NL Charcha
एनएल चर्चा 368: पहलगाम में आतंकवाद पर भारत की प्रतिक्रिया और निशिकांत दुबे पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
इस हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत और भारत द्वारा इस हमले की प्रतिक्रिया में लिए गए फैसलों को लेकर विस्तार से बातचीत हुई.
इसके अलावा पहलगाम हमले के बाद देशभर में कई जगहों पर बनी तनाव की स्थिति, जम्मू-कश्मीर के छात्रों को वापस जाने के लिए कहा गया, साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों को बनाया गया निशाना, जम्मू में भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता राकेश शर्मा द्वारा सुरक्षा में हुई चूक को लेकर सवाल करने पर हमला किया, सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की सीजेआई संजीव खन्ना पर की गई टिप्पणी को लेकर कार्रवाई की मांग की, दिल्ली हाई कोर्ट ने रूहअफजा को शरबत जिहाद कहने पर बाबा रामदेव को लगाई फटकार, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के कई ज़िलों में साइन बोर्ड्स पर उर्दू के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली याचिका की ख़ारिज और ईसाई संप्रदाय के कैथोलिक मत के प्रमुख पोप फ्रांसिस की मृत्यु आदि ख़बरें भी हफ्ते भर सुर्ख़ियों में रहीं.
इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, और द हिन्दू अख़बार की डिप्टी एडिटर विजैता सिंह शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और स्तंभकार आनंदवर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “चिंताजनक बात यह है कि पहचान करके हिन्दुओं को मारा गया है और इसका दूसरा चिंताजनक पहलू यह है कि यह सुरक्षा में हुई बड़ी चूक है, जिस पर बात नहीं हो रही, लोगों की मौत हो जाती है और उसके बाद हम दूसरी बहसों में खो जाते हैं लेकिन कोई ज़िम्मेदारी निर्धारित नहीं होती, सुरक्षा एजेंसियां क्यों नहीं इसे ट्रैक कर पाईं?”
इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए विजैता कहती हैं, “अभी कूटनीतिक स्तर पर भारत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन पुलवामा के समय हुई बालाकोट स्ट्राइक जैसा कोई कदम अभी नहीं उठाया गया है, और आगे उठाया जाएगा या नहीं ये अभी कहा नहीं जा सकता.”
सुनिए पूरी चर्चा-
नोट: अपने पत्र भेजने के लिए यहां क्लिक करें.
टाइमकोड्स
00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना
03:05 - सुर्खियां
15:50 - पहलगाम हमले पर भारत की प्रतिक्रिया
1:9:39- सब्सक्राइबर्स के पत्र
1:19:45 - निशिकांत दुबे का बयान
01:38:50 - सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय-क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
शार्दूल कात्यायन
न्यूज़लॉन्ड्री पर डॉक्यूमेंट्री - कैंपस पे क्रैकडाउन
सीरीज़ - द डे ऑफ़ द जैकल
फिल्म - स्पॉटलाइट
विजेता सिंह
पॉल लिंच की किताब - प्रॉफेट सांग
हृदयेश जोशी
अजय साहनी का इंडियन एक्सप्रेस पर लेख
श्याम सरन का इंडियन एक्सप्रेस पर लेख
आनंदवर्धन
गोपाल कृष्ण गांधी की किताब - द अनडाईंग लाइट
अतुल चौरसिया
न्यूज़लॉन्ड्री पर डॉक्यूमेंट्री - कैंपस पे क्रैकडाउन
श्याम सरन का इंडियन एक्सप्रेस पर लेख
चर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.
ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा
प्रोड्यूसर: तीस्ता रॉय चौधरी
संपादन: हसन बिलाल
Also Read
-
No FIR despite complaints: Muslim families say forced to leave Pune village amid ‘boycott, threats’
-
Why are tribal students dropping out after primary school?
-
Let Me Explain: CBFC or censorship bureau? Who’s deciding what India can watch
-
How Muslims struggle to buy property in Gujarat
-
At least 300 end-of-life vehicles in Delhi Police fleet, RTI suggests