अनमोल प्रितम और बैकग्राउंड में बंकर.
Ground Report

बॉर्डर के गांव जहां बंकर के अभाव में दांव पर लगती हैं जिंदगियां

भारत पाकिस्तान के बीच तनाव या तनाव जैसी किसी भी स्थिति में इसका सबसे ज्यादा खामियाजा वह लोग भुगतते हैं जो भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब रहते हैं. हालिया भारत पाकिस्तान तनाव के दौरान सीमा पार से की गई गोलीबारी में जम्मू कश्मीर के कम से कम 16 आम नागरिकों की मौत हो गई. इनमें सबसे ज्यादा मौतें जम्मू कश्मीर के पुंछ शहर में हुईं. 

इसके अलावा राजौरी और पुंछ के कई गांव भी इसकी चपेट में आए. यहां रहने वाले भारतीय ग्रामीणों की हमेशा से यह मांग रही है कि सरकार उन्हें बंकर उपलब्ध कराए ताकि गोलीबारी के दौरान वह खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें. इसी को ध्यान में रखते हुए साल 2018 में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में लगभग 415 करोड़ रुपए खर्च करके 14460 बंकर बनाने का फैसला लिया. 

2018 से लेकर यह योजना धरातल पर कितनी पहुंची है यह जानने के लिए हमने करीब चार गांवों का दौरा किया. इसमें पुंछ का एक गांव मंधार और राजौरी के तीन गांव लाम,  पुखरनी और लडोका शामिल हैं. इन सारे गांवों में अपनी पड़ताल के दौरान हमने पाया कि किसी भी गांव में आबादी के हिसाब से पर्याप्त बंकर नहीं हैं.

इसके अलावा सरहद के पास के इन गांवों में और भी कई समस्याएं हैं. जानने के लिए देखिए हमारी यह वीडियो रिपोर्ट-

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