NL Charcha
एनएल चर्चा 398: माओवादी कमांडर हिडमा का खात्मा, मतदान में बढ़ती महिलाओं की भागेदारी और दिल्ली ब्लास्ट के अनसुलझे सवाल
एनएल चर्चा में इस हफ्ते नीतीश कुमार के 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए जाने, 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 6 माओवादियों समेत कुख्यात माओवादी माडवी हिडमा एवं उसकी पत्नी राजे का एनकाउंटर और लाल क़िला के पास हुए ब्लास्ट के बाद श्रीनगर के नौगाम पुलिस थाने में हुए धमाके में नौ लोगों की मौत और 27 पुलिसकर्मी समेत 32 घायल होने लेकर विस्तार से बात हुई.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य विधानसभाओं में पारित विधेयकों को मंजूरी देने के संबंध में राज्यपाल एवं राष्ट्रपति के लिए अपने पूर्व के फैसले को पलटते हुए कोई समयसीमा तय नहीं करने का फैसला देना, केरल एवं पश्चिम बंगाल में एसआईआर से प्रक्रिया से जुड़े बीएलओ का आत्महत्या करना, कांग्रेस द्वारा एसआईआर के विरोध में रामलीला मैदान में धरने की घोषणा करना, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा मोहम्मद अख़लाक़ की लिंचिंग के आरोपियों के खिलाफ सभी मुकदमे वापस लेने की अर्जी दायर करना और अंतर्राष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल द्वारा मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मृत्युदंड की सज़ा सुनाना आदि ख़बरें भी हफ्तेभर की सुर्खियों में शामिल हैं.
इस बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखिका रूही तिवारी और हृदयेश जोशी शामिल हुए. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से संपादकीय निदेशक मनीषा पांडे, सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, न्यूजलॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने चर्चा का संचालन किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल चौरसिया ने रूही तिवारी से उनकी किताब का संदर्भ लेते हुए पूछा कि बिहार में जिस तरह से कहा गया कि एनडीए खासकर नीतीश की सफलता के पीछे महिला केंद्रित योजनाएं हैं, और वह खुद भी बीते सालों से जाति, धर्म और परिवार के दबाव से उठकर खुदमुख्तारी से वोट कर रही हैं, ऐसे में आपकी किताब इसे कैसे देखती है?
इसके जवाब में रूही कहती हैं, “साल 2014 से राष्ट्रीय स्तर पर इसकी चर्चा होती है कि महिलाएं एक वोट बैंक के तौर पर मौजूद हैं लेकिन कहीं न कहीं हम पूरी तरह से इस मुद्दे को समझते नहीं हैं कि महिला मतदाता क्यों वोट दे रही है और सरकार से उनकी क्या उम्मीदें हैं. इसलिए मुझे ऐसा लगा कि कोई इस बारे में थोड़ा रिसर्च करके लिखे कि आखिर एक महिला मतदाता चाहती क्या हैं और वो कैसे अपना वोट देती हैं. क्या उनकी पहचान महिला की है, जाति के तौर है या फिर धर्म भी उसमें कहीं शामिल है.
सुनिए पूरी चर्चा
टाइमकोड्स:
00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना
04:05 - सुर्खियां
09:04 - अखलाक की लिंचिंग पर यूपी सरकार का फैसला
16:51- रूही तिवारी की किताब और महिला वोटर पर बातचीत
36:29 - सब्सक्राइबर के पत्र
40:00 - कुख्यात माओवादी माडवी हिडमा और पत्नी राजे का एनकाउंटर
01:03:18 - दिल्ली ब्लास्ट के श्रीनगर से जुड़ते तार
01:21:11 - सलाह और सुझाव
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पत्रकारों की राय-क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
हृदयेश जोशी
द वायर पर आशुतोष भारद्वाज का लेख
वीडियो रिपोर्ट- एक माओवादी की चिट्ठी
शार्दूल कात्यायन
न्यूज़लॉन्ड्री पर प्रतीक गोयल की रिपोर्ट
1984 के दंगों पर आधारित फिल्म- माचिस
न्यूज़लॉन्ड्री पर शार्दूल कात्यायन की रिपोर्ट
मनीषा पांडे
रूही तिवारी की किताब- व्हाट वीमेन वांट
वेबसीरीज- दिल्ली क्राइम का तीसरा सीजन
रूही तिवारी
कनाडाई लेखक रोहिंटन मिस्त्री की किताबें
वेबसीरीज- ऑल हर फॉल्ट
विकास जांगड़ा
द डेली स्टार पर लेख
ढाका ट्रिब्यून पर लेख
अतुल चौरसिया
हृदयेश जोशी की किताब- लाल लकीर
द वायर पर आशुतोष भारद्वाज का लेख
चर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.
ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी
प्रोडक्शन : सैफ अली एकराम
संपादन: हसन बिलाल
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