Khabar Baazi
केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव बोले- डिजिटल मीडिया को मिले अपनी उचित हिस्सेदारी
डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स एसोसिएशन द्वारा गुरुवार को दिल्ली में आयोजित कॉन्क्लेव में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णण ने कहा कि मीडिया इन दिनों पारंपरिक तौर तरीकों से डिजिटल की ओर बढ़ रहा है.
उन्होंने डिजिटल मीडिया से नए दौर में सामने आ रही चुनौतियों पर चर्चा करने और सरकार को एक स्पष्ट कार्यक्रम सौंपने की बात कही.
वैष्णव ने कहा कि पहले अखबार और टीवी मीडिया एक प्रमुख माध्यम थे लेकिन इन दिनों इसकी जगह डिजिटल मीडिया ने ले ली है. ऐसे में जरूरी है कि मीडिया से जुड़े लोग अपने आप को भी इस नए दौर के लिए तैयार करें.
उन्होंने कहा कि कंटेंट क्रिएटर्स के महत्व और एडिटोरियल चेक के बाद आनेवाले कंटेंट का महत्व क्यों है, ऐसे विषयों पर साफ तौर पर चर्चा होनी चाहिए और सरकार को इस बारे में अवगत कराना चाहिए ताकि उससे सरकार को नीति निर्धारण करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश मिल पाएं. उन्होंने कहा कि इस बीच डिजिटल मीडिया को जो मदद चाहिए उसके लिए सरकार हर तरह से तैयार है.
उन्होंने आगे कहा, “इस कॉन्क्लेव में ट्रैडिशनल मीडिया की भूमिका और मीडिया उद्योग इन दिनों आ रहे परिवर्तनों के अनुकूल कैसे हो इस जरूर चर्चा होनी चाहिए.”
गौरतलब है कि डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स एसोसिएशन 20 मीडिया कंपनियों का एक समूह है.
वैष्णव ने कहा कि पूरा देश मीडिया को एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी के साथ देखता है. पारंपरिक से डिजिटल मीडिया की तरफ आ रहे बदलाव को कैसे आसान बनाया जा सकता है इस बारे में सरकार को सुझाव आने चाहिए.
गौरतबल है कि अश्विनी वैष्णव का यह बयान ऐसे समय आया है, जब देश भर में पिछले कुछ समय से एआई के उपयोग और उससे जुड़ी कानूनी चुनौतियां के साथ-साथ कॉपीराइट के मुद्दे भी सामने आ रहे हैं. इसी के चलते डीएनपीए के कई सदस्यों ने ओपन एआई के खिलाफ कथित कॉपीराइट उल्लंघन के कारण अदालत में मुकदमा भी दायर किया है.
वहीं इस दौरान सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने टेक कंपनियों की तरफ से डिजिटल पब्लिशर्स को उचित हिस्सेदारी मिलने की आवश्यकता पर जोर दिया.
Also Read
-
How booth-level officers in Bihar are deleting voters arbitrarily
-
TV Newsance Live: What’s happening with the Gen-Z protest in Nepal?
-
More men die in Bihar, but more women vanish from its voter rolls
-
20 months on, no answers in Haldwani violence deaths
-
South Central 43: Umar Khalid’s UAPA bail rejection and southern leaders' secularism dilemma