अशोक अग्रवाल और अनमोल प्रितम की तस्वीर.
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अशोक अग्रवाल: राजनीति के जरिए ही बड़ा बदलाव लाया जा सकता है

दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. मतदान से पहले सभी पार्टियां चुनावी दंगल में जोर-आजमाइश कर रही हैं. भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के अलावा वामपंथी पार्टियां भी कुछ सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने यहां दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें से एक उम्मीदवार करावल नगर क्षेत्र से अशोक अग्रवाल हैं. 

अशोक अग्रवाल का नाम उन चंद शख्सियतों में शामिल है, जिन्होंने गरीबों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हेतू लगातार प्रयास किए हैं. दिल्ली हाईकोर्ट के अपने छोटे से चेंबर से बड़ी-बड़ी कानूनी लड़ाइयां लड़ने वाले अशोक अग्रवाल अब एक और अहम लड़ाई लड़ने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं. 

एक एक्टिविस्ट से राजनेता बनने का फैसला उन्होंने क्यों लिया, ये पूछे जाने पर अग्रवाल कहते हैं, “अदालतों में काम तो होता है लेकिन उनकी भी एक सीमा है. बड़े बदलाव केवल राजनीति के जरिए ही संभव हैं." 

इस चुनावी दंगल में अशोक अग्रवाल ने आम आदमी पार्टी के विकास संबंधी दावों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "यह अच्छी बात है कि उन्होंने शिक्षा के मुद्दे को उठाया लेकिन इस मुद्दे पर उन्होंने प्रचार ज्यादा किया और काम कम."

विपक्षी दलों के बाकी दावों और नीतियों समेत अशोक अग्रवाल से कई अहम मुद्दों पर बात हुई. देखिए ये वीडियो. 

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