: Pressure mounts on Haryana govt after ‘weak’ FIR, no autopsy
-
7 दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं, हरियाणा में दलित अधिकारी की खुदकुशी पर क्यों हो मचा है बवाल