Khabar Baazi
रॉयटर्स अकाउंट ब्लॉकिंग पर टकराव: सरकार का दावा था आदेश नहीं दिया, एक्स ने कहा मिला था
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) ने भारत सरकार के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि रॉयटर्स के अकाउंट्स को ब्लॉक करने का कोई आदेश नहीं दिया गया.
मालूम हो कि शनिवार रात, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) ने @Reuters और @ReutersWorld के अकाउंट्स को भारत में ब्लॉक कर दिया गया. इन अकाउंट्स पर विज़िट करने पर एक संदेश दिखाई दिया. जिसमें लिखा था, “यह अकाउंट भारत में कानूनी मांग के जवाब में रोका गया है.”
ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स हैंडल पर जारी बयान में एक्स का कहना है कि उसे 3 जुलाई 2025 को भारत सरकार से 2,000 से अधिक अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश मिला था, जिनमें रॉयटर्स और उससे जुड़े अकाउंट्स भी शामिल थे. सरकार की ओर से जारी आदेश आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत आया था और इसमें एक घंटे के भीतर कार्रवाई करने को कहा गया था.
एक्स के अनुसार, आदेश का पालन न करने पर आपराधिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी.
इस तरह इस पूरे विवाद में अब एक नया मोड़ आ गया है. इससे पहले भारत सरकार की ओर से दावा किया गया था कि रॉयटर्स के अकाउंट को ब्लॉक करने का आदेश कभी जारी नहीं किया गया. वहीं, जबकि एक्स ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसे @Reuters और @ReutersWorld सहित कई अकाउंट्स को भारत में ब्लॉक करने के लिए बाध्य किया गया.
यूजर्स से अदालत का दरवाजा खटखटाने की अपील
एक्स ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर प्रेस सेंसरशिप पर गंभीर चिंता जताई है और कहा है कि वह सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है. साथ ही, उसने प्रभावित यूज़र्स से अपील की है कि वे न्यायालय में इस कार्रवाई को चुनौती दें.
एक्स ने लिखा, “भारत में जारी ब्लॉकिंग आदेशों के कारण मीडिया पर सेंसरशिप को लेकर हम बेहद चिंतित हैं. एक्स कानूनी रास्ते तलाश रहा है, लेकिन भारतीय कानून के कारण हम सीधे कोर्ट नहीं जा सकते. हम प्रभावित यूज़र्स से अपील करते हैं कि वे अदालत में न्याय की मांग करें.”
एक्स के इस बयान और उसकी भाषा से साफ है कि यह मामला अब टकराव की ओर बढ़ता नजर आ रहा है.
भ्रामक और गलत सूचनाओं के इस दौर में आपको ऐसी खबरों की ज़रूरत है जो तथ्यपरक और भरोसेमंद हों. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और हमारी भरोसेमंद पत्रकारिता का आनंद लें.
Also Read
-
No FIR despite complaints: Muslim families say forced to leave Pune village amid ‘boycott, threats’
-
Let Me Explain: CBFC or censorship bureau? Who’s deciding what India can watch
-
Long hours, low earnings, paying to work: The brutal life of an Urban Company beautician
-
How Muslims struggle to buy property in Gujarat
-
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को अग्रिम जमानत देने से इनकार