Newslaundry Hindi
सीतापुर में पत्रकार पर जानलेवा हमला
उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर हमले की सिलसिलेवार घटनाओं में सोमवार को एक और वारदात जुड़ गई. यूपी के सीतापुर जिले में न्यूज़ एजेंसी “शार्प मीडिया” के मान्यता प्राप्त पत्रकार शैलेन्द्र विक्रम सिंह 9 अगस्त को अवैध रूप से संचालित हो रहे एक अस्पताल की कवरेज करने पहुंचे थे. वहां के झोलाछाप डॉक्टर और उसके साथियों ने उसे बुरी तरह पीटा. जिससे पत्रकार को सिर में गंभीर चोटें आईं हैं. पत्रकार ने जैसे-तैसे वहां से भागकर अपनी जान बचाई और थाने जाकर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
पुलिस ने घटना का संज्ञान लेते हुए आरोपियों के खिलाफ 307, 394 सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है और फरार आरोपियों की तलाश के लिए टीम गठित कर दिया है. सीतापुर जिला प्रशासन ने अवैध रूप से संचालित हो रहे अस्पताल को भी सील कर दिया है. ये सारी जानकारी जानकारी पुलिस मीडिया सेल ने एक प्रेस नोट के माध्यमपुलिस मीडिया सेल द्वारा जारी बयान से जारी की है. इस घटना पर अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने खुद संज्ञान लिया था.
जानकारी के मुताबिक,सीतापुर जिले के मानपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बिरैंचा में झोलाछाप डॉक्टर अब्दुल गनी अवैध रूप से अस्पताल चला रहा था. इसकी जानकारी मिलने पर “शार्प मीडिया” के पत्रकार शैलेन्द्र विक्रम सिंह, कैमरामैन राज वर्मा कवर करने गए थे. इसी दौरान झोलाछाप डा. अब्दुल गनी ने पत्नी शबी इरम, बेटों और रिश्तेदारों के साथ हमला कर दिया. शैलेंद्र को बुरी तरह लहूलुहान करने के बाद उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया गया.
झोलाछाप डा. अब्दुल गनी की पत्नी शबी इरम के ऊपर आरोप है कि करीब एक वर्ष पूर्व भी इसने एक अन्य महिला के साथ फर्जी संस्था के तहत फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से ज्यादा लड़कों से करोड़ों रुपए ठग लिए थे. खैराबाद थाने में जिसका मुकदमा दर्ज है.
पत्रकार शैलेन्द्र जैसे-तैसे वहां से जान बचाकर भागे और पास के थाने में पहुंचे तो शर्मनाक रूप से पुलिसवालों ने दूसरे थाने का मामला बताकर उन्हें टाल दिया. जिसके बाद संस्था ने लखनऊ में मुख्य अधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया. उसके बाद मानपुर पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया. तहरीर में जान से मारने की धमकी और पास ही स्थित तालाब में डुबोकर मारने जैसे गंभीर आरोप पत्रकार ने आरोपियों पर लगाए हैं. साथ ही तहरीर में सोने की चेन और 10,000 रुपए छीनने का आरोप भी है.
उत्तर प्रदेश ‘मान्यता प्राप्त पत्रकार महासभा’ ने शैलेंद्र पर हुए इस जानलेवा हमले की घोर निंदा की है. संगठन के चेयरमैन इमरान अली ने कहा कि प्रदेश में निरंतर हो रहे पत्रकारों पर हमलों का संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा हेतु पत्रकार सुरक्षा कानून बनाना चाहिए. प्रदेश उपाध्यक्ष विनीत गुप्ता ने कहा कि हमलावरों पर रासुका/गैंगस्टर जैसी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि अन्य अपराधी पत्रकारों पर हमला करने का दुस्साहसन करें. साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि सीतापुर पुलिस प्रशासन ने ऐसा नहीं किया तो संगठन धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होगा.
इस पर पुलिस ने संज्ञान लेते हुए पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की. पुलिस मीडिया सेल के जारी प्रेस नोट के मुताबिक, मानपुर पुलिस ने मारपीट करने वाले बिरैंचा निवासी झोलाछाप डा. अब्दुल गनी की पत्नी शबी इरम व उनके लड़कों समेत चार लोगों के विरुद्ध गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. जिनमें से 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. बाकि की तलाश जारी है. इस मामले में त्वरित और कठिन कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए केस की मॉनिटरिंग खुद पुलिस अधीक्षक कर रहे हैं.
घटना को विस्तार से जानने के लिए हमने न्यूज एजेंसी “शार्प मीडिया” जिसके तहत शैलेंद्र काम करते हैं के एडीटर इमरान अली से बात की.
इमरान ने बताया, “9 अगस्त को मानपुर क्षेत्र में एक गांव में हमारे पत्रकार अवैध रूप से संचालित अस्पताल की कवरेज करने गए थे. जैसे ही इन्होंने पीटीसी करना शुरू किया, उन लोगों ने हमला कर दिया, मारना शुरू कर दिया. सर पर कुछ मारा तो वह बेहोश हो गए. इसके बाद उन्हें सामने तालाब में धकेल दिया.”
अली आगे कहते हैं, “गनी की पत्नी कैमरामैन पर झपट पड़ी. ये महिला शातिर अपराधी है. ये एक साल पहले भी 120 लोगों को फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रूपए की ठगी कर चुकी है, उसका मुकदमा भी खैराबाद थाने में कायम है.”
“शैलेंद्र किसी तरह बचकर थाना तालगांव पहुंचा तो वहां पुलिस ने यह कहकर टरका दिया कि यह हमारे क्षेत्र का मामला नहीं है. फिर जब ये वहां पहुंचे तो आरोपी वहीं बैठे थे और पुलिसवालों ने कहा कि आपने महिला को छेड़ा है. फिर इन्होंने हमें फोन मिलाया. तब तक वह बेहोश भी होने लगा था.हमने फिर यहां लखनऊ आईजी लक्ष्मी सिंह को फोन किया और हमारे रिपोर्टर ने जो प्रशासन कवर करता है अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को फोन कर घटना से अवगत कराया,” इमरान ने कहा.
इमरान आगे बताते हैं, “जिससे फिर अब ऐसी कार्यवाही हुई है कि अभी तक सीतापुर जिले के देहात में किसी पत्रकार के मामले में ऐसी कार्यवाही नहीं हुई.अब अस्पताल को भी सील कर दिया गया है. कई लोगों को जेल भेज दिया गया है और बाकी के लिए टीम गठित कर दी गई है.”
Also Read
-
How Muslims struggle to buy property in Gujarat
-
A flurry of new voters? The curious case of Kamthi, where the Maha BJP chief won
-
Scapegoat vs systemic change: Why governments can’t just blame a top cop after a crisis
-
Delhi’s war on old cars: Great for headlines, not so much for anything else
-
डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट: गुजरात का वो कानून जिसने मुस्लिमों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना असंभव कर दिया