Khabar Baazi
ज़ी राजस्थान के हेड आशीष दवे को सुप्रीम कोर्ट से राहत, चैनल ने लगाए हैं उगाही के आरोप
सुप्रीम कोर्ट ने ज़ी राजस्थान और ज़ी 24 घंटा के पूर्व चैनल हेड आशीष दवे को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है. यह मामला ज़ी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (जे़डएमसीएल) द्वारा दर्ज कराई गई उस एफआईआर से जुड़ा है. मामले में दवे पर जबरन वसूली, धोखाधड़ी और चैनल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
दरअसल, ज़ी की ओर से दी गई शिकायत पर 4 सितंबर 2025 को जयपुर के अशोक नगर थाने में एक एफआईआर दर्ज हुई थी. कंपनी की ओर से संजू राजू का आरोप था कि दवे अपने पद का गलत इस्तेमाल कर अलग-अलग वेंडरों और बाहरी लोगों से पैसों की मांग करते थे और मांग पूरी न होने पर नकारात्मक खबरें चलाने की धमकी देते थे.
शिकायत के अनुसार, इन गतिविधियों से कंपनी की साख पर गंभीर असर पड़ा और आर्थिक नुकसान भी हुआ. इसी दौरान कंपनी ने दवे को नौकरी से भी हटा दिया.
एफआईआर में बीएनएस की कई धाराएं लगाई गईं, और बाद में पुलिस ने कोर्ट को बताया कि कि कई गवाहों ने दवे पर दबाव बनाकर पैसे मांगने के आरोप लगाए हैं. कुछ लोगों ने यह भी कहा कि उनसे एक बिचौलिए के जरिए कई बार रकम वसूली गई. पुलिस ने इस मामले में दस्तावेज़, बैंक रिकॉर्ड, पेन ड्राइव जैसी सामग्री भी जब्त की है.
वहीं, आरोपों के खिलाफ आशीष दवे ने राजस्थान हाई कोर्ट का रुख किया और एफआईआर को झूठा और अस्पष्ट बताते हुए रद्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह मामला असल में उनके और कंपनी के बीच का है. और, इसमें कोई अपराध नहीं बनता.
हालांकि, हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ने जांच को जारी रखते हुए केवल इतना निर्देश दिया कि किसी भी कठोर कदम से पहले कानून के तहत नोटिस दिया जाए और दवे को जांच में पूरा सहयोग करना होगा.
इसके बाद दवे ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने 1 दिसंबर 2025 को इस मामले की सुनवाई करते हुए राजस्थान पुलिस और कंपनी को नोटिस जारी किया और जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम राहत को बढ़ा दिया और कहा कि फिलहाल दवे के खिलाफ कोई ‘कठोर कार्रवाई’ नहीं की जाएगी, बशर्ते वे जांच में सहयोग करते रहें.
2 दिसंबर 2025 तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और जांच अभी चल रही है. सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई अब दो हफ्तों बाद होगी.
भ्रामक और गलत सूचनाओं के इस दौर में आपको ऐसी खबरों की ज़रूरत है जो तथ्यपरक और भरोसेमंद हों. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और हमारी भरोसेमंद पत्रकारिता का आनंद लें.
Also Read
-
Two-thirds of Delhi does not have reliable air quality data
-
TV Newsance 323 | Distraction Files: India is choking. But TV news is distracting
-
‘Talks without him not acceptable to Ladakh’: Sonam Wangchuk’s wife on reality of normalcy in Ladakh
-
Public money skewing the news ecosystem? Delhi’s English dailies bag lion’s share of govt print ads
-
Month after govt’s Chhath ‘clean-up’ claims, Yamuna is toxic white again