Newslaundry Hindi
उद्धव ठाकरे के गार्ड के साथ गाली-गलौज करने वाले रिपब्लिक टीवी के दो पत्रकार गिरफ्तार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के रायगढ़ स्थित फार्म हाउस में घुसने के आरोप में पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के रिपोर्टर अनुज शर्मा और वीडियो जर्नलिस्ट यशपालजीत सिंह सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने तीनों को मंगलवार रात को गिरफ्तार किया. बुधवार को कोर्ट ने इन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
गिरफ्तार हुए तीसरे व्यक्ति का नाम प्रदीप है जो कि ओला ड्राइवर बताया जा रहा है.
इस गिरफ्तारी पर प्रेस रिलीज जारी करते हुए रायगढ़ पुलिस ने बताया, ''उद्धव ठाकरे के रायगढ़ फार्म हाउस पर तैनात सुरक्षाकर्मी की शिकायत पर यह गिरफ्तारी की गई है. ये तीनों लोग मंगलवार रात को गार्ड से फार्म हाउस का पता पूछ रहे थे. लेकिन गार्ड ने इन्हें जानकारी नहीं दी तो ये उसके साथ गाली-गलौज करने लगे.''
पुलिस ने इन तीनों पर जबरन घर में घुसने, नुकसान पहुंचाने, शांति भंग करने के उद्देश्य से काम करने, धमकी देने जैसे आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है.
रायगढ़ पुलिस के प्रवक्ता सुरेश यमगर से न्यूज़लॉन्ड्री ने पत्रकारों की गिरफ्तारी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “हमें नहीं पता कि वे पत्रकार हैं या नहीं. हालांकि हमें उनसे पहचान पत्र मिला है. हम अभी इस बात की पुष्टि कर रहे है कि क्या वे वास्तव में पत्रकार हैं.”
यमगर ने आगे कहा, “हमने इन्हें मुख्यमंत्री के फार्म हाउस के गार्ड द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया है. मंगलवार शाम करीब 7.30 बजे ये लोग गार्ड से तब मिले जब वो फार्महाउस के आसपास टहल रहे थे. ये तीनों वहां एक वैगनआर कार में बैठे थे. इन्होंने गार्ड से मुख्यमंत्री के फार्महाउस के बारे में पूछताछ की. गार्ड को शक हुआ तो उसने कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया और अंदर गार्ड रूम में चला गया.''
यमगर ने दावा किया कि थोड़ी देर बाद ये तीनों जबरन गार्ड रूम में घुस गए और उससे बहस करने लगे. उन्होंने कहा की तुमने फॉर्म हाउस की जानकारी क्यों नहीं दी. उसके साथ मारपीट की और गलियां दी.
यमगर बताते हैं, ‘‘गार्ड ने इसके बाद खालापुर पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और तीन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की. गार्ड ने उनकी गाड़ी का नंबर नोट कर लिया था. उसी के आधार पर नवी मुंबई में एक हाईवे चेकपोस्ट पर तीनों को हिरासत में लेकर हमारे हवाले कर दिया गया.''
रिपब्लिक टीवी से जुड़े एक कर्मचारी ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, ‘‘वे फॉर्म हाउस की रिपोर्टिंग करने के लिए गए थे. सीएम तो वहां रहते नहीं है ऐसे में वो वहां किस चीज की रिपोर्टिंग करने गए थे यह पता नहीं है. गिरफ्तारी के बाद से उनका फोन बंद है इसलिए हमें कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. जहां तक संस्थान की बात है तो वह पहले तो इस मामले पर चुप रहा, लेकिन जब सोशल मीडिया पर लोग इसका जिक्र करने लगे तो बुधवार देर शाम को उसने इस पर खबर चलाई.''
रिपब्लिक ने अपने दो कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर खबर चलाते हुए लिखा, ‘‘क्या महाराष्ट्र में रिपोर्ट करना अपराध है.’’
चैनल ने एक बयान जारी करके इस मामले पर अपना पक्ष रखा है. इस बयान में गिरफ्तारी को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए लिखा गया है, ''रिपब्लिक नेटवर्क अपने टीम के साथ खड़ा है. हमारी टीम को महाराष्ट्र सरकार द्वारा जेल में भेजा गया है. वे लोग एक इन्वेस्टिगेशन करने गए थे. गिरफ्तारी के बाद उन्हें क़ानूनी सलाह लेने का मौका नहीं दिया गया. हमारे वकील को वीडियो के जरिए भी उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के मौका नहीं दिया गया और उन्हें चार दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. हम उन्हें न्याय दिलाने की हर कोशिश करेंगे.''
रिपब्लिक के एक कर्मचारी ने हमें बताया कि बयान तो जारी कर दिया गया लेकिन संस्थान इसको लेकर गंभीर नहीं है. दो कर्मचारी जेल में हैं. लेकिन इस पर चैनल कायदे से खबर तक नहीं चला रहा है.
रिपब्लिक टीवी के मालिक अर्णव गोस्वामी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उद्धव ठाकरे के प्रति अपशब्दों के इस्तेमाल के बाद चैनल और ठाकरे सरकार की आपस में ठन गई है. अर्णब अपने शो में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और बाकी शिवसेना के नेताओं पर निशाना साधते नज़र आते हैं.
सुशांत की मौत के बाद रिपब्लिक टीवी अपनी रिपोर्टिंग के लिए काफी आलोचना का सामना कर रहा है. दर्शक ही नहीं चैनल में लम्बे समय से काम कर रहे कर्मचारी भी परेशान होकर इस्तीफा दे रहे हैं. हाल ही में इस्तीफा देने वाले पूर्व पत्रकार तेजिंदर सिंह सोढ़ी ने न्यूज़लॉन्ड्री से बातचीत में बताया था कि उन्हें रिपब्लिक में काम करते हुए बहुत जल्दी ही एहसास हो गया था कि पत्रकारों का इस्तेमाल अर्णब लोगों को निशाना बनाने के लिए कर रहे हैं.
मंगलवार को ही युवा पत्रकार शांताश्री सरकार ने बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है. उन्होंने चैनल पर एजेंडा चलाने का आरोप लगाया है.
Also Read: रिपब्लिक भारत या झूठ का गणतंत्र ?
Also Read
-
Kutch: Struggle for water in ‘har ghar jal’ Gujarat, salt workers fight for livelihoods
-
Hafta 483: Prajwal Revanna controversy, Modi’s speeches, Bihar politics
-
Can Amit Shah win with a margin of 10 lakh votes in Gandhinagar?
-
Why one of India’s biggest electoral bond donors is a touchy topic in Bhiwandi
-
TV Newsance 251: TV media’s silence on Revanna ‘sex abuse’ case, Modi’s News18 interview