Khabar Baazi
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार ने 1,400 से अधिक डिजिटल यूआरएल ब्लॉक किए
केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान डिजिटल मीडिया पर 1,400 से अधिक यूआरएल को ब्लॉक किया गया.
यह कदम उस दावे के कुछ हफ्तों बाद सामने आया है जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) ने कहा था कि उसने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश पर रॉयटर्स सहित 2,300 से अधिक खातों को ब्लॉक किया, जिसे सरकार ने बाद में खारिज कर दिया था.
लोकसभा में बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या के तारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में वैष्णव ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान फर्जी खबरों, खातों और भ्रामक सूचनाओं से निपटने के लिए सरकार ने कई अहम कदम उठाए. उन्होंने कहा, “यह देखा गया कि कुछ सोशल मीडिया हैंडल, जिनमें से कई भारत के बाहर से संचालित हो रहे थे, सक्रिय रूप से झूठी और संभावित रूप से हानिकारक जानकारी फैला रहे थे. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69A के तहत, भारत की संप्रभुता, एकता, रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के हित में सरकार ने वेबसाइटों, सोशल मीडिया हैंडल और पोस्टों को ब्लॉक करने के लिए आवश्यक आदेश जारी किए.”
वैष्णव ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मंत्रालय ने डिजिटल मीडिया पर 1,400 से अधिक यूआरएल को ब्लॉक करने के निर्देश भी जारी किए. इन यूआरएल में झूठी, भ्रामक, भारत विरोधी समाचार सामग्री, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जानकारी (जो मुख्य रूप से पाकिस्तान-आधारित सोशल मीडिया खातों से थी) और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ भड़काऊ सामग्री शामिल थी.
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने एक 24x7 केंद्रीकृत कंट्रोल रूम स्थापित किया है, जिसकी निगरानी रक्षा बलों, सरकारी मीडिया इकाइयों और प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा रीयल टाइम सूचना साझा करने के लिए की गई.
मंत्री ने कहा कि पीआईबी की फैक्ट चेक इकाई सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक सूचनाओं को सक्रिय रूप से ट्रैक करती है और उनका खंडन करती है, सत्यापित जानकारी साझा करती है तथा फर्जी पोस्टों के खिलाफ कार्रवाई करती है.
मई महीने में ‘द वायर’ भी उन मीडिया संस्थानों में शामिल था जिन्हें ब्लॉक किया गया. खबर के अनुसार, जब इस पोर्टल ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखा, तो उसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जवाब मिला जिसमें कहा गया कि राफेल जेट पर सीएनएन की रिपोर्ट का हवाला देने के कारण उसे ब्लॉक किया गया था. ‘द वायर’ द्वारा वह लेख हटाने के बाद, कथित तौर पर उस पर से प्रतिबंध हटा लिया गया.
न्यूज़लॉन्ड्री ने पहले रिपोर्ट किया था कि एक्स ने 2021 के किसान आंदोलन पर पोस्ट करने वाले पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के लगभग 250 खातों को हटाने की बात स्वीकार की थी. मोदी सरकार ने अप्रैल 2021 में भी ऐसे ही निर्देश जारी किए थे, जिनके तहत सरकार की कोविड प्रतिक्रिया की आलोचना करने वाले ट्वीट्स को हटाने को कहा गया था.
भ्रामक और गलत सूचनाओं के इस दौर में आपको ऐसी खबरों की ज़रूरत है जो तथ्यपरक और भरोसेमंद हों. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और हमारी भरोसेमंद पत्रकारिता का आनंद लें.
Also Read
-
A conversation that never took off: When Nikhil Kamath’s nervous schoolboy energy met Elon Musk
-
Indigo: Why India is held hostage by one airline
-
2 UP towns, 1 script: A ‘land jihad’ conspiracy theory to target Muslims buying homes?
-
‘River will suffer’: Inside Keonjhar’s farm resistance against ESSAR’s iron ore project
-
Who moved my Hiren bhai?