Report
छात्र की आत्महत्या के बाद फिर सवालों के घेरे में लखनऊ का नर्सिंग कॉलेज
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के समर्पण इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंस कॉलेज एक बार फिर से सवालों के घेरे में हैं. यहां बीते 5 जून को बी. फार्मा के छात्र शुभम कुमार ने आत्महत्या कर ली. 22 वर्षीय शुभम रायबरेली के रहने वाले थे और कॉलेज में चौथे वर्ष के छात्र थे.
उनके भाई अमित कुमार का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन फीस को लेकर शुभम को लगातार परेशान कर रहा था. उन्होंने न्यूजलॉन्ड्री को बताया, “भाई ने फोन पर फीस का जिक्र किया था. उसने कहा था कि कॉलेज प्रशासन उसे वाइवा में बैठने नहीं दे रहा है लेकिन मुझे चिंता करने से मना किया था.”
अमित ने इस बारे में पुलिस को एक शिकायत भी दी है. शिकायत में उसने बताया कि भाई शुभम कुमार को कॉलेज प्रशासन पिछले एक साल से फीस के साथ-साथ जातिगत आधार पर भी प्रताड़ित कर रहा था.
अमित ने कहा कि शुभम को लगातार मानसिक तनाव झेलना पड़ा. शुभम की कोई फीस बकाया नहीं थी, फिर भी आए दिन पैसे मांगे जाते थे.
फिलहाल, चिनहट थाना पुलिस ने इस मामले में प्रिंसिपल डॉ. नीरज कुमार, कक्षाध्यापक गरिमा सिंह, डीन दीप्ति शुक्ला, कैशियर मोहम्मद फैज़ और एकाउंटेंट आशीष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. जिसमें एससी/एसटी एक्ट के अलावा आत्महत्या के लिए उकसाने की भी धारा जोड़ी गई हैं.
सुसाइड नोट में फीस का जिक्र
मृतक छात्र शुभम ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा है. जिसमें उसने फीस के लगातार दबाव से परेशान होकर जान देने की बात कही है. शुभम ने लिखा, "सब सही चल रहा था लेकिन फिर से बकाया फीस की बात सामने आ गई, जिससे मैं परेशान हो गया हूं. मैं खुद को बेगुनाह साबित नहीं कर पा रहा, मुझे माफ कर देना.” हालांकि, इस नोट में जातिगत आधार पर प्रताड़ित किए जाने का कोई जिक्र नहीं है.
शुभम के सहपाठी आकाश राव ने बताया कि वह अक्सर फ़ीस को लेकर परेशान रहता था, कई बार इसका जिक्र उसने किया भी था. शुभम पढ़ने में अच्छा था. राव ने बताया कि प्रिंसिपल ने आदेश दिया था कि जिसकी फीस बकाया है उसे प्रैक्टिकल में बैठने नहीं दिया जाएगा, अध्यापिका गरिमा उनके इसी आदेश को मान रही थीं. वहीं, गरिमा से हमने जब इस बारे में जानने के लिए संपर्क किया तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया.
कॉलेज प्रशासन ने अमित के जातिगत आधार पर प्रताड़ना के आरोपों का खंडन किया है. कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. नीरज कुमार ने न्यूजलॉन्ड्री से बातचीत में कहा, “घटना के वक्त मैं कॉलेज में मौजूद नहीं था. मुझे बाद में इसकी जानकारी मिली. फीस को लेकर अकाउंटेंट आशीष से गलती हुई है. फीस बकाया नहीं थी लेकिन सिस्टम में अपडेट नहीं हुआ था. जिसके चलते शुभम से फ़ीस की मांग की गई थी.”
प्रिंसिपल नीरज कुमार के मुताबिक, “शुभम पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं था लेकिन परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई थी. वाइवा में न बैठने देने की कोई जानकारी नहीं है. अगर वह बैठना चाहता तो बैठ सकता था.”
कॉलेज के डायरेक्टर आर.एस. दुबे ने भी आरोपों को गलत बताया. उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना मेरे करियर में पहली बार हुई है. छात्र ने फीस के कारण आत्महत्या नहीं की है, जो बातें कही जा रही हैं, वह गलत हैं.”
इस मामले में चिनहट पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि फिलहाल एकाउंटेंट आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके अलावा प्रिंसिपल डॉ. नीरज कुमार, डायरेक्टर आरएस दुबे और कक्षाध्यापक गरिमा सिंह के बयान दर्ज किए गए हैं. मामले की जांच जारी है.
गौरतलब है कि इससे पहले साल 2023 भी समर्पण कॉलेज की एक दलित छात्रा नेहा ने कॉलेज पर जातिगत आधार पर भेदभाव और प्रताड़ना के आरोप लगाए थे. नेहा के मामले में ज्यादा जानकारी के लिए ये स्टोरी पढ़ें.
भ्रामक और गलत सूचनाओं के इस दौर में आपको ऐसी खबरों की ज़रूरत है जो तथ्यपरक और भरोसेमंद हों. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और हमारी भरोसेमंद पत्रकारिता का आनंद लें.
Also Read
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
4 years, 170 collapses, 202 deaths: What’s ailing India’s bridges?
-
‘Grandfather served with war hero Abdul Hameed’, but family ‘termed Bangladeshi’ by Hindutva mob, cops
-
India’s dementia emergency: 9 million cases, set to double by 2036, but systems unprepared
-
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का सार: क्रेडिट मोदी का, जवाबदेही नेहरू की