अतुल चौरसिया, राहुल गांधी और अंजना ओम कश्यप की तस्वीर.
NL Tippani

बहन-बेटी के बचाव में, चुनाव आयोग मैदान में

चुनाव आयोग और विपक्ष का मामला बहुत गर्म हो गया है. एक जमाने के बाद चुनाव आयोग अपने सोर्सेस का सहारा छोड़ सीधे प्रेस कॉन्फ्रेंस से रूबरू होने पहुंचा. इस तरह जनता ने पहली बार ठीक से मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का चेहरा देखा. लेकिन बस चेहरा ही देखा और क्या खूब देखा. उम्मीद थी कि ज्ञानेश कुमार मतदाता सूची पर उठ रहे सवालों का जवाब देंगे, पर वो किसी सधे हुए राजनेता की तरह चुनौती, माफीनामा और बहन-बेटी की इज्जत बचाने लगे. 

दूसरी तरफ आज तक और अंजना ओम कश्यप का जहर बुझा 14 अगस्त का जश्न था. अच्छी बात यह है कि झूठ अब लंबा नहीं चलता. ऑल्ट न्यूज़ ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार वाली अंजना ओम कश्यप की ख़बर की बखिया उधेड़ दी. कैसे उसके लिए आप यह टिप्पणी देखिए. 

Also Read: लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर मागा-मीगा वाली दोस्ती और जज्बाती अंकल का क़हर

Also Read: जज्बाती अंकल, डंकापति, एनडीटीवी और पप्पू यादव